हर बार मिसकैरेज

गुंजन की शादी को चार साल हो गए हैं। अब तक इन्होंने तीन बार कंसीव किया, मगर हर बार मिसकैरेज हो गया। डॉक्टर ने उन्हें कंसीव करने के लिए काफी कमजोर बताया इसलिए इस समय गुंजन ट्रीटमेंट ले रही हैं। अर्पिता अब तक पांच बार कंसीव कर चुकी हैं, मगर दो बार हार्मोनल प्रॉब्लम, दो बार बैक्टीरियल इंफेक्शन और एक बार सीवियर इंफेक्शन की वजह से उनका मिसकैरेज हो चुका है.  आइए जानते हैं कि क्यों मां की कोख इतनी कमजोर हो रही है कि वो बच्चे को सुरक्षा ही नहीं दे पा रही।

रीजन 1- क्रोमोजोम्स मिसमैच

सिटी की गाइनोक्लोजिस्ट के पास आने वाले तमाम मामलों में 25 परसेंट मिसकैरेज का कारण क्रोमोजोम्स मिसमैच है। जिसकी वजह से भ्रूण पनप ही नहीं पाता और अपने शुरुआती सफर में ही खत्म हो जाता है।

रीजन 2- बैक्टीरियल इंफेक्शन

मिसकैरेज होने के कुल मामलों में 15 परसेंट मामले बैक्टीरियल इंफेक्शन के नाम रहते हैं। इन मामलों में अधिकतर कपल्स को यह पता ही नहीं चल पाता कि मिसकैरेज की वजह क्या है। जबकि ये बहुत बड़ी वजह है मगर फिर भी लोग इस पर ध्यान नहीं देते।

रीजन 3- हार्मोनल प्रॉब्लम

हमारा खानपान, पॉल्यूटेड इन्वायरमेंट और हमारा अनहेल्दी लाइफ स्टाइल हार्मोनल प्रॉब्लम्स को बढ़ावा दे रहा है। कई मामलों में हार्मोनल इंबेंलेंस इतना बिगड़ जाता है कि महिला को कंसीव करने में बड़ी समस्या होती है। कई मामलों में तो प्रॉपर ट्रीटमेंट से प्रॉब्लम का हल निकल जाता है मगर काफी समय तक महिलाएं इस हार्मोनल इंबेलेंस को या तो नोटिस ही नहीं कर पाती है या ट्रीटमेंट नहीं करा पाती हैं। डॉक्टर के पास आने वाले कुल मामलों में से 18 परसेंट मिसकैरेज का कारण हार्मोनल इंबेलेंस है।

रीजन 4-फर्टीलिटी वीकनेस

हमारी ड्रेसेज, डाइट, पॉल्यूटेड इंवायरमेंट, ऐज समेत कई रीजन महिलाओं में फर्टीलिटी रिलेटेड वीकनेस को बढ़ावा दे रहे हैं। यही वीकनेस कोख को बेहद कमजोर कर रही है। फर्टीलिटी वीकनेस की वजह से 17 परसेंट मिसकैरेज होते हैं।

रीजन 5-सीवियर इंफेक्शन

प्रग्नेंसी की शुरुआत में ही कई  महिलाएं सीवियर इंफेक्शन का शिकार हो जाती हैं। ये इंफेक्शन कई बाद अनहाइजीन कंडीशन की वजह से होता है। जब तक ये इंफेक्शन सामने आता है तब तक बहुत देर हो जाती है। और तब तक भ्रूण सर्वाइव कर पाने की कंडीशन में नहीं बचता है। इसी वजह से 13 परसेंट मामलों में मिसकैरेज की वजह ये सीवियर इंफेक्शन ही बनता है।

रीजन 6- सेम ब्लड ग्रुप

हसबैंड वाइफ का सेम ब्लड ग्रुप भी भ्रूण के सर्वाइवल रेट को कम करता है। ऐसे मामलों में कपल्स के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं होता है। डॉक्टर्स की मानें तो ऐसी कंडीशन में महिला कंसीव करती है और कुछ ही हफ्तों में मिसकैरेज हो जाता है। डाक्टर के एफर्ट के बाद कई मामलों में मिसकैरेज की कंडीशन को टाला जा सकता है। सेम ब्लड ग्रुप की वजह से मिसकैरेज होने वाले मामले 12 परसेंट हैं।

ये हैं कुछ और रीजन

-वर्कप्लेस हैजार्ड

-हाई लेवर रेडिएशन और टॉक्सिक एजेंट

-किडनी डिजिज

-इम्यून सिस्टम डिसऑर्डर

-हार्ट डिजिज

-डायबटीज

-थाइरॉइड

-हेरेडिट्री

तो सुधर सकती है सूरत

हमने अपने आस-पास जो दुनिया बना ली है वो हमें बहुत नुकसान पहुंचा रही है। बीते कुछ सालों की बात करें तो लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। महिलाओं में बाकी बीमारियों के अलावा मां बनने का सुख भी दूर होता जा रहा है। वजह कई हैं जिनमें से कुछ को प्रग्नेंसी के दौरान नहीं उससे पहले हेल्दी आदतों के साथ आराम से सुधारा जा सकता है।

-हेल्दी डाइट लें। ऐसी डाइट जिसमें पोषकता भरपूर हो।

-अपनी लाइफ में एक्सरसाइज को जगह जरूर दें।

-किसी भी तरह की हार्मोनल प्रॉब्लम का इलाज करने में देरी न करें।

-वुमेन रिलेटिड प्रॉब्लम्स में किसी की भी सजेस्ट की हुई मेडिसन को लेने से बचें।

-हेल्दी रूटीन फॉलो करें।

-बहुत टाइट फिटिंग की ड्रेसेज को एवाइड करें।

-एल्कोहल और स्मोकिंग से दूर रहें।

सर्वाइवल रेट हो रहा कम

गाइनोक्लोजिस्ट डॉ। प्रतिभा गुप्ता बताती हैं कि महिलाओं में कंसीव करने की पावर काफी कम हो गई है। जिसकी वजह हमारा खानपान, दूषित वातावरण और दूषित चीजों का सेवन करना, हमारा बिगड़ता लाइफ स्टाइल, एल्कोहल और स्मोकिंग और बाकी बची कसर शादी के लिए बढ़ती उम्र पूरा कर देती है। इस समय आने वाले कुछ सौ मामलों में से मात्र 25 ही हेल्दी बेबी को कंसीव कर जन्म देती हैं।