- डीएम को ज्ञापन, मांस निर्यात नहीं रोका तो 27 जनवरी को समाधि

- पशु के कटान को रोकने के लिए जैन मुनि पहले भी कर चुके हैं अनशन

Meerut : पशु मांस के निर्यात के खिलाफ मेरठ में एक फिर से आवाज बुलंद हो गई है। इस बार ये आवाज जैन मुनि ने उठाई है। काफी लंबे से इसे रोकने के लिए संघर्ष कर रहे मुनि साफ कर दिया है कि अगर संपूर्ण भारत में इसके निर्यात को नहीं रोका गया तो वो आने वाले महीने मं समाधि (संथारा) ले लेंगे। इसकी सूचना उन्होंने जिले के अधिकारियों को भी दे दी है। जिसके कारण अधिकारियों ने हाथ पांव भी फूल गए है।

मांस निर्यात के खिलाफ

सोमवार को अखिल भारतीय मांस निर्यात एवं यांत्रिक कत्लखाना विरोध महासंघ के बैनर तले जैन मुनि मैत्री प्रभसागर ने मांस निर्यात के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने अपने द्वारा लिखे पत्र में साफ कर दिया है कि अगर पूरे देश में मांस निर्यात को नहीं रोका गया तो आगामी 17 जनवरी को संथारा ले लेंगे। इस लेटर को उन्होंने डीएम को भी दे दिया है। ताज्जुब की बात तो ये है उन्होंने घोषणा अन्नापूर्णा मंदिर में अपने जन्मदिन के मौके पर ली है।

टूट रहा है सब्र का बांध

जैन मुनि प्रभसागर ने कहा कि भारत सरकार इसको लेकर कई बार आश्वासन दे चुकी है। लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। जिसके कारण उनके सब्र का बांध टूटता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन कत्लखानों और मांस निर्यात की वजह से पशुधन समाप्त होता जा रहा है। जिससे पर्यावरण संतुलन बिगड़ता जा रहा है। पर्यावरण संतुलन को ठीक बनाए रखने के लिए पशुधन को बचाया जाना काफी जरूरी है।

कर चुके हैं पहले भी आंदोलन

अखिल भारतीय मांस निर्यात एवं यांत्रिक कत्लखाना विरोध महासंघ के बैनर तले जैन मुनि मैत्री प्रभसागर पहले भी आंदोलन कर चुके हैं। 27 दिसंबर 2014 और 15 मार्च 2015 में दिल्ली के जंतर-मंतर पर अनशन कर चुके हैं। सरकार के आश्वासन के बाद उन्होंने अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया था। लेकिन उसके बाद अभी तक कोई रिजल्ट नहीं निकला। न ही कोई रिजल्ट निकलता हुआ दिखाई दे रहा है।