मेरठ, (ब्यूरो)। माधवपुरम निवासी गौरव पुत्र प्रदीप कुमार अग्रवाल अहमदाबाद की पीओ सिटी नामक कंपनी में फील्ड मैनेजर है। मंगलवार शाम उसने दिल्ली रोड स्थित बैैंक की शाखा से डेढ़ लाख रुपये निकाले थे। रुपयों को बैग में रखकर वह स्कूटी से घर के लिए निकला था। गौरव ने पुलिस को बताया कि होटल हाईफन के पास पीछे से आ रहे पल्सर बाइक सवार दो बदमाशों ने ओवरटेक कर उसे रोक लिया था और गन प्वाइंट पर लेकर रुपयों से भरा बैग लूट लिया था। आरोपियों की बाइक का स्कूटी से शॉपरिक्स पुलिस चौकी तक पीछा किया। लेकिन आरोपी बिजली बंबा बाइपास की तरफ भाग निकले। गौरव की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली। साथ ही आरोपियों के बारे में बाईपास की चौकी को अलर्ट किया, लेकिन आरोपियों का कोई पता नहीं लग सका। गौरव ने बताया कि बैग में डेढ़ लाख रुपयों के अलावा पार्टियों के बिल और थर्मामीटर था।

ताऊ के लड़के ने निकलवाई थी रकम

गौरव के ताऊ का बेटा दीपक अग्रवाल पुत्र सुरेंद्र कुमार अग्रवाल के पास सी एंड एफ कंपनी की दवाईयों की डिस्ट्रीब्यूटरशिप है। दीपक को बिजली का बिल जमा करना था। जिसके लिए उसने गौरव को डेढ़ लाख रुपये का चेक भरकर बैैंक के लिए भेजा था। घटना के बाद दीपक ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी।

कर्ज चुकाने को रचा षड्यंत्र

बैैंक से निकलते समय डेढ़ लाख रुपये की रकम लेकर गौरव बैग में रखकर निकला था। स्कूटी के अंदर डिग्गी होती है। जबकि गौरव ने बैग को स्कूटी के आगे खाली स्थान पर रखा था। इससे पुलिस का शक भी गहरा गया। पुलिस के उच्चाधिकारियों ने शक के आधार पर गौरव से भी पूछताछ करनी शुरू की। पूछताछ में गौरव ने घटना को फर्जी होना कबूल किया। गौरव ने पुलिस को बताया कि उस पर कर्ज था। जिसे निपटाने के लिए उसके पास यह अच्छा मौका था। उसने ही बाइक सवारों को बैैंक पर बुलाया था और कर्ज की रकम चुकता की थी।

तीन घंटे दौड़ी पुलिस

सूचना मिलते ही एसपी सिटी विनीत भटनागर ने भी मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली। साथ ही पुलिस की टीमें गठित कर दीं। जिसके बाद पुलिस आरोपियों को पकडऩे के लिए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने से लेकर अन्य स्थानों पर दौड़ती रही। रात करीब नौ बजे गौरव के पिता ने मीडिया को ब्रीफ किया कि गौरव ने कर्ज चुकाने के लिए लूट का षड्यंत्र रचा था।

गौरव ने कर्ज चुकाने के लिए लूट का षड्यंत्र रचा था। उसने ही बाइक सवारों को बुलाकर कर्ज चुकता करने के लिए रकम दी थी। गलत सूचना देने पर गौरव ने मांफी मांगते हुए पुलिस को लिखकर दिया। इसके बाद उसे जाने दिया गया।

-विवेक चंद्र यादव, सीओ ब्रह्मïपुरी मेरठ