यूनिवíसटी के पैनल निरीक्षण मंडल के विषय विशेषज्ञों को गाज गिरने का सता रहा डर

सीसीसएसयू से जुड़े कई अन्य कॉलेजों से जुड़े अप्रूवल के मामले भी आ सकते हैं सामने

Meerut। सीसीएसयू के संबद्धता विभाग में चल रहा खेल उस वक्त खुल गया, जब सहारनपुर के एक कॉलेज में एक शिक्षक के नौकरी छोड़ने के बाद भी उसे फर्जी एप्रूवल देने का मामला सामने आ गया। इसके बाद से यूनिवíसटी के संबद्धता विभाग में अफरा-तफरी मच गई है। इतना ही नहीं, यूनिवíसटी स्तर पर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। सूत्रों की मानें तो बुधवार को एफिलिएशन विभाग के कई कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है।

ये है मामला

बता दें कि दून कॉलेज ऑफ एजुकेशन सहारनपुर में एक शिक्षक ने मात्र दस महीने 16 दिन की नौकरी की। मगर उस टीचर के नाम पर सात साल स्टूडेंट्स को पढ़वाते हुए डिग्री दिलवा दी है। 2018 में शिक्षक एप्रूवल में यूनिवíसटी के पैनल ने कॉलेज के फर्जीवाड़े पर मुहर लगाते हुए इस्तीफा दे चुके शिक्षक को ही नियुक्त कर दिया। मगर अब पूरे मामले में कॉलेज से लेकर यूनिवíसटी के पैनल निरीक्षण मंडल के विषय विशेषज्ञों को गाज गिरने पर डर सताने लगा है। पैनल की जिम्मेदारी शिक्षक के प्रमाण पत्रों की जांच सहित उसकी वास्तविकता जांचने की होती है। मगर इस मामले से साफ हो गया हैं कि पैनल ने आंख बंद कर एप्रूवल दे दिया था। फर्जीवाड़ा सामने आने पर कई व कॉलेजों के राज खुलकर भी सामने आ सकते हैं। दरअसल, दून कॉलेज में कागजों पर फर्जी ढंग से शिक्षक अप्रूवल में केवल अनुज अकेला नहीं है। यूनिवíसटी से संबंधित मेरठ व सहरानपुर मंडल के कई व कॉलेजों में ऐसे हजारों शिक्षकों के इस्तीफा देने के बाद उनके नाम पर फर्जी अप्रूवल बनवाने के मामले सामने आ सकते हैं। प्रोवीसी प्रो। वाई विमला ने बताया कि इस मामले में जांच चल रही है।