मेरठ (ब्यूरो)। आपको जानकर खुशी होगी, कि सीसीएस यूनिवर्सिटी का नाम देश की 22 नामचीन यूनिवर्सिटी में शुमार है। स्टूडेंट्स को शिक्षण व्यवस्था से जुड़ी कई सुविधाएं देने के दावे भी होते हैं, लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है। यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों को सुविधाएं तो दूर, शिकायत भी नहीं सुन रही है। ग्रीवांस सेल में कई महीने से शिकायतें पड़ी हैं, उनके निस्तारण के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट अपने कैंपेन इश्यू इन सीसीएसयू के माध्यम से छात्रों की समस्याओं को जिम्मेदारों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।

ग्रीवांस सेल महज दिखावा
वैसे तो सीसीएस यूनिवर्सिटी को नैक प्लस प्लस ग्रेड मिला है, यानि यूनिवर्सिटी में कई बेहतरीन सुविधाएं हैं, जो छात्रों के हित की हैं। दरअसल, छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए यूनिवर्सिटी ने साल 1999 में ग्रीवांस सेल की स्थापना की थी। मकसद था कि छात्रों की हर प्रॉब्लम को कम से कम समय में दूर किया जा सके, लेकिन अफसोस है कि अब वैसा नहीं हो पा रहा है।

कई शिकायतें पेडिंग
सीसीएसयू का ग्रीवांस सेल कैसे काम कर रहा है कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाइए कि ग्रीवांस सेल में दो माह से 100 शिकायतें ठंडे बस्ते में हैं। अपनी प्रॉब्लम्स को सॉल्व कराने के लिए स्टूडेंट्स रोजाना यूनिवर्सिटी परिसर में भटकते रहते हैं। वहीं, पिछले एक साल में 492 शिकायतें ग्रीवांस सेल में आई हैं।

क्या है ग्रीवांस सेल
दरअसल, छात्रों की समस्याओं को ग्रीवांस सेल के जरिए ऑनलाइन दूर किया जाता है। ग्राीवांस सेल कमेटी में छह सदस्य हैं। जो ऑनलाइन शिकायतों को अपने स्तर पर देखते हैं, या फिर संबंधित विभाग को समस्या के बारे में बताते हैं। दावा है कि छात्रों की समस्याएं 24 घंटे में दूर हो जाती है।

पिछले साल से नई व्यवस्था
गौरतलब है कि बीते साल से छात्रों को ग्रीवांस सेल में शिकायत करने पर एक टोकन दिया जाता था। दावा था कि 24 घंटे में छात्रों की समस्याएं सॉल्व होगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। इस नए सिस्टम के मुताबिक अगर ग्रीवांस कमेटी से समस्या सॉल्व नहीं हुई तो यह मामला यूनिवर्सिटी कमेटी पर जाता है। यहां पर तीन से चार दिनों में समस्या सॉल्व की जाती है।

परेशान हो रहे स्टूडेंट्स
हालत यह है कि बीते कुछ माह से सीसीएसयू के ग्रीवांस सेल में छात्रों की शिकायतें हल नहीं हो रही है। इससे छात्र परेशान हैं, वे वीसी और रजिस्ट्रार तक पहुंच रहे हैं। करीब 100 छात्रों की शिकायतें ठंडे बस्ते में हैं।

पहले 15 दिन लगते थे
पहले की व्यवस्था के मुताबिक शिकायतों को सॉल्व करने में 15 दिन का समय लगता था, लेकिन तब भी एक महीने का समय लगता था। पहले समस्या को ऑनलाइन चेक कर कमेटी तक पहुंचाया जाता था। फिर समस्या को दूर कराया जाता था, लेकिन नए सिस्टम के मुताबिक भी ग्रीवांस सेल की लेटलतीफी दूर नहीं हुई है।

इस तरह की आती हैं शिकायतें
मार्कशीट में गलत मार्किंग हो जाना
कॉलेज द्वारा प्रैक्टिकल के नाम पर पैसे लेने की शिकायतें
क्लास न चलने की शिकायत
कैंटीन को लेकर शिकायत
पेपर में गलत सवाल होने की शिकायत

सीसीएस यूनिवर्सिटी की ग्रीवांस सेल में समस्याएं तो बता देते हैं, लेकिन समय पर सॉल्यूशन नहीं होता है। इस सेल को मजबूत करने की जरूरत है।
सृष्टि

यूनिवर्सिटी में समस्याओं को सॉल्व करने में बहुत समय लगता है। कभी -कभार तो महीनों लग जाते हैं। इसमें सुधार होना जरूरी है।
तुषार

यूनिवर्सिटी में अगर टोकन सिस्टम लागू हो रहा है तो इससे फायदा होगा इसकी उम्मीद है, लेकिन जमीनी हकीकत पर अगर सेल काम करेगा तो ही ऐसा संभव है।
लवी

कई बार सेल के माध्यम से शिकायत की है। पर सॉल्यूशन नहीं होता है। प्रॉब्लम सॉल्व कराने के लिए महीनों चक्कर काटने पड़ते हैं।
निशा

ग्रीवांस सेल के जरिए स्टूडेंट्स की शिकायतें सॉल्व की जाती हैं। अधिकतर शिकायतों का समाधान हो जाता है। अगर वहां भी शिकायत का समाधान न हो, तो छात्र व्यक्तिगत तौर पर अधिकारियों से मिल सकते हैं।
धीरेंद्र कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू