जमानत पर छु़ट कर बाहर चल रहे हिस्ट्रीशीटर्स की अब थाने में हर महीने लगानी होगी हाजिरी

जेल में भी हिस्ट्रीशीटर्स पर नजर रखेंगे जेल अधिकारी, हिस्ट्रीशीटर्स के गैंग पर होगी नजर

Meerut। कानपुर कांड के बाद पूरे प्रदेश की पुलिस अलर्ट मोड पर है। शासन से भी पुलिस अधिकारियों को अपराधियों के खिलाफ फुल एक्शन की छूट मिल गई है। मेरठ जिले में तो एसएसपी ने हर थानेदार को संबंधित क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर्स की मॉनिटरिंग के आदेश जारी कर दिए हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो हर महीने जेल से छूटे हिस्ट्रीशीटर की न केवल थाने के रजिस्टर में हाजिरी लगेगी बल्कि हिस्ट्रीशीटर के संपर्क में आने वाले अन्य लोगों को भी रेग्यूलर बेसिस पर मॉनिटर किया जाएगा।

जिले में 900 हिस्ट्रीशीटर्स

मेरठ जिले की बात करें तो पूरे जिले के सभी थाना क्षेत्रों में करीब 900 बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खुली हुई हैं। इनमें 300 करीब हिस्ट्रीशीटर जेल में ही बंद है, जबकि 600 करीब हिस्ट्रीशीटर जमानत पर बाहर हैं। मगर इनकी कोई खैर-खबर संबंधित थाना क्षेत्र को नहीं हैं। इसी के चलते जब ये हिस्ट्रीशीटर किसी अपराध को अंजाम देते हैं तो इन्हें ट्रैक कर पाना मुश्किल हो जाता है। एसपी सिटी डॉ। अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि अब एसएसपी के आदेशानुसार हर थानेदार को अपने क्षेत्र के एक-एक हिस्ट्रीशीटर की मॉनिटरिंग कर उसके संपर्क में आने वाले लोगों को भी रेग्यूलर बेसिस पर मॉनिटर करना होगा। वहीं ये भी मॉनिटर करना होगा कि जेल से छूटने के बाद हिस्ट्रीशीटर की कमाई का जरिया क्या है। पुलिस को गुप्त रूप से हिस्ट्रीशीटर की मॉनिटरिंग करते हुए ये भी पता लगाना होगा कि वह किसी गैंग के संपर्क में तो नहीं हैं। मॉनिटरिंग में जुटाई एक-एक डिटेल को थानेदार रजिस्टर में मेंटेन करेगा।

मिलाई पर आने वालो पर नजर

एसपी सिटी ने बताया कि जेल में बंद हिस्ट्रीशीटर्स की भी मॉनिटरिंग की जाएगी। हालांकि इसकी जिम्मेदारी जेल अधिकारियों को सौंपी जाएगी। मगर जेल में बंद अलग-अलग थाना क्षेत्रों के हिस्ट्रीशीटर्स के बारे में जेल अधिकारियों से समय-समय पर संबंधित थाना क्षेत्र के थानेदार संपर्क कर उनकी डिटेल्स मेंटेन करेंगे। दरअसल, जेल अधिकारी ये मॉनिटरिंग करेंगे कि जेल में हि‌र्स्टीशीटर से मिलाई पर कौन-कौन आता है। मिलाई पर आने वाले लोगों में परिजनों के अलावा जो भी शामिल होगा, उसकी सीसीटीवी फुटेज को संबंधित हिस्ट्रीशीटर वाले थाना क्षेत्र के थानेदार को दिया जाएगा।

गैंग की भी मॉनिटरिंग

एसपी सिटी ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर के गैंग से जुड़े बदमाशों की मॉनिटरिंग भी हर थाना क्षेत्र स्तर पर होगी। एसएसपी के आदेशानुसार हिस्ट्रीशीटर अकेला वारदात नहीं करता, उसके साथ कई बदमाश भी होते हैं, जो वारदात को अंजाम दिया करते हैं। ऐसे में उन पर भी निगरानी रखी जानी जानी बेहद जरूरी है। इसके साथ ही गैंगस्टर के मुकदमों में फरार चल रहे बदमाशों को भी गिरफ्तार करने की प्लानिंग पुलिस अधिकारी कर रहे हैं।

तीन साल पहले बना था नियम

एसपी सिटी ने बताया कि मेरठ में तीन साल पहले पूर्व में तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी ने जिले के हिस्ट्रीशीटर्स और गैंगस्टर्स के जेल से छूटने के बाद संबंधित थाने में हाजिरी लगाने के आदेश दिए थे। कुछ दिन तो यह व्यवस्था चली मगर बाद व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई थी। अब एसएसपी अजय साहनी के आदेश पर एक बार फिर से इस व्यवस्था का लागू किया जा रहा है।

हिस्ट्रीशीटर्स पर विशेष निगरानी रखने की व्यवस्था बनाई जा रही है। जिसके तहत हिस्ट्रीशीटर्स को संबंधित थाने में बुलाकर हाजिरी लगाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। जेल से जमानत पर छुटने के बाद हिस्ट्रीशीटर अब क्या कर रहे है, उनके संपर्क में कौन-कौन है, ये जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी भी संबंधित थानेदार को हिस्ट्रीशीटर की मॉनिटरिंग के दौरान जुटानी होगी।

एसएसपी अजय साहनी, एसएसपी