- फरार चल रहे कुख्यात सुरेश जाटव को दून पुलिस ने एक घर से दबोचा

- सितंबर 2019 में राजपुर थाना इलाके के क्रिकेटर आरपी ईश्वरन के घर करोड़ों की लूट में था शामिल

- कुट्टी वाली गली रोहटा रोड़ मेरठ में घर में तहखाना में छिपा था बदमाश मिश्रा

Meerut । करीब सवा साल से फरार हिस्ट्रीशीटर कुख्यात बदमाश सुरेश जाटव उर्फ मिश्रा को देहरादून पुलिस ने मेरठ के टीपी नगर से उसकी ससुराल से गिरफ्तार किया है। मिश्रा यहां रोहटा रोड की कुट्टी वाली गली में घर में तहखाना बनाकर रह रहा था।

डकैती में था वांटेड

सुरेश जाटव ईश्वरन डकैती कांड में वांटेड था। मिश्रा थाना टीपीनगर का हिस्ट्रीशीटर है, जिसके विरुद्ध यूपी और दिल्ली में लूट, डकैती व हत्या के प्रयास से संबंधित 30 मुकदमे रजिस्टर्ड हैं। देहरादून पुलिस ने मिश्रा पर 2500 रुपये का ईनाम घोषित किया था। देहरादून पुलिस ने सर्विलांस और मुखबिर सिस्टम को अलर्ट करते हुए आरोपी को धर दबोचा।

मेरठ पुलिस को थी तलाश

एसओजी की टीम ने मेरठ और दिल्ली में दबिश दी। पुलिस टीम को इनपुट मिला कि वांटेड मिश्रा जिसका पूरा नाम सुरेश जाटव है, अपनी ससुराल गोलाबढ, रोहटा रोड़ थाना टीपीनगर मेरठ में रह रहा है। उसकी तलाश मेरठ पुलिस को भी थी।

ज्वैलरी बरामद

पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर बदमाश सुरेश जाटव को बुधवार को गोलाबढ़, कुट्टी वाली गली से गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से घटना में लूटी गयी ज्वैलरी बरामद की गई है।

फकरु ने रखा नाम मिश्रा

मेरठ का हिस्ट्रीशीटर सुरेश जाटव क्लास 10वीं पास है। मिश्रा फईम से 2008 में तिहाड़ जेल में मिला था। दोनों गाजियाबाद निवासी फकरु के संपर्क में रहते थे। तीनों मिलकर अपराध को अंजाम देते थे। फकरु ने सुरेश जाटव का नाम मिश्रा और फईम का नाम पौना रखा था। सितंबर 2019 में फईम ने मिश्रा को घटना से पहले अदनान और वीरेन्द्र ठाकुर से मिलवाया था और ईश्वरन वाली डकैती की प्लानिंग की गई थी। लूट के बाद दिल्ली में अदनान व वीरेन्द्र ठाकुर ने मिश्रा और फईम को 55-55 हजार रुपये कुछ ज्वैलरी देकर व बाकी हिसाब बाद में करने को कहकर भेज दिया था।

छिप रहा था

अदनान व फईम के पकड़े जाने के बाद मिश्रा इधर-उधर छिपता रहा। पिछले 2-3 महीने से मेरठ स्थित ससुराल में घर में तहखाना बनाकर छिप कर रह रहा था।

आठ साथी हो चुके हैं अरेस्ट

22 सितंबर 2019 की रात में राजपुर थाना इलाके के क्रिकेटर आरपी ईश्वरन के घर पर चार हथियारबंद बदमाशों ने परिवारवालों को घर में बंधक बना कर उनके घर से करोड़ों की डकैती की घटना को अंजाम दिया था।

चार पहले गिरफ्तार

पुलिस की चार अलग-अलग टीमों ने 30 सितंबर को घटना में शामिल चार बदमाशों वीरेंद्र सिंह उर्फ ठाकुर, मुहम्मद अदनान, मुजिफ्फरहमान उर्फ पीरू और फुरकान को दिल्ली और छुटमलपुर के पास से दबोचा था। इसके बाद अन्य आरोपी फिरोज को 1 अक्टूबर 2019 को नोएडा से, हैदर को 2 अक्टूबर को नूरपुर बिजनौर से और मौ। अरशद 3 अक्टूबर को चांदनी महल बाजार, नई दिल्ली से और फईम को मुरादाबाद से 3 जुलाई 2020 को अरेस्ट किया गया था।