मेरठ (ब्यूरो)। ऐसा नहीं है कि नालों की सफाई के लिए नगर निगम ने कुछ नहीं किया। बारिश से पहले हर साल नालों की सफाई कराई जाती है। इस बार भी कराई जा रही है। लेकिन, यह सफाई उतनी और वैसी नहीं हुई है, जैसा दावा निगम की मासिक रिपोर्ट में किया गया है। ऐसे दावे हमेशा होते रहे हैं, परंतु जिस साल भी ठीक-ठाक बारिश हुई, शहर का क्या हाल हुआ, याद दिलाने की जरूरत नहीं है। नगर निगम के ऊपर से शहरवासियों का भरोसा इस कदर उठ चुका है कि अगर निगम हाथ में गंगाजल लेकर भी कहे कि नाले साफ हो चुके हैं तो कोई भरोसा नहीं करेगा।

60 फीसदी नाले साफ
बरसात से पहले शहर को जलभराव से सुरक्षित रखने के लिए नगर निगम की नालों की सफाई का अभियान निर्धारित समय से भी पहले लगभग पूरा हो चुका है। निगम की मानें तो शहर के 60 प्रतिशत छोटे-बड़े नाले गंदगी और सिल्ट मुक्त हो चुके हैं। लेकिन यह दावा सिर्फ कागजों तक सीमित है। मगर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रियल्टी चेक में सामने आया कि अधिकतर नाले अभी भी सिल्ट से अटे पड़े हैं।

अभियान में खानापूर्ति
नगर विकास मंत्रालय ने नगर निगम को 30 मई से पहले शहर के सभी नाले पूरी तरह साफ करने का समय दिया है। ताकि बरसात में नालों में पानी न रुके और शहर में कहीं भी जलभराव न हो। ऐसे में रोजाना नगर निगम शहर के नालों को चमकाने की कवायद में जुटा हुआ है। लेकिन यह कवायद शहर के प्राइम लोकेशन या प्रमुख नालों के कुछ हिस्सों तक ही सीमित है।

प्रमुख नालों तक समिति
अभियान के तहत बेगमपुल पर आबूनाले की मेरठ कालेज तक की सिल्ट काफी हद तक निकाली जा चुकी है। मोहनपुरी नाले की कचहरी पुलिया के हिस्से में सफाई जारी है। ओडियन नाले की कबाड़ी बाजार चौराहे से भूमिया पुल तक सफाई जारी है। मंगल पांडेय नगर नाले की कुछ जगह सफाई जारी है। लेकिन इन कुछ प्रमुख नालों को छोड़े दें तो अधिकतर नाले जगह-जगह सिल्ट से अटे हुए हैं। वहीं शहर के रिहायशी इलाकों में छोटे नाले तक अभियान के बाद भी साफ नहीं हो पाए हैं। हनुमानपुरी नाला, समर गार्डन नाला, कोटला बाजार नाला, थापरनगर नाला, रेलवे रोड नाला, सुभाषनगर नाला, आरटीओ पुलिया नाला सैकड़ों ऐसे नाले ऐसे हैं, जहां गंदगी अटी हुई है।

इन नालों की सफाई का दावा
आबूनाला- काली नदी से जागृति विहार होते हुए रंगोली मंडप से मंगल पांडेय नगर होते हुए कचहरी से बेगमपुल तक।

बड़ा नाला कसेरूखेड़ा- खटकाना पुल से मेन रोड मवाना रोड पुल व गंगानगर होते हुए किला रोड तक व गैसुपुर से गोकुलपुर से काली नदी तक।

नाला चिंदौड़ी- काली नदी जलालपुर के पुल से नया कमेला घोसीपुर टी प्वाइंट होते हुए शास्त्रीनगर होते हुए ढबाई नगर से हापुड़ रोड पुलिया तक।

नाला बच्चा पार्क- थापरनगर पुलिस चौकी से बच्चा पार्क कूड़ा घर होते हुए मोहनपुरी से बच्चा जेल होते हुए नेहरुनगर होते हुए गढ़ रोड की पुलिया तक।

नाला मकाचीन- हापुड़ रोड की पुलिया से साईं मंदिर होते हुए सूरजकुंड बड़े नाले तक।

ओडियन नाला- कमेला पुलिया से लेकर भूमिया पुल होते हुए दिल्ली रोड तक।

गुर्जर चौक कांशीराम आवास स्थित नाला।

कोट्स

हनुमानपुरी नाले की सफाई के लिए दो साल से कालोनी के लोग मांग कर रहे हैं लेकिन हर बार सफाई केवल खानापूर्ति तक सीमित रहती है।
राजेंद्र कुमार

सूरजकुंड नाले पर कहीं पर भी सफाई का असर नहीं है। जगह-जगह सिल्ट व गंदगी के कारण नाले का पानी रूका हुआ है।
अजित शर्मा

हनुमानपुरी नाले के लिए लोगों ने अभियान चलाकर खुद नाला साफ किया था। नगर निगम ने नाले की सफाई के बारे में कुछ नही सोचा।
सुमित शर्मा

हमारे क्षेत्र में नाला हर बरसात में ओवर फ्लो हो जाता है। घरों में पानी भर जाता है। हालांकि दो दिन पहले सफाई हुई लेकिन बस आधी-अधूरी।
मुनेश

वर्जन
नालों की सफाई का काम नियमित रुप से जारी है। जिन नालों की सफाई हो चुकी है, उनमें भी दोबारा सफाई कराई जा रही है। रोजाना शहर में गंदगी निकलती है, ऐसे में नाले पूरी तरह साफ नहीं होते। लेकिन बरसात से पहले अधिकतर नालों की सिल्ट व जमी हुई गंदगी साफ हो जाएगी।
गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम