मेरठ (ब्यूरो)। श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक पं गुलशन महाराज ने कृष्ण जन्म की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि जब धर्म पर विपदा आती है, तो उसे दूर करने के लिए भगवान का अवतार होता है। उन्होंने बताया कि भक्ति, ज्ञान, वैराग्य को बढ़ाकर जो परमतत्व की प्राप्ति कराए वही भागवत है। इसके बाद कथा में राम अवतार की कथा के बारे में बताया गया। त्रेतायुग में भगवान धरती पर श्रीराम के रूप में अवतरित हुए। संसार को रावण के त्रास में मुक्त किया। भगवान चाहते तो संकल्प मात्र से अपनी बाधाएं दूर कर सकते थे, लेकिन अवतार लेकर मनुष्यों को भगवान ने ये दिखाया कि कैसे जीवन की कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए। जीवन की चुनौतियों का सामना करके ही राजकुमार राम धीरे धीरे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान बने।

जेल के टूट गए ताले
भागवत कथा चौथे दिन कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई। कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण का जन्म जेल में होते ही जेल के ताले टूट गए। वासुदेव देवकी बंधनमुक्त हो गए। प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते है। भक्तों ने बाल कृष्ण को दुलार किया। भगवान को माखन-मिश्री का भोग लगाकर टाफी, मिठाई बांटकर जन्म का बधाई गीत गाकर झूमते नाचते पंडाल में खुशियां मनाई गई।

कृष्ण जन्म की झांकियां दिखाईं
कथा के दौरान कृष्ण जन्म की झांकी दिखाई गईं। भजनों ने श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान अपने भक्तों के साथ हर पल खड़े रहते हैं। वे भक्तों के हाथों से प्रेम और भाव के साथ दी गई वस्तु उसी तरह ग्रहण करते हैं, जिस तरह से उन्होंने द्रौपदी का पत्र और गजेंद्र का पुष्प ग्रहण किया।

ये लोग रहे मौजूद
कथा के चौथे दिन के मुख्य यजमान अशोक खत्री, अनुज गुप्ता, सुमित ग्रोवर, अंशुल गुप्ता, शशी खत्री, सारिका गूप्ता,चंदन,कुसुम आदि रहे। वहीं, श्रीबालाजी मंदिर के महंत आचार्य मनीष स्वामी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन गिरधारी लाल आहूजा एवं राजकुमार खत्री ने किया।