मेरठ से आसपास के जिलों में तस्कर पहुंचाते हैं गांजा

- भांग के ठेकों और हुक्का बार से गांजे के आदी हुए युवा

- आबकारी विभाग करे कार्रवाई तो रूक सकता है कारोबार

Meerut । वेस्ट यूपी के कई जिलों और उत्तराखंड में भी मेरठ से ही गांजा सप्लाई हो रहा है। मेरठ से गाजियाबाद, बिजनौर, बागपत, मुजफ्फरनगर, रूड़की में गांजे की सप्लाई हो रही है। यहां का गांजा तस्कर वहां के तस्कर को आधी रात में दो से चार बजे के बीच मुहैया कराता है। पहले कई बार हुई कार्रवाई में दो से चार के बीच में तस्कर पकड़े जा चुके हैं। भांग के ठेकों पर खुलेआम गांजा बेचा जा रहा है। उसके बावजूद भांग के ठेकों का लाइसेंस कैंसल नहीं होता। हुक्का बार बंद होने के बाद भांग के ठेकों पर गांजा की खपत बढ़ गई है।

कई जिलों में सप्लाई

मेरठ में करीब 3500 किलो गांजा तस्करों के पास पहुंचता है। मेरठ में अकेले दो हजार हजार किलो की सप्लाई महीने में हो जाती है। जबकि 1500 किलो की सप्लाई मेरठ से गाजियाबाद, बिजनौर, बागपत, नोएडा, मुजफ्फरनगर और रूड़की तक मेरठ से होती है। शराब तस्करों द्वारा ही गांजा भी वहां के तस्करों तक पहुंचाया जाता है। रूड़की उत्तराखंड में मेरठ से ही नशा पहुंचता है। एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक आंध्र प्रदेश और उड़ीसा से आने वाला गांजा वेस्ट यूपी के कई जिलों में मेरठ से ही सप्लाई होता है। पहले आरोपियों के पकड़े जाने पर यह बात सामने आ चुकी है।

रातोरात होती है सप्लाई

तस्कर जानते हैं कि नशे का सामान दिन में भेजने पर पुलिस की गिरफ्त में आ सकते हैं। इसलिए तस्कर अपने गुर्गो के हाथ रात को दो से चार बजे के बीच में गांजा भिजवाते हैं, ताकि पुलिस की पकड़ में न आ सकें। यहां के तस्कर की दूसरे जिले के तस्कर से फोन पर सेटिंग हो जाती है। वहां जाकर कहां माल उतारना है, यह फोन पर तय हो जाता है। एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक जितना भी गांजा पकड़ा गया है, वह रात को दो बजे के बाद ही मुखबिर की सूचना पर पकड़ा गया है। रात को दो बजे के बाद गांजा एक से दूसरे ठिकाने तक पहुंचाया जाता है, ताकि पुलिस गिरफ्त में न आ सके। इसके बाद कार्रवाई शुरू कर दी जाती है। कई बार दूसरे जिले के तस्कर खुद गांजा लेने यहां आ जाते हैं। रात को दो बजे के गांजा एंबुलेंस आदि में छिपाकर ले जाते हैं।

भांग के ठेकों पर

यूं तो गांजा भांग के ठेकों में चोरी छिपे बेचा जाता है। लेकिन शहर में कुछ एरिया ऐसे हैं, जहां पर युवा पीढ़ी को आसानी से गांजा मुहैया हो जाता है। रेलवे रोड पर मछेरान में आसानी से गांजा युवा लेने के लिए जाते हैं। खास बात यह है कि मेरठ में गांजा युवाओं को हुक्का बार में आसानी से मुहैया हो रहा था। हुक्के में गांजे का नशा युवा पीढ़ी कर रही थी, जिसमें युवतियां भी शामिल हैं। कुछ दिन पहले गढ़ रोड स्थित डग आउट कैफे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें अयान नाम का लड़का एक किशोरी का कश लगवा रहा था। युवती भी उस वीडियो में दिखाई दे रही थी। इसके बाद पुलिस ने हुक्का बार पर कार्रवाई की थी। सेंट्रल मार्केट में भी एक हुक्का बार पर कार्रवाई की गई थी, वहां भी हुक्का में गांजा पिलाया जा रहा था। अब हुक्काबार बंद हैं तो गांजे की पुडि़या शहर में जगह-जगह खुले भांग के ठेकों पर मिल रही है। जिसकी पहुंच तस्कर तक है, वह वहां से गांजा लेकर नशा कर रहा है। हुक्का बार बंद होने की वजह से भांग के ठेकों पर इसकी खपत ज्यादा हो रही है।

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बड़े घरानों की महिलाएं भी

कुछ साल पहले दिल्ली रोड स्थित एक बड़े होटल में पुलिस ने छापेमारी की थी। जिसमें हुक्का भरकर अच्छे घरानों की महिलाएं नशा करती हुई पकड़ी गई थी। इनका नाम पुलिस ने उजागर नहीं किया था। सभी पॉश कालोनियों की रहने वाली महिलाएं थी। इस मामले में पुलिस ने होटल के खिलाफ जरूर कार्रवाई की थी, वहीं महिलाओं को नोटिस देकर छोड़ दिया था।

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स्कूल के बाहर नशा

मेरठ में पांच साल पहले कैंट के सभी नामचीन स्कूलों के बाहर एक तस्कर गांजा और चरस बेचने के लिए जाता था, जिसको पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से चरस और गांजा बरामद भी किया था। यह मामला काफी चर्चा में रहा था। परिजनों तक जब यह मामला पहुंचा था तो उन्होंने भी तस्कर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।

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मेरठ में गांजे की सप्लाई आसपास के जिलों और उत्तराखंड में होती है। पूर्व में की गई कार्रवाई से यह बात स्पष्ट हुई थी कि मेरठ के तस्कर आसपास के जिलों को गांजा मुहैया कराते हैं। इन सब जिलों में एसटीएफ कार्रवाई करती रहती है।

बृजेश कुमार सिंह

सीओ, एसटीएफ