मेरठ ब्यूरो। सरकार ने खेलों इंडिया को बढ़ावा देने के लिए लगातार योजनाएं बनाई है। खेलों को लेकर लगातार नए काम किए जा रहे हैं। नए सत्र की शुरुआत होने के बाद स्टेडियम में अलग- अलग खेलों में रजिस्टे्रशन कराने के लिए खिलाड़ी पहुंच रहें है।लेकिन इस समय स्टेडियम में सात खेलों के कोच नहीं है जिस वजह से खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण मिलना शुरू नहीं हुआ है। हालांकि जितने कोच मौजूद है उनके द्वारा ही बाकी खेलों के खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लेकिन स्पेश्लििस्ट कोच नहीं होनें से खिलाडिय़ों में उदासीनता है। स्टेडियम प्रशासन ने शासन से सात कोच की मांग करते हुए पत्र लिखा है।
नया बॉक्सिंग रिंग तैयार
स्टेडियम में इस समय 60 बॉक्सर है जो निरंतर अभ्यास करने स्टेडियम पहुंचते समय से स्टेडियम का बॉक्सिंग रिंग खराब था। इस वजह से खिलाडिय़ों को अभ्यास करने में परेशानियां हो रही हैं। अब स्टेडियम में चार लाख की लागत से नया बॉक्सिंग रिंग तैयार हो गया है। जबकि पुराने रिंग को भी रिपेयर कराकर ठीक कराया गया है। जिससे बॉक्सिंग खिलाडिय़ों को अभ्यास करने में परेशानी न हो।
नए सत्र के लिए खिलाडिय़ों का रजिस्टे्रशन
अप्रैल माह में शुरू हुए नए सेशन के लिए सभी खिलाडिय़ों के रजिस्टे्रशन चल रहे हैं जो माह के अंत में पूरे हो जाएंगे। जबकि पिछले सत्र में करीब 12 सौ खिलाडिय़ों का रजिस्टे्रशन हुआ था। इस बार संख्या बढऩे की उम्मीद है। इस समय हॉकी, क्रिकेट, एथलेटिक्स, शूटिंग, कुश्ती व बॉस्किटबाल के कोच है, जबकि खो-खो कबड्डी जैसी प्रतियोगिता भी होती है। इन खेलों के लिए भी खिलाड़ी रजिस्टे्रशन करा रहे हैं।

यहां कोच की कमी है, इसलिए हमें कई बार किसी दूसरे कोच से या सीनियर खिलाडिय़ों से सीखना पड़ता है।
अंकुर
सीनियर खिलाडिय़ों की मदद से प्रैक्टिस कर पाते हैं, यहां कोच की कमी है। जल्द ही कोच आएंगे ऐसा कहा जा रहा है।
इकरा

बिना कोच के प्रैक्टिस करना बहुत लम्बे समय से चल रहा है। कोच की कमी को पूरा करेंगे तभी खिलाड़ी बढ़ पाएंगे। अर्जुन
पूर्ति
हमें प्रैक्टिस करने में दिक्कत आती है क्योंकि कोच नहीं है, इसलिए कभी कभी तो खुद ही प्रैक्टिस करके जाते हैं।
आशिष
स्टेडियम में पहले छह खेलों के कोच नहीं थे। जिसको लेकर शासन से मांग की गई थी, अब एक वुशू का जोड़ा गया है अब सात कोच की कमी है। जिनकी मांग की है।
योगेंद्र पाल, आरएसओ, कैलाश प्रकाश स्टेडियम