मेरठ के सभी प्रमुख सर्राफा व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर विरोध जताया।

जनप्रतिनिधियों से करेंगे मांग, दोबारा कर सकते हैं बाजार

Meerut। हॉल माìकग और एचयूआईडी के विरोध में सोमवार को मेरठ के सभी प्रमुख सर्राफा व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर विरोध जताया। सर्राफा एसोसिएशन के आह्वान पर शहर के सभी प्रमुख सर्राफा बाजार बंद रहे। वहीं, सर्राफा व्यापारियों ने ऐलान किया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी। समय-समय पर आंदोलन चलाया जाएगा।

फिर होगा प्रदर्शन

दरअसल, सर्राफा व्यापारियों के अनुसार अनिवार्य हॉल माìकग और एचयूआईडी को लेकर कुछ नियम कानून ज्वैलर्स के हित में नही हैं। ऐसे में ज्वैलर्स केंद्र सरकार से इन नियमों को संशोधित करने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही हॉलमार्किंग ना होने पर सर्राफा व्यापारी की माल जब्ती और गिरफ्तारी का भी सर्राफा व्यापारियों के स्तर पर भरपूर विरोध हो रहा है।

जताया विरोध

इन नियमों के विरोध में सोमवार को एक दिवसीय हड़ताल कर विरोध जताया। इन दौरान शहर के सभी प्रमुख सर्राफा बाजार बंद रहे और ज्वैलरी बाजार में सन्नाटा पसरा रहा।

यह बाजार रहे बंद

सर्राफा बाजार, नील गली सर्राफा बाजार, कच्ची सराय, कागजी बाजार सर्राफा, सदर सर्राफा बाजार, आबूलेन सर्राफा बाजार, कंकरखेड़ा, शास्त्री नगर आदि क्षेत्रों में ज्वैलर्स बाजार बंद रहे।

व्यापार के लिए घातक कदम

मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि हॉलमाìकग जैसे अच्छे कानून की आड़ में एचयूआईडी लगाना, हमारे व्यापार के लिए एक घातक कदम है। ऐसे में इसके विरोध में उत्तर प्रदेश सर्राफा एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार को सर्राफा व्यापार में एक दिन की बंदी रही।

10 से 15 करोड़ का नुकसान

मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री विजय आनंद ने बताया कि एक दिवसीय हड़ताल से मेरठ के सर्राफा व्यापार को करीब 10 से 15 करोड़ का नुकसान हुआ है। ऐसे में हम भी बाजार बंदी नही चाहते लेकिन यदि हमारी मांगें नही मांगी गई तो बाजार बंदी के अलावा दूसरा विकल्प नही बचेगा।

सरकार तक पहुंचाएंगे बात

मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष मनोज गर्ग ने बताया कि इस संबंध में जनप्रतिनिधियों के माध्यम से हम सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे। यदि इसके बाद भी हमारे हित में फैसला नही लिया गया तो आगे बातचीत के बाद निर्णय लिया जाएगा। यदि जरुरत पड़ी तो दोबारा बाजार बंदी होगी।

आखिर क्या है HUID?

HUID का मतलब है हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन। ये एक 6 डिजिट का अल्फान्यूमेरिक कोड है जो हर ज्वेलरी पीस पर लगाया जाता है जिससे उसकी एक अलग पहचान बनाई जा सके। जैसे भारत मैं हर व्यक्ति का अलग-अलग आधार नंबर होता है उसी तरह से हर ज्वेलरी पीस का HUID होता है। 16 जून से देश के 256 जिलों में हॉल मार्क ज्वेलरी बेचना ही अनिवार्य कर दी गई। लेकिन इसके साथ ही HUID की भी एंट्री हो गई। HUID में ज्वेलरी पीस की सारी जानकारी होगी जैसे कि उसका निर्माता कौन है, उसका वजन क्या है, जेवर क्या है? किसको बेची गई आदि।

HUID का क्यों विरोध

1. ज्वेलरी ट्रैकिंग- ज्वेलर्स के मुताबिक अब वो जब भी जितने भी ज्वेलरी पीस बेचेंगे, उनको बाकायदा हर पीस की HUID डिटेल और यह किसको बेचा गया, ये तमाम जानकारी BIS के पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। ज्वेलर्स का कहना है कि इससे ज्वेलर्स की तो ट्रैकिंग होगी ही साथ ही कस्टमर की भी ट्रैकिंग होगी जिससे ग्राहक की निजता खतरे में पड़ सकती है।

2. हॉलमाìकग में देरी- देश के जिन 256 जिलों में अनिवार्य हॉल माìकग लागू हो गई है वहां केवल हॉलमार्क ज्वेलरी ही बेची जा सकती। इसमें भी HUID का प्रावधान लग जाने से हॉलमाìकग में समय लग रहा है जिसकी वजह से व्यापार ठप हो गया है। ज्वेलर्स बताते हैं पहले जहां उसी दिन हॉल मार्क हो जाया करता था वही अब 5 से 10 दिन का भी समय लग जा रहा है

3. हॉलमार्क सेंटर की जिम्मेदारी नहीं- ज्वेलर्स का कहना है कि जब सरकार ने आधिकारिक रूप से हॉलमार्क सेंटर बनाए हैं जहां पर निश्चित रकम देकर ज्वेलरी को हॉलमार्क करवाया जा सकता है। तो फिर कल को अगर ज्वेलरी की गुणवत्ता में कोई कमी निकलती है तो जिम्मेदारी हॉलमार्क सेंटर की जगह ज्वेलर की क्यों रखी गई है?

4. ज्वेलरी नुकसान का जिम्मेदार कौन?- ज्वेलर्स का कहना है कि हॉलमार्क सेंटर पर ज्वेलरी को हॉल मार्क कराने के दौरान जो टूट-फूट हो रही है, जेवर की फिनिशिंग खराब हो रही है या फिर जेवर का वजन घट रहा है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

5. जेवर में बदलाव (अल्टरेशन) नहीं- क्योंकि हर ज्वेलरी पीस का HUID तय होगा। जिसमें हर ज्वेलरी पीस का वजन, मेकिंग या कॉम्बिनेशन तय होगा तो ऐसे में अगर ग्राहक अपनी मर्जी से किसी जेवर में बदलाव करवाना चाहें या दो अलग-अलग जेवर से कोई कंबीनेशन बनाना चाहे तो ज्वेलर्स के पास केवल 2 ग्राम तक का alteration करने की ही छूट होगी। इससे ऊपर होने पर तुरंत ज्वेलर ग्राहक को ज्वेलरी नहीं दे पाएगा। ज्वैलर को पहले उसको फिर से HUID बनवाने के लिए भेजना होगा। उसके बाद ही ग्राहक को उसका पसंदीदा जेवर मिल सकेगा।