आज से ज्वैलर्स नहीं बेच सकेंगे बिना हॉल मार्क वाला सोना

ज्वैलर्स को सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट वाले गोल्ड की बिक्री की होगी इजाजत

Meerut। देश में गोल्ड हॉल माìकग अनिवार्य कर दिया गया है। अगर अब किसी भी दुकान से सोना खरीदने जाएंगे तो आपको सिर्फ हॉलमार्क का ही सोना मिलेगा। इससे ग्राहकों को सोने के शुद्ध होने की शत-प्रतिशत की गारंटी मिलेगी। साथ ही इसकी सबसे खास बात यह है कि सोने पर लिखा होगा कि यह कितने कैरेट का है। ज्वैलर्स के अनुसार हॉल माìकग से आम लोगों को फायदा होगा। इससे ग्राहक सोने के गहने खरीदते समय धोखा खाने से बच जाएंगे।

कैरेट वाला सोना

गोल्ड हॉल माìकग सोने की शुद्धता का एक सíटफिकेट है। इसके लागू होने के बाद से सभी ज्वैलर्स को सिर्फ 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट वाले गोल्ड की बिक्री की ही इजाजत होगी। जो ज्वेलर हॉल मार्क वाले गहने बेचना चाहता है, उसे बीआईएस यानि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। ज्वेलर ये प्रक्रिया ऑनलाइन भी कर सकते हैं। इसके बाद उनकी ज्वेलरी की शुद्धता की जांच होती है। रजिस्ट्रेशन के बाद हॉल मार्क वाली ज्वेलरी की शुद्धता को लेकर कभी भी स्टोर पर जांच टीम आ सकती है। इसके तहत ज्वैलर्स की सुविधा के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को ऑनलाइन और ऑटोमैटिक कर दिया गया है।

बिना हॉलमार्क मिलेगी सजा

अगर कोई भी ज्वैलर बिना हॉल माìकग के गोल्ड ज्वैलरी बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एक साल की जेल के अतिरिक्त उस पर गोल्ड ज्वैलरी की वैल्यू की पांच गुना तक पेनल्टी भी लगाई जा सकती है। हर कैरेट के सोने के लिए हॉल मार्क नंबर अंकित किए जाते हैं। ज्वैलर्स की ओर से 22 कैरेट के लिए 916 नंबर का इस्तेमाल किया जाता हैं। 18 कैरेट के लिए 750 नंबर का इस्तेमाल करते हैं और 14 कैरेट के लिए 585 नंबर का उपयोग किया जाता हैं। इन अंकों के जरिए आपको पता चल जाएगा कि सोना कितने कैरेट का है।

घर वाले सोने पर नहीं

गोल्ड हॉल माìकग का नियम घर में रखे सोने पर लागू नहीं होगा। इसके लागू होने के बाद भ्ीा लोग अपने घर में सोना आसानी से रख सकते हैं। इससे पुरानी ज्वैलरी बिक्री करने पर भी कोई असर नहीं होगा। शहर के लोग पहले की ही तरह उसे ज्वैलर्स के यहां चाहें तो ज्वैलरी बेच सकते हैं। यह नियम केवल ज्वैलर्स के लिए है वे बिना हॉलमार्क के सोना नहीं बेच पाएंगे।

एक जून थी डेडलाइन

सरकार द्वारा स्वर्ण आभूषणों, कलाकृतियों की अनिवार्य हॉल माìकग के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश इसी साल 15 जनवरी को जारी किया गया था। मगर गैर-हॉल मार्क वाले आभूषणों के पुराने स्टॉक को हटाने के लिए अंतिम तिथि एक जून 2021 तक बढ़ा दी गई थी। वहीं कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते इसकी समयावधि में 15 दिन का इजाफा किया गया था।

22 कैरेट ज्वैलरी हार्ड होती है और 20 कैरेट वाली ज्वैलरी सॉफ्ट होती है। सीधे शब्दों में कहूं तो इस ज्वैलरी के रख-रखाव में आसानी होती है। इसलिए ये लोगों को पसंद होती है मगर अब लोगों को हार्ड ज्वैलरी मिलेगी, जिसके रख-रखाव में दिक्कत आएगी।

मनोज गर्ग, कोषाध्यक्ष, मेरठ बुलियन एसो।