मेरठ (ब्यूरो)। लखनऊ के वृंदावन और आम्रपाली आवासीय योजना में बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आने के बाद अब आवास विकास सक्रिय हो गया है। भविष्य में किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े से बचने के लिए आवास विकास परिषद अब कई प्रकार की व्यवस्थाएं ऑनलाइन शिफ्ट करने जा रहा है। यानि अब आवंटियों से बैंक ड्राफ्ट के जरिए पैसा जमा नहीं कराया जाएगा। बल्कि सारा पैसा आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए ही ऑनलाइन जमा होगा। वहीं, मैनुअल आवंटन प्रक्रिया को भी अब पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा।

डिजीटल पेमेंट होगा मान्य
गौरतलब है कि आवास विकास की लखनऊ स्थित आम्रपाली योजना और वृंदावन योजना में बिना पैसा जमा किए बिना ही रिफंड लिए जाने के 25 मामले सामने आए। जिसमें ज्यादातर संपत्तियों में एक ही बैंक ड्राफ्ट का उपयोग किया गया था। इस धांधली के बाद पूरे प्रदेश में आवास विकास अलर्ट हो गया है। अपने स्तर पर बैक ड्राफ्ट की जांच शुरू कर दी है। इसके बाद यह निर्णय लिया है कि अब आवास विकास परिषद बैंक ड्राफ्ट के जरिए पैसा स्वीकार नहीं करेगी। आवंटी को आरटीजीएस या एनईएफटी के जरिए ही पैसा जमा करना होगा। इससे पैसा जमा करने में कोई फर्जीवाड़ा नहीं हो पाएगा। अब सिर्फ डिजिटल पेमेंट ही परिषद में मान्य होगा।

मैनुअल नीलामी भी होगी बंद
इस फर्जीवाड़े के बाद जल्द आवास विकास की संपत्तियों की मैनुअल नीलामी भी पूरी तरह बंद हो जाएगी। अभी तक आवास विकास मैनुअल और ऑनलाइन दोनों प्रकार से लक्की ड्रॉ के माध्यम से संपत्तियों का आवंटन करता था। लेकिन, अब जो भी नीलामी होगी वह ई-नीलामी होगी। इसको लेकर आवास विकास का बैंक से करार भी हो गया है। नीलामी में भाग लेने वालों को पैसा भी डिजिटल सिस्टम से ही जमा करना होगा। बैंक ही अपने सिस्टम के जरिए नीलामी में भाग लेने वालों की कंप्रेटिव रिपोर्ट देगा। जिस पर परिषद निर्णय लेगा। उसके बाद जो आवेदक नीलामी में असफल रहेंगे उनका पैसा भी बैंक ही उनके खाते में सीधे वापस कर देगी।

वर्जन
मुख्यालय स्तर पर पूरी तरह डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है। ऑनलाइन व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग आसान है और उसमें गड़बड़ी की संभावना कम रहेगी। हालांकि अभी यह केवल प्रस्ताव है। जल्द इस पर फाइनल निर्णय लिया जाएगा।
-केशव राम, संपत्ति अधिकारी