डीजल जेनरेटर और हॉट मिक्स प्लांट पर लगाई रोक

15 अक्टूबर से लागू किया जाएगा जीआरएपी प्लान

शहर में निर्माण कार्यो पर भी जल्द लगाई जाएगी रोक

Meerut। सíदयों की शुरुआत होते ही एक बार फिर शहर की आबोहवा पर स्मॉग का खतरा मंडराने लगा है। इस साल शहर के लोगों की सíदयों की शुरुआत स्मॉग के साथ न हो, इसके लिए प्रदूषण विभाग ने अभी से तैयारियां शुरु कर दी है। इसके तहत शहर में जारी निर्माण कार्याें पर जल्द रोक लग सकती है, क्योंकि पॉल्यूशन विभाग ने 15 अक्टूबर से जनपद में जीआरएपी लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत शहर में 15 अक्टूबर से संचालित हॉट मिक्स प्लांट और डीजल जेनेरेटर पर रोक लग जाएगी। इस रोक से अपने शहर में सबसे प्रमुख एक्सप्रेस वे के काम पर प्रभाव पड़ सकता है। वहीं यूपीपीसीबी को प्रदूषण का स्तर बढ़ाने वाले स्थानों को भी चिह्नति करने के निर्देश मिले हैं।

ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानि यूपीपीसीबी को पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम व नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) का आदेश मिला है कि 15 अक्तूबर से जिले में ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) लागू कर दिया जाए। आदेश मिलते ही यूपीपीसीबी ने शहर की सभी सोसाइटियों समेत कार्य दायी संस्थानों को नोटिस जारी कर डीजल जनरेटर और हॉट मिक्स प्लांट बंद करने का आदेश देना शुरु कर दिया है। विभाग का मानना है कि अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो दीवाली के आसपास और भी बढ़ जाएगा। ऐसे में इसे रोकने के लिए ग्रेप सिस्टम लागू करने का फैसला लिया है।

जेनरेटर पर रहेगी नजर

यूपीपीसीबी के अनुसार निर्धारित तिथि से किसी भी सोसाइटी में डीजल जनरेटर नहीं चलेंगे। केवल आपातकालीन सुविधा व लिफ्ट आदि में ही जनरेटर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस संबंध में सभी सोसाइटियों की अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन और बिल्डरों को नोटिस भेजा जाएगा। वहीं आरएमसी व हॉट मिक्स प्लांट संचालकों को भी नोटिस भेजा जा रहा है। अगर कहीं हॉट मिक्स प्लांट चलाना जरुरी भी है तो वह प्रदूषण नियंत्रण रखते हुए ही संचालित होंगे। साथ ही ईंट भटटों प्लांट पर भी केवल जिग-जैग प्रणाली युक्त ईंट भट्ठों को ही चलने दिया जाएगा। बाकी किसी का संचालन नहीं होगा।

क्षेत्र होंगे चिह्नित

इस आदेश के तहत यूपीपीसीबी शहर में अधिक प्रदूषण वाले स्थानों को चिह्नति कर उन पर कार्यवाही करेगा। इसमें खासतौर पर उन स्थान को चिह्नति किया जाएगा, जहां कूड़ा जलाया जा रहा है या फिर वह प्रदूषण का स्तर बढ़ा रहा है। ऐसे स्थानों को यूपीपीसीबी की टीम सर्वे कर हॉट स्पॉट घोषित करेगी।

प्रदूषण में 9वें स्थान पर मेरठ

गौरतलब है कि लॉक डाउन से पहले मार्च माह में शहर का एक्यूआई 217 पहुंच गया था। तब इंडस्ट्रीज और शहर का ट्रैफिक पूरी तरह से बंद था। इसका असर शहर की आबोहवा पर दिखा था। लेकिन अब शहर का एक्यूआई फिर 300 से ऊपर पहुंच गया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ताजा रिपोर्ट के अनुसार मेरठ पश्चिमी यूपी के उन तीन शहरों में शामिल है जो देशभर के 11 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। इस सूची में मेरठ को 9वां सबसे प्रदूषित शहर बताया गया तो वहीं बागपत 10वें नम्बर और बुलंदशहर तीसरे नंबर पर है।