- सड़क हादसों के बढ़ते ग्राफ पर जागरूक नहीं हो रही पुलिस

- बाईपास पर न डिबाइडर और न स्पीड लिमिट

Meerut: बिजली बंबा बाईपास पर सड़क हादसे में दुष्यंत और समीर की मौत का यह कोई पहला हादसा नहीं है। बल्कि चौबीस घंटे के भीतर दूसरा सड़क हादसा है। बिजली बंबा बाईपास लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। जिसके कई कारण हैं।

क्। डिवाइडर का न होना

बिजली बंबा बाईपास कई सड़कों को जोड़ता है। यहां से जागरण चौराहा, हापुड़ अड्डा, एल ब्लॉक शास्त्रीनगर और तेजगढ़ी तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस सड़क पर काफी आवागमन रहने के बावजूद डिवाइडर नहीं बना हुआ है। बिना डिवाइडर के चलने पर आने जाने से हादसे का मामला बढ़ जाता है।

नहीं जलती स्ट्रीट लाइट

बिजली बंबा बाईपास से रोजाना सैकड़ो की संख्या में वाहन गुजरते हैं। बावजूद इसके लाइटिंग की व्यवस्था नहीं होने से हादसों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। यदि प्रोपर लाइट की व्यवस्था नहीं हुई तो रात में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

नहीं है कोई स्पीड लिमिट

बिजली बंबा बाईपास पर हापुड़ रोड की ओर जाने वाले और आने वाले वाहन बेलगाम गति से दौड़ते हैं। चाहे बाइक सवार की बात करें या फिर कार सवारों की अनियंत्रित होकर वाहन चलाते है, जिसकी वजह से अक्सर हादसे होते हैं। सड़क पर वाहन चालकों को स्पीड पर नियंत्रण रखना चाहिए।

पुलिस की नहीं कोई व्यवस्था

भले ही यातयात पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था बनाने के तमाम दावे करती हो लेकिन सभी दावे हकीकत से कोसों दूर हैं। पुलिस की टीम भी बिजली बंबा बाईपास पर नदारद रहती है जो हादसों का बड़ा कारण बनकर सामने आ रहा है। वहीं चौकी में बैठे पुलिस कर्मी भी केवल आराम फरमाते दिख जाएंगे।