करीब 10 साल बाद किसानों से पांच प्रतिशत विकसित भूखंड देने की एवज में जमीन का हुआ समझौता

आवास-विकास का जुलाई तक रिंग रोड़ चालू करने का दाव, गढ़ रोड से हापुड़ रोड के बीच की दूरी घटेगी

Meerut। करीब 10 साल से विवाद में फंसी गढ़ रोड से हापुड़ रोड को जोड़ने वाली करीब 50 मीटर इनर रिंग रोड के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। आवास-विकास और किसानों के बीच सहमति बनने के बाद आवास-विकास ने 45 किसानों को पांच प्रतिशत विकसित भूखंड देने की शर्त पर अपनी जमीन देने के लिए राजी कर लिया है। इस मार्ग के बनने से शहर को बड़ी राहत मिलेगी। अभी तक गढ़ रोड से आने वाले वाहनों को हापुड़ रोड पर आने के लिए तेजगढ़ी से पीवीएस होते हुए हापुड़ चुंगी आना पड़ता था।

किसानों से हुआ समझौता

इनर रिंग रोड का दो किलोमीटर का हिस्सा आवास-विकास और दो किलोमीटर का हिस्सा एमडीए को तैयार करना था। एमडीए सड़क तैयार कर चुका है। मगर गढ़ रोड से लेकर लोहिया नगर तक जागृति विहार एक्सटेंशन के अंदर जो सड़क आवास-विकास को बनानी थी, उस पर किसानों के भूखंडों को लेकर विवाद के चलते काम अटका हुआ था। हालांकि जनवरी माह में सरायकाजी के किसानों की सहमति मिलने के बाद आवास-विकास ने काम शुरू कर दिया था। वहीं अब काजीपुर के किसानों के साथ भी आवास-विकास की कुछ शर्ताें पर सहमति बन गई है। इसमे आवास-विकास किसानों को अपनी योजना में पांच प्रतिशत विकसित भूखंड देगा, बदले में किसान अपनी जमीन देंगे।

जून लास्ट या जुलाई तक

किसानों से सहमति के बाद आवास-विकास परिषद ने जून अंत या जुलाई माह की शुरुआत में इनर रिंग रोड का दो किलोमीटर का काम पूरा कर रिंग रोड शुरू करने का दावा किया है।

कम होगी दूरी

इस सड़क के बन जाने से गढ़ रोड की तरफ से हापुड रोड जाने वाले वाहनों को कम दूरी तय करनी पडे़गी। अब तक हापुड रोड से गढ़ रोड या गढ़ रोड से हापुड़ रोड जाने के लिए वाहनों को तेजगढ़ी, एल ब्लॉक चौकी, पीवीएस मॉल होकर जाना पड़ता है। मगर रिंग रोड के चालू हो जाने से वाहन चालक सीधे काली नदी से मुड़कर चार किमी का सफर पूरा कर हापुड़ रोड पर पहुंच जाएंगे।

45 किसान पांच प्रतिशत विकसित भूखंड के बदले अपनी जमीन देने के लिए राजी हो गए हैं। इससे इनर रिंग रोड का रास्ता साफ हो गया है। इसे हम जल्द से जल्द पूरा कर चालू कर देंगे।

राजीव कुमार, अधीक्षण अभियंता