मेरठ, (ब्यूरो)। हाउस टैक्स से राजस्व बढ़ाने के लिए गत वर्ष नगर निगम ने प्राइवेट कंपनी को जीआईएस सर्वे का काम सौंपा था। कंपनी का दावा है कि 30 वार्डों का हाउस होल्ड सर्वे हो चुका है। इसमें 2,26,193 कमर्शियल भवन मिले हैं। जबकि निगम के रिकॉर्ड में 90 वार्डों में सिर्फ 29 हजार भवन ही कमर्शियल हैं। जबकि नगर निगम करीब 2.44 लाख भवनों से प्रतिवर्ष औसतन 40 करोड़ रुपये गृहकर वसूल रहा है। इसके बाद भी टारगेट पूरा नहीं हो रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बाकि बचे भवनों से टैक्स वसूली आखिर क्यों नहीं हो रही है।

निगम ने भेजा नोटिस
अब राजस्व वसूली के लिए नगर निगम ने शहर के चार लाख भवन स्वामियों को धारा 213 के नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। इसके लिए शासन के निर्देश पर राजस्व बढ़ाने के लिए ई-पॉश मशीन के साथ महानगर में शिविर लगाने शुरू कर दिए गए हैं। इसके लिए 23 ई-पॉश मशीनों के साथ कर निरीक्षकों को शहर में उतारा गया है। जो डोर टू डोर पहुंचकर टैक्स बिल जमा करेंगे।

मिलेगी 20 प्रतिशत छूट
वहीं दूसरी तरफ हाउस टैक्स, सीवर और पानी टैक्स की वसूली को बढ़ाने के लिए नगर निगम प्रशासन ने 31 दिसंबर तक टैक्स जमा करने वालों के लिए 20 प्रतिशत छूट का अभियान शुरू किया है। इसके लिए शहर में नौचंदी मैदान टंकी परिसर, पांडव नगर पानी की टंकी परिसर, टीपीनगर टंकी परिसर, पुराना क्षेत्रीय कार्यालय श्रद्धापुरी, पल्लवपुरम सामुदायिक केंद्र पर शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। टारगेट पूरा करने के लिए प्रत्येक शिविर से प्रतिदिन एक लाख रुपये की टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा गया है।

कमर्शियल भवनों से अधूरा राजस्व
निगम एक्ट के मुताबिक आवासीय और कमर्शियल भवनों के हाउस टैक्स में कई गुना का अंतर होता है। शहर में कम से कम दो लाख से अधिक दुकानें और अन्य कमर्शियल भवन हैं। जबकि निगम रिकॉर्ड में यह संख्या अभी सिर्फ 29 हजार ही है। इसलिए शहर की अधिकतर सभी कालोनियों के आवासीय इलाकों में तेजी से बाजार विकसित हो रही हंै। घरों और गलियों में दुकानें, अस्पताल, मंडप आदि संचालित हो रहे हैं। इसके प्रमुख उदाहरण हैं शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट, माधवपुरम, दिल्ली रोड, जागृति विहार, गंगानगर, पल्लवपुरम, कंकरखेड़ा, सोतीगंज, शारदा रोड, बागपत रोड समेत अधिकतर इलाकों में तेजी से दुकानें आदि बनकर तैयार हुई हैं।

टैक्स वसूली के लिए डोर टू डोर कलेक्शन के साथ-साथ शिविरों का आयोजन कर डिस्काउंट तक का ऑफर दिया जा रहा है। उम्मीद है कि मार्च माह तक टारगेट पूरा कर लिया जाएगा।
ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त