नगर आयुक्त ने गठित की दो सदस्यीय कमेटी

जांची जा रही है ईईएसएल के दावे की हकीकत

Meerut : शहर में एलईडी स्ट्रीट लाइट कितनी लगाई गई। गुणवत्ता का कितना ध्यान रखा गया। ईईएसएल ने जो दावे किए हैं उसमें कितना दम है। इस बाबत नगर आयुक्त मनीष बंसल ने जांच शुरू करा दी है।

कमेटी गठित

नगर आयुक्त मनीष बंसल ने जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की है। सहायक नगर आयुक्त इंद्र विजय के नेतृत्व में जांच शुरू कर दी गई है। पहले चरण में चार वार्ड और पांच प्रमुख मार्गों पर लगी एलईडी स्ट्रीट लाइट की जांच हो रही है। जिसमें वार्ड 48 माधवपुरम समेत वार्ड संख्या 16, 76 और 85 और मुख्य मार्गों में मवाना रोड, दिल्ली रोड, गढ़ रोड, हापुड़ रोड और बिजली बंबा बाइपास आदि शामिल हैं। दरअसल, ठेका एजेंसी ईईएसएल को शहर में लगभग 68000 एलईडी लाइट लगानी थी। एजेंसी ने दावा किया है कि उसने यह काम पूरा कर दिया है। एजेंसी को नगर निगम के अधिकारियों की संस्तुति पर शासन से लगभग 10 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। कुल 22 करोड़ रुपये का भुगतान होना है। ईईएसएल ने शेष राशि के भुगतान के लिए आवेदन किया है।

सीसीएमएस का अता-पता नहीं

सेंट्रल कंट्रोल एंड मानीट¨रग सिस्टम 40 से 50 स्ट्रीट लाइट के पोल के बीच लगाना था। जिसके माध्यम से ऊर्जा खपत पता चलती। लेकिन यह व्यवस्था सुनिश्चित नहीं हुई। मार्ग प्रकाश विभाग आंकलित विद्युत बिलों पर निगम का खजाना खाली कर रहा है। यही नहीं इसी सिस्टम के जरिए एलईडी स्ट्रीट लाइट को चालू और बंद किया जा सकता है।