- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के गर्मी लगी क्या कैम्पेन में लोगों ने की बेबाक चर्चा

Meerut। शहर में विकास की तमाम बातें होती हैं। यही नहीं स्मार्ट सिटी की कवायद भी शुरू हो गई है। लेकिन हेल्थ सिस्टम का लचर रवैया कई सवाल खड़े कर रहा है। शुक्रवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शताब्दीनगर स्थित मेट्रो पब्लिक स्कूल में नाइसिल प्रेजेंट्स गर्मी लगी क्या कैम्पेन का आयोजन किया। इस दौरान लोगों ने हेल्थ सिस्टम से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की।

व्यवस्थाएं है लचर

शहर की बदहाल हेल्थ व्यवस्थाओं पर पंकज त्यागी ने कहा कि मरीजों को दवाईयां नहीं मिलती हैं। यही नहीं, दवाई बाहर बिकती है, सिस्टम पूरी तरह से खराब है। वहीं, विशाल ने कहा कि बात महज दवाओं की नहीं है, यहां तो सरकारी डॉक्टर प्राइवेट हॉस्पिटल्स में जाकर मोटी कमाई कर रहे हैं। इससे मरीजों का परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई मरीजों को इलाज के अभाव में भटकना पड़ता है। इस पर कोई ध्यान नहीं देता है।

अवेयर होना भी है जरुरी

सिस्टम में सुधार के लिए अवेयरनेस भी जरूरी है। इस बाबत प्रमोद दीक्षित ने कहा कि हेल्थ को लेकर केवल विभाग की ही जिम्मेदारी नहीं है। बल्कि हमारे भी कर्तव्य बनते हैं हम साफ सफाई का ध्यान दें। उन्होंने कहा कि हमें भी अपने आसपास सफाई का ध्यान रखना चाहिए, सरकारी विभाग की भी जिम्मेदारी है कि वो जगह-जगह कूड़े के ढेर न होने दें। क्योंकि आधी से ज्यादा बीमारी तो गंदगी से आती है।

ये हैं अहम समस्याएं

- आधी अधूरी नॉलेज लेकर मेडिकल स्टूडेंट्स ऑपरेशन करते हैं।

- हॉस्पिटल में प्रॉपर मेडिसन व सुविधाएं नहीं है, महंगी दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती है।

- इमरजेंसी वार्ड में एडमिट करने के लिए सोर्स की आवश्यकता होती है।

- स्ट्रेचर लेने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है, बिना पैसे के स्ट्रेचर नहीं मिलता है।

वर्जन

सरकारी अस्पतालों में अक्सर सुविधाएं होने पर भी नहीं मिलती है। अगर सोर्स हो तो यहां सभी काम आसानी से होते हैं।

पंकज त्यागी

महज सिस्टम को कहने से काम नहीं चलता है, मेरे हिसाब से साफ सफाई से भी आधी बीमारी दूर हो जाती है। ऐसे में हमें अवेयर होने की आवश्यकता है।

प्रशांत कौशिक

सिस्टम से लड़ना बहुत जरुरी है, जिसके लिए हमारा अवेयर होना भी जरुरी है। ताकि हम किसी गलत के खिलाफ आवाज उठा सकें।

विशाल

सरकारी डॉक्टर प्राइवेट अस्पतालों में जाकर प्रैक्टिस करते हैं। जहां से उनकी मोटी कमाई हो रही है।

हिमांशु गौतम