35 फीसदी डीजल कारों की ब्रिक्री होती है अनुमान के मुताबिक
65 फीसदी पेट्रोल से चलने वाली कारों की बिक्री होती है
10 हजार तक कारें हर साल हो रहीं रजिस्टर्ड
लगातार घर रही ग्रीनरी से दूषित हो रही आबोहवा
Meerut। शहर में साल-दर-साल बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर और घट रही ग्रीनरी से आवोहवा दूषित हो रही है। पुराने और खटारा वाहनों का जहरीला धुआं लोगों की सांस में घुल रहा है। शहरवासी लगातार प्रदूषण का शिकार होकर लोग बीमार हो रहे है। प्रदूषण का स्तर तीन गुना तक बढ़ गया।
6.50 लाख वाहन उगल रहे धुंआ
संभागीय परिवहन विभाग कार्यालय मेरठ में 654371 वाहन रजिस्टर्ड हैं। जिसमें से 2630 संख्या ई-रिक्शा की है जो बैटरी चालित हैं। इसके अलावा बाकी के वाहन डीजल-पेट्रोल से चल रहे हैं और कहीं न कहीं वातावरण में प्रदूषण बढ़ा रहे हैं।
1655-बसें
3260-हैवी गुड्स वेहिकल
84372-कारें
7767-लाइट गुड्स वेहिकल
581-मिनी बस
16411-मोपेड
381978-मोटरसाइकिल
126445-स्कूटर
8853-थ्री व्हीलर्स (टैंपो)
12671-ट्रैक्टर्स
जाम बढ़ा रहा प्रदूषण
रेलवे रोड और बेगमपुल समेत शहर के कुछ इलाके ऐसे है, जहां पर साल-दर-साल ध्वनि और वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है।
फैक्ट एंड फिगर
वायु प्रदूषण
दिल्ली में वायु प्रदूषण स्तर-400 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर।
मेरठ में प्रदूषण स्तर-176 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर।
मानक-आरएसपीएम की मात्रा मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर।
ध्वनि प्रदूषण
मेरठ में प्रदूषण स्तर-85.1 डेसीबल।
मानक-दिन में 50-55 डेसीबल और रात में 40-45 डेसीबल।
5 प्रतिशत-वाहनों में सीएनजी का प्रयोग
95 प्रतिशत-डीजल और पेट्रोल का वाहनों प्रयोग
कुछ कारण यह भी
वाहनों की बेहताशा बढ़ती संख्या
आधुनिक जीवन शैली
सड़कों की खराब स्थिति
बदहाल यातायात व्यवस्था
पिछले पांच सालों का विवरण
जांच स्थान श्रेणी 2017 2016 2015 2014 2013 2012
कैंट हॉस्पिटल संवेदनशील 59.7 55.9 52.5 51.8 52.2 63.4
कलेक्ट्रेट संवेदनशील 78.3 75.3 72.4 आंकड़ा उपलब्ध नहीं है
रेलवे रोड़ व्यवसायिक 93.4 85.2 80.4 67.6 68.2 81.0
बेगमब्रिज व्यवसायिक 92.4 84.9 78.2 80.5 82.2 80.0
थापरनगर व्यवसायिक 86.8 80.1 75.9 78.7 79.9 80.6
शास्त्रीनगर आवासीय 85.6 79.8 75.9 77.2 78.9 80.0
कैंटोमेंट बोर्ड आवासीय 63.2 60.4 61.2 आंकड़ा उपलब्ध नहीं 69.6
पल्लवपुरम-1 आवासीय 84.4 78.1 73.9 70.4 66.9 71.6
मानक:-माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर।
नोट-आंकड़े क्षेत्रीय कार्यालय उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मेरठ की रिपोर्ट के मुताबिक।
एनजीटी द्वारा तय मानकों के अनुरूप की वाहनों का संचालन हो, इसके लिए आरटीओ समय-समय पर अभियान चलाकर कंडम और प्रदूषण फैला रहे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। यह अभियान जारी रहेगा।
विजय कुमार, आरटीओ, मेरठ
दावों के मुताबिक नहीं लगे पौधे
वन विभाग ने वायु प्रदूषण ने निपटने के लिए 2012 से 2016 तक 29 ग्रीन बेल्ट लगाए हैं।
161.3 हेक्टेअर क्षेत्रफल में ग्रीन बेल्ट के नाम पर कुल एक लाख तीन हजार 835 पौधे लगाए गए हैं।
वर्ष 2018 में छह नए ग्रीन बेल्ट बनाए गए, जिसमें 27.6 हेक्टेअर क्षेत्रफल में 17,250 पौधे रोपे गए।
दावा बनाम हकीकत
वन विभाग ने गत पांच वर्ष में दस लाख से ज्यादा पौधरोपण किया। विभागीय दावा है कि 80 फीसद पौधे सुरक्षित हैं, जबकि हकीकत में 40 फीसद भी पौधे नहीं मिले। नगर निगम क्षेत्र में ही तमाम स्थानों पर लगा गए पेड़ सूख गए।
ये है मेरठ की तस्वीर
कुल वन क्षेत्र-2590 वर्ग किमी
मध्यम घना वनक्षेत्र-34 वर्ग किमी
खुला वनावरण-32 वर्गकिमी
मेरठ में वन्यक्षेत्र को बढ़ाने के लिए वन विभाग द्वारा नियमित प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से प्रतिवर्ष वृहद संख्या में पौध रोपण किया जा रहा है।
अदिति शर्मा, डीएफओ, मेरठ