मेरठ, (ब्यूरो)। यूपी बोर्ड की ओर से केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसे लेकर बोर्ड ने सभी केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे व वाइस रिकॉर्डर लगाए जाने के लिए कहा है। बैठक में इस पर सख्त निर्देश देते हुए बोर्ड ने कहा है कि अगर एग्जाम के दौरान जिला मुख्यालय पर बने कंट्रोल रूम पर कोई केंद्र ऑनलाइन नजर नहीं आता तो उसकी रिपोर्ट यूपी बोर्ड के पोर्टल पर दर्ज की जाए, इस पोर्टल की शासन स्तर से भी निगरानी होगी।

होगी ऑनलाइन निगरानी
परीक्षा केंद्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों को शासन स्तर से भी ऑनलाइन जोड़ा जाएगा, इसलिए मुख्यालय पर स्थापित कंट्रोल रूम के अलावा शासन स्तर से भी किसी भी केंद्र की गतिविधि पर नजर रखी जा सकती है। डीआईओएस गिरजेश कुमार ने बताया कि कंट्रोल रूम में तैनात होने वाली टीम ऐसे केंद्रों की रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड कर देगी जो ऑनलाइन रहने में कोताही बरतेंगे। सभी केंद्रों पर बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए जनरेटर रखना भी अनिवार्य है। साथ ही कम से कम पांच जीबी हाईस्पीड इंटरनेट ब्रॉडबैंड भी रखना होगा।

लापरवाही मंजूर नहीं
डीआईओएस का कहना है कि एग्जाम को लेकर कोई भी लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। इसे लेकर सभी केंद्रों को मीटिंग कर पहले बोल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि गड़बड़ी करने वाले केंद्रों के खिलाफ मान्यता खत्म करने की कार्रवाई की जाएगी।

इंप्रूवमेंट तक शेयर न करें पेपर
मीटिंग में मुख्य सचिव ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि बोर्ड की परीक्षा में सब्जेक्ट का पेपर होते ही स्टूडेंट्स तुरंत पेपर को सोशल मीडिया पर साझा करते हैं, यूपी बोर्ड की अंक सुधार परीक्षा खत्म होने से पहले यदि उस विषय का किसी भी प्रकार का प्रश्नपत्र या कोई प्रश्नपत्र का हल सोशल मीडिया या व्हाट्सएप या अन्य किसी माध्यम से संचारित करने का प्रयास किया जाएगा तो कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि यह प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के तहत गैर जमानती अपराध है।


परीक्षा को लेकर काफी सतर्कता बरती जा रही है। लगातार एग्जाम की मीटिंग हो रही हैं। एग्जाम में पारदर्शिता लाना ही हमारा मकसद है।
- गिरजेश कुमार, डीआईओएस