- कई दिनों से मातृत्व अवकाश की कर रही है मांग

- जेल प्रशासन पर लगाया अभद्रता करने का आरोप

Meerut: जिला जेल में तैनात महिला बंदी रक्षक डिलिवरी के लिए अवकाश की मांग को रविवार को कारगार गेट पर ही धरने पर बैठ गई। साथ में उनके पति भी थे जो वह भी कारगार में बंदी रक्षक हैं। महिला बंदी रक्षक का आरोप था कि वह काफी समय से अवकाश की मांग कर रही है, लेकिन उसे कारगार के बाहर ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया जो नियम विरुद्ध है। यही नहीं अवकाश मांगने पर उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। वहीं जेल प्रशासन का कहना है कि नियम के तहत ही अवकाश दिया जा सकता है।

40 दिन का मांग रही है अवकाश

पूनम विमल और उनके पति अजय दोनों जिला कारगार में बंदी रक्षक हैं। पूनम तीसरे बच्चे की मां बनने वाली हैं। उनका कहना है कि आखिरी महीना चल रहा है। डॉक्टर ने रेस्ट को कहा है, लेकिन जब भी वह और उनके पति ने अवकाश मांगा तो जेल अधीक्षक ने भगा दिया।

पति के साथ बैठी धरने पर

रविवार को एक बार फिर पूनम और उनके पति ने जेल अधीक्षक से अवकाश मांगा। पूनम का आरोप है कि इस पर जेल अधीक्षक ने अभद्रता शुरू कर दी। उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और जातिसूचक शब्द कहे। जिसके बाद पूनम कारगार के गेट के बाहर पति के साथ धरने पर बैठ गई।

जेल प्रशासन ने आरोप नकारा

जेल प्रशासन का कहना है कि तीसरे बच्चे के लिए डिलीवरी हेतु अवकाश नहीं मिलता। उनको अपने बचे अवकाश से ही कटवाना पड़ेगा। वहीं दूसरी तरफ इनको मेडिकल सर्टिफिकेट देना पड़ेगा जिसमें यह लिखा हो कि कितने दिन तक अवकाश चाहिए।

अवकाश देने में मनाही नहीं है, लेकिन वह नियम के तहत ही दिया जाना है। महिला ने डॉक्टर का प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया, जिसमें लिखा हो कि कितने दिन का रेस्ट चाहिए। यह प्रमाण पत्र जरूरी है। बदसलूकी का आरोप बेबुनियाद है।

- एसएचएम रिजवी, वरिष्ठ जेल अधीक्षक