- दो गांवों के लोगों ने डीएम और एआईजी स्टांप को लिखा लेटर

- धन्जू गांव के लोगों ने सर्किल रेट दोगुना करने को कहा

- मौजूदा समय में है 51 लाख 50 हजार हेक्टेयर का रेट

- 92 लाख प्रति हेक्टेयर करने की कर रहे हैं डिमांड

- मामूरपुर के लोगों ने भी सर्किल रेट बढ़ाने की बात कही

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sharma.saurabh@inext.co.in

Meerut : जहां एक ओर सर्किल रेट बढ़ने का विरोध हो रहा है, वहीं जिले में ऐसे लोग भी हैं जो सर्किल रेट बढ़ाने की डिमांड कर रहे हैं। वो भी 20 या 30 फीसदी नहीं, बल्कि पूरे 100 फीसदी। जी हां, हैं न आश्चर्य की बात। ये डिमांड जिले के दो गांवों की ओर से डीएम और एआईजी स्टांप के पास आई है। जिस पर डिपार्टमेंट ने गौर करना भी शुरू कर दिया है। अधिकारियों की मानें तो ये दो गांव बाकी लोगों के उदाहरण हैं, जो सर्किट रेट बढ़ने का विरोध कर रहे हैं।

ये हैं वो दो गांव

जिले के दो गांवों ने ऐसा जिगरा दिखाया है, जिसे देखकर पूरा स्टांप एवं निबंधन डिपार्टमेंट सकते में है। जी हां, दो गांवों ने अपने क्षेत्र के सर्किल रेट बढ़ाने की मांग की है। सरधना तहसील के दौराला स्थित गांव मामूरपुर उर्फ देदवा गांव के लोगों ने एडीएम फाइनेंस और स्टांप एवं निबंधन के उपमहानिरीक्षक को लेटर देकर सर्किल रेट बढ़ाने की मांग की है। वहीं सरधना तहसील के गांव धन्जू ने दो कदम आगे बढ़ते हुए मौजूदा रेट से दोगुना करने का प्रस्ताव किया है।

धन्जू का गांव का प्रस्ताव

धन्जू गांव के लोगों ने अपने लेटर में लिखा है कि हमारा गांव सरधना तहसील स्थित अर्धनगरीय क्षेत्र में आता है। साथ ही एमडीए सीमा में आता है। इसी से मिला हुआ ग्राम दुल्हैड़ा चौहान है। जिसका सर्किल रेट 92 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर है। जबकि उनके गांव का रेट 51 लाख 50 हजार प्रति हेक्टेयर हैं। दोनों गांवों की सीमाएं मिली होने और गांवों की लैंड एक सी होने के बावजूद सर्किल रेट में काफी डिफ्रेंस हैं। ऐसे में धन्जू गांव का रेट भी 92 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर होना चाहिए। इस मौके पर गांव प्रधान सुरेश के अलावा रमेश चंद, लखवीर सिंह, रामपाल सिंह, वेदपाल सिंह आदि मौजूद थे।

हमारा भी बढ़ाओ रेट

वहीं मामूरपुर उर्फ देदवा गांव के लोगों ने भी एडीएम फाइनेंस और एआईजी स्टांप से मुलाकात कर सर्किल रेट बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने अपने लेटर में कहा है कि धन्जू गांव और हमारा गांव की सीमाएं मिली हुई हैं। धन्जू अर्धनगरीय क्षेत्र में आता है और हमारा क्षेत्र ग्रामीण है। लेकिन गांव की लोकेशन लावड़ जाने वाली मुख्य सड़क पर स्थित है। ऐसे में हमारा सर्किल धन्जू गांव के सर्किल रेट 51 लाख 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के बराबर कर दिया जाए। आपको बता दें कि मामूरपुर उर्फ देदवा गांव का मौजूदा सर्किल रेट 40 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर है। इस मौके पर अनिल कुमार, सतेंद्र सिंह, बुधप्रकाश, राज सिंह, सतपाल, विजय सिंह, रणजीत सिंह, रोहताश आदि कई लोग मौजूद थे।

कर रहे हैं तैयारी

स्टांप एवं निबंधन विभाग के अधिकारियों की मानें तो उन्होंने दोनों के गांवों के लोगों की बातों पर ध्यान देते हुए इस पर काम शुरू कर दिया है। एडीएम फाइनेंस जिले में नहीं है। जैसे ही वापस आएंगे उनके सामने प्रस्ताव रख दिया जाएगा। वैसे डिपार्टमेंट के अधिकारी काफी सकते हैं। क्योंकि हर ओर से उनके द्वारा सर्किल रेट के प्रस्तावों की आलोचना हो रही है। वहीं ऐसे दो गांवों भी हैं, जो सर्किल रेट बढ़ाने की बात कर रहे हैं। ये दोनों ही प्रस्ताव सरधना तहसील से ही आएं हैं। वहीं डिपार्टमेंट के जोन की बात करें तो सरधना जोन भी अलग ही है। अगर दोनों गांवों के रेट बढ़ते हैं तो सरधना जोन की चांदी हो जाएगी।

आखिर क्या है वजह?

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि दोनों गांवों के लोगों के सर्किल रेट बढ़ाने की डिमांड का एक मेन मकसद है। दोनों ही गांवों की लैंड दौराला महायोजना में शामिल है। साथ ही दोनों ही गांवों की लैंड एक्वायर की जाएगी। सर्किल रेट पर ही मुआवजा तय होगा। ऐसे में जितना बढ़ा हुआ मुआवजा होगा गांव वालों को उतना ही फायदा होगा। इसलिए दोनों गांवों की ओर से डीएम सर्किल रेट बढ़ाने की मांग की जा रही है।

वर्जन

दोनों गांवों के लोग हमारे पास आए थे। मैंने दोनों ही लेटर्स को एआईजी स्टांप को मार्क कर दिया था। दोनों ही गांवों में जाकर आम जनता से बात की जाएगी, जिसके बाद ही सर्किल रेट बढ़ाने या न बढ़ाने का निर्णय लिया जाएगा।

- गौरव वर्मा, एडीएम फाइनेंस, मेरठ

दोनों ही गांवों के स्थिति को देखा जाएगा। गांव की आम पब्लिक से बात की जाएगी। उसके बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचा जाएगा। अभी इस बारे मैं इतना ही कह सकता हूं।

- डीपी मिश्रा, एआईजी, स्टांप एवं निबंधन डिपार्टमेंट