साल 1980

ट्रक ड्राइवर से शुरुआत

बदन सिंह बद्दो 1980 के दशक में मेरठ में ट्रक ड्राइवर था। इस दौरान उसने दबंगई शुरु कर दी। इससे बद्दो का नाम बदमाशों की लिस्ट में शामिल हो गया। अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए यूपी के बॉर्डर पर शराब की तस्करी भी शुरू कर दी थी।

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साल 1988

गुदड़ी बाजार में की दिनदहाड़े हत्या

साल 1988 में बदन सिंह बद्दो पर पहला हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। बद्दो ने दिनदहाड़े कोतवाली के गुदड़ी बाजार में राजकुमार नाम के युवक की हत्या की थी। इससे वेस्ट यूपी के क्राइम नेटवर्क में बद्दो का नाम फैलने लगा था।

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साल 1996

वकील रविंद्र गुर्जर की हत्या

ये वक्त था साल 1996 का। बद्दो ने वकील रविंद्र गुर्जर की हत्या की दी थी। इसके बाद बद्दो का नाम बड़े अपराधियों की सूची में शामिल हो गया। बद्दो पर लूट, रंगदारी, मर्डर, आबकारी अधिनियम, गैगस्टर तक के कई मामले दर्ज किए गए।

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साल 2011

जिला पंचायत सदस्य की हत्या

पश्चिम उत्तर प्रदेश में बद्दो सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर बन गया। वहीं साल 2011 में उसके खिलाफ जिला पंचायत सदस्य की हत्या का मामला दर्ज किया गया। बद्दो के खिलाफ 30 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। 2012 में केबिल मैनेजर पवित्र की हत्या का भी मुकदमा दर्ज है।

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साल 2019

भाग निकला बद्दो

साल 1996 के मर्डर केस में बद्दो को गाजि़याबाद अदालत ने उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी। मार्च 2019 में उसे गाजि़याबाद कोर्ट में पेश किया गया था। पेशी के बाद पुलिस उसे वापस फतेहगढ़ ले जा रही थी। शातिर बद्दो ने पेशी के बाद पुलिस को मेरठ के रास्ते होकर चलने के लिए राजी कर लिया था। पुलिस टीम उसे लेकर मेरठ के मुकुट महल होटल पहुंची थी। होटल में पुलिस को चकमा देकर बद्दो फरार हो गया।

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साल 2020

फेसबुक पर अपलोड की फोटो

बदन सिंह बद्दो ने 2020 में फेसबुक पर फोटो अपलोड की थी। इसके बाद मेरठ पुलिस एक्टिव मोड में आ गई थी। एसटीएफ से लेकर क्राइम ब्रांच और साइबर सेल अलर्ट हो गई थी। तमाम कोशिशें की गई लेकिन उसके बावजूद भी बदन सिंह बद्दो पकड़ में नहीं आ सका। रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया गया था।