बदन सिंह बद्दो की फरारी के बाद बंदियों के वाहनों की हो रही निगरानी

वज्र वाहनों में जीपीएस लगाने की चल रही थी प्रक्रिया

आरआई, एसएसपी, एडीजी आईजी को मिल रही लोकेशन

Meerut। कुख्यात बदमाश बदन सिंह बद्दो की फरारी को करीब एक साल होने गया है, लेकिन अभी तक वह पुलिस की पकड़ से बाहर है। वाहनों की गतिविधियों पर सख्ती और निगरानी के लिए मेरठ के नौ वज्र वाहनों में जीपीएस लगाया गया है। इससे बंदी वाहनों की पल-पल की लोकेशन लगातार मिल रही है। ऐसे में कोई और वारदात न हो, इसको लेकर फैसला लिया गया है।

सात वाहनों में सुविधा

गौरतलब है कि मेरठ पुलिस के पास बंदियों की पेशी के लिए नौ वज्र वाहन हैं, जिसमें से दो वाहन खराब चल रहे है, ऐसे में सात वाहनों में लगातार बंदियों की पेशी एक जिले से दूसरे जिले और राज्यों में कराई जा रही है। जहां भी बंदी वाहन पहुंचता है तो वहां की लोकेशन लगातार मेरठ के एसएसपी, आईजी, एडीजी के पास पहुंच जाती है। मकसद यह है कि बदन सिंह बद्दो के भागने जैसी वारदात दोबारा न हो।

मिलती रहती थीं शिकायतें

अक्सर शिकायत मिलती थी कि लगातार बंदियों को पुलिसकर्मी मौज मस्ती और शापिंग कराते हैं। मौका पाकर कई बंदी पुलिस की गिरफ्त से भाग निकले। यही नहीं कई बंदियों ने तो साजिश भी रची। इस तरह की लगातार शिकायतें मिल रही थी। इसके मद्देनजर जीपीएस लगाने का फैसला लिया गया। ऐसे में अब पुलिसकर्मियों की मनमानी पर लगाम लगेगी। किसी तरह की कोई भी वारदात न हो इसलिए वज्र वाहनों पर जीपीएस के जरिए निगरानी रखी जाएगी।

बंदियों को ले जाने वाले नौ व्रज वाहनों में जीपीएस लगाया गया है। दो वाहन खराब चल रहे है। सात वाहनों में जीपीएस वर्क चल रहा है। आरआई, एसएसपी, आईजी, एडीजी के मोबाइल पर लोकेशन आ रही है। अब पुलिसकर्मियों की मनमानी पर लगाम लग सकेगी। बंदी भी मौज मस्ती नहीं कर सकेंगे।

होरी लाल सिंह, प्रतिसार निरीक्षक

जेल में आम बंदी से अलग रखे जाएंगे हिंसा के उपद्रवी

बीती दिनों शहर में हिंसा करने वाले आरोपियों पर सख्त नजर रखी जा रही है। जेल में आम बंदियों से अलग बैरक में उपद्रवियों को रखा जा रहा है। ताकि किसी तरह का जेल में भी माहौल खराब करने का भी प्रयास न हो। जेल में उपद्रवियों की हरकतों पर पूरी नजर रखी जा रही है। वहीं एसआईटी टीम भी जेल में आरोपियों से पूछताछ करने के लिए गई थी। कुछ आरोपियों को रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ करने की तैयारी में है।

अलग क्यों उपद्रवी?

दरअसल, जेल में लूट, डकैती, मर्डर, रेप, छेड़छाड़, देशद्रोही, आतंकी संगठनों से जुड़े आरोप में बंदी बंद है। ऐसे में अब नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 20 दिसंबर को हुई हिंसा में मेरठ के दर्जनभर से ज्यादा उपद्रवी पकड़े गए। जिसमें पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया समेत कई संगठनों से जुड़े आरोपी भी शामिल है। ऐसे में जेल में भी किसी तरह का माहौल खराब न हो इसलिए इन उपद्रवियों को अलग से रखा गया है। जेल में किसी तरह की कोई साजिश न बन सके इसको लेकर जेल अधिकारियों से पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने बातचीत की है। जेल अधिकारी भी उपद्रवियों पर निगाहें बनाए हुए है।

मुलाकात करने वालों पर नजर

उपद्रवियों से जेल में जो भी मुलाकात करने के लिए उनका परिचित, संबंधी जा रहा है। उस पर भी पैनी नजर रखी जा रही है। कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद ही जेल में उन्हें मिलने दिया जा रहा है। उनसे जो-जो मिलने के लिए आ रहा है, उनका जेल अधीक्षक द्वारा रिकार्ड भी मेनटेन किया जा रहा है। पुलिस भी मिलने वालों पर नजर रखे हुए है।

उपद्रवियों पर पूरी नजर बनाए हुए है। जो भी मुलाकात करने आ रहा है उनका भी रिकार्ड मेन टेन किया जा रहा है।

बीडी पाण्डेय, जेल सुप्रीटेन्डेंट

राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह पहुंचा एक उपद्रवी

लिसाड़ी गेट थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार एक उपद्रवी की उम्र प्रमाणित नहीं हो सकी। 18 साल से कम उम्र की आशंका पर उसे जिला जेल के समीप स्थित बाल संप्रेक्षण गृह भेजा गया है। यहां संप्रेक्षण गृह में उपद्रवी पर कड़ी नजर रखी जा रही है। वहीं उसकी उम्र का परीक्षण भी कराया जा रहा है। मंगलवार को उपद्रवी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे सप्रंक्षेण गृह भेज दिया गया है। जहां बोर्ड ने उपद्रवी का मेडिकल कराने के निर्देश दिए साथ ही उसके वकील को उम्र का सर्टिफिकेट लाने के लिए कहा।