नोडल अधिकारी और डीएम ने किया आनंद अस्पताल का इंस्पेक्शन

मरीज की हालत बिगड़ने पर तुरंत ही मेडिकल रेफर करने के दिए निर्देश

Meerut। अगर अस्पताल में एडमिट किसी व्यक्ति को गंभीर बीमारियां हैं तो सबसे पहले उसका कोविड-19 टेस्ट होगा। जिले के नोडल अधिकारी पी। गुरू प्रसाद और डीएम के। बालाजी ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिए। उन्होंने रविवार को आनंद अस्पताल का इंस्पेक्शन किया। इसके साथ ही सीसीटीवी पर की जा रही मॉनिटरिंग को देखा व मरीजों से फोन पर बातचीत कर उनका हाल भी जाना। सीएमओ डॉ। राजकुमार ने बताया कि आनंद अस्पताल में बने एल-2 कोरोना वार्ड में 100 बेड से 125 बेड कराने का कार्य चल रहा है। अब तक यहां से 507 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं, जबकि 107 मरीज एक्टिव हैं।

नोडल इंचार्ज को निर्देश

नोडल अधिकारी पी। गुरू प्रसाद ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया कि मरीजों को मेडिकल कॉलेज में रेफर करने में किसी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने अस्पताल के कोरोना वार्ड नोडल इंचार्ज के बारे में जानकारी ली लेकिन वह अस्पताल में मौजूद नहीं थे। इसके बाद उन्होंने नोडल इंचार्ज को गंभीरतापूर्वक काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने ये भी कहा कि अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण जांच के लिए एंटीजन किट उपलब्ध करवाई जाए। वहीं उन्होंने अस्पताल में लगे सीसीटीवी से हो रही मॉनिटरिंग को भी परखा।

मरीजों से की बातचीत

आनंद अस्पताल में निरीक्षण के बाद नोडल अधिकारी ने मरीजों से फोन पर बात की और उनका हाल जाना। साथ ही उनके इलाज के संबंध में जानकारी ली। वहीं खाने और वार्ड में साफ-सफाई के बारे में भी पूछताछ की। हालांकि इस दौरान मरीजों ने अस्पताल में मिल रही सभी सुविधाओं को लेकर बेहतर रेस्पांस दिया। वहीं डीएम के। बालाजी ने कहा कि शुरू में ही कोरोना की जांच करवाकर लोग खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। इस दौरान अपर जिलाधिकारी वित्त सुभाष चंद्र प्रजापति, नगर मजिस्ट्रेट एसके सिंह, डॉ। पीपी सिंह, एसीएमओ पूजा शर्मा, डॉ। सुभाष, प्रबंध निदेशक आनंद अस्पताल मानसी आनंद सहित अन्य लोग मौजूद रहे।