मेरठ (ब्यूरो)। सीएसएस यूनिवर्सिटी में बीते 8 साल से छात्रों को मार्कशीट तक नहीं मिली है। यूजी की मार्कशीट पाने के लिए भटक रहे हैं। छात्र परेशान हैं। एक तो उनका करियर खराब हो रहा है। दूसरे उनकी पढ़ाई लिखाई भी डिस्टर्ब हो रही है। साल 2014-15 की मार्कशीट पाने के लिए वे यूनिवर्सिटी के हर अधिकारी से मिल चुके हैं। समस्याएं बता चुके हैं, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने ऐसे ही कुछ स्टूडेंट्स की मुश्किलों को जाना। आप पढि़ए स्टूडेंट़्स की मुश्किलों की कहानी खुद उनकी ही जुबानी

यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं मिला
मेरा नाम सुमित है। हापुड़ में मेरा घर है। साल 2014 में मैंने सीसीएसयू से बीए फस्र्ट इयर किया था। पास भी हो गया था, लेकिन अगले साल मार्कशीट नहीं मिली। बस यही से समस्या शुरू हो गई। कॉलेज से लेकर यूनिवर्सिटी तक कई चक्कर लगाए। अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन कोई बात नहीं बनी। हालांकि, सेकेंड ईयर में नेट के रिजल्ट के आधार पर एडमिशन तो मिल गया, लेकिन फस्र्ट ईयर की मार्कशीट नहीं मिली। यह यूनिवर्सिटी की गलती थी। इसलिए अगली क्लास में एडमिशन मिल भी गया। इसके बाद मैने फाइनल ईयर भी कंप्लीट कर लिया। इसके बाद मन था कि किसी दूसरी यूनिवर्सिटी में ऑनर्स कोर्स के लिए अप्लाई करें, लेकिन फस्र्ट ईयर की मार्कशीट नहीं थी। इसलिए वहां भी एडमिशन नहीं मिला। मैं भटकता रहा, साल खराब न हो इसलिए सीसीएसयू में अगली क्लासेज करता रहा, लेकिन अभी तक मुझे मार्कशीट नहीं मिली है। अब मैं यूपी पुलिस की तैयारी कर रहा हूं। साथ ही एमए प्राइवेट कर रहा हूं। अगर मुझसे फस्र्ट इयर की मार्कशीट मांगी गई तो कहां से दूंगा ये समझ नहीं आ रहा है। यूनिवर्सिटी के अधिकारी कोई सटीक जवाब नहीं दे रहे हैं। अब मुझे मार्कशीट के लिए हापुड़ से आना पड़ता है।

बीएड नहीं कर सकी
मेरा नाम रेश्मा है। मैनें 2014-15 में सीसीएसयू से एमए सेकेंड इयर किया था। आगे मैं बीएड करना चाहती थी, लेकिन रिजल्ट में गड़बड़ी हो गई। मुझे एबसेंट दिखाया गया। मेरे साथ कई स्टूडेंट्स के साथ यह दिक्कत हो गई थी। रिजल्ट में कई छात्रों को एबसेंट दिखाया गया था। हालांकि, छात्रों के हंगामे के बाद यूनिवर्सिटी ने उस कंपनी को तो हटा दिया था। मुझसे कहा गया कि दूसरी मार्कशीट बनेगी। उसके बाद मैं कई बार यूनिवर्सिटी आई। आठ साल से यूनिवर्सिटी के चक्कर काट रही हूं। बीते दो साल पहले मेरा रिजल्ट ठीक हुआ। अब मैंने अपनी मार्कशीट मांगी तो उसका प्रिंट तक मुझे नहीं दिया गया। यूनिवर्सिटी के अधिकारी आश्वासन देते हैं कि जल्द मार्कशीट बन जाएगी। बीते आठ साल से मुझे एमए फाइनल की मार्कशीट नहीं मिल पाई है। इस कारण मैं बीएड तक नहीं कर पा रही हूं।

एमबीए नहीं कर सका
मेरा नाम सुहैब है। साल 2015 में मैने बीबीए कंप्लीट की है, लेकिन कुछ गड़बड़ी के कारण बीबीए की मार्कशीट आज तक मुझे नहीं मिली है। मैं करियर को बढ़ाने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना चाहता था। लेकिन बीबीए की मार्कशीट नहीं थी, इसलिए दूसरी किसी यूनिवर्सिटी में प्रवेश नहीं मिला। अब समय न खराब हो, लिहाजा नेट का प्रिंट लेकर सीसीएसयू में ही एमबीए में एडमिशन लिया। हालांकि एमबीए तो कर रहा हूं, लेकिन मुझे कहीं अप्लाई करना हो तो सभी डॉक्यूमेंट चाहिए। मार्कशीट न होने से दिक्कत हो रही है। रोजाना मार्कशीट को लेकर भटकना पड़ता है। इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक से बात की है। उनका कहना है कि एक दो हफ्ते में दे दी जाएगी।

जॉब भी नहीं मिल सकी
मेरा नाम शहरयाब चौधरी है। मैनें यूनिवर्सिटी से बीबीए किया था। यूनिवर्सिटी की लापरवाही के कारण आज तक मुझे बीबीए की मार्कशीट नहीं मिल पाई है। यह मेरी नहीं मेरे जैसे कई स्टूडेंट्स की समस्या है। बीबीए की मार्कशीट न होने से किसी कंपनी में अप्लाई करने में दिक्कत हो रही है। बीते 8 साल से यूनिवर्सिटी में अधिकारियों से मुलाकात कर रहा हूं। उन्हें समस्याएं बात रहा हूं। हालत यह है कि जॉब तक के लिए अप्लाई करने में दिक्कत आ रही है। ग्रेजुएशन की मार्कशीट तो हर जगह मांगी जाती है। ऐसे में सिर्फ नेट से मार्कशीट का प्रिंट लेकर कार्य चल रहा है।

परीक्षा नियंत्रक को समस्या बताई
इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक के यहां स्टूडेंट्स पहुंचे। मार्कशीट को लेकर स्टूडेंट्स ने समस्या रखी गई। हालांकि परीक्षा नियंत्रक डॉ। अश्वनी कुमार ने जल्द ही मार्कशीट छपवाकर देने का आश्वासन दिया है। पर कई महीनों से भटक रहे हैं इन स्टूडेंट्स को अपने करियर में मार्कशीट न होने से समस्याएं आ रही हैं।

इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक से बात की है। उनका कहना है कि जल्द ही इसको लेकर एक कम्पनी को अलग से जिम्मा दिया जाएगा और सभी को मार्कशीट दी जाएगी, काफी स्टूडेंट्स का भविष्य खराब है उनका क्या
शान मोहम्मद, छात्र नेता

कुछ स्टूडेंट्स आए थे जिनकी मार्कशीट की समस्या थी। दरअसल कुछ मार्कशीट रह गई हैं, जिनको जल्द ही छपवाकर दे दिया जाएगा। इसका टेंडर हमारे द्वारा एक सप्ताह पहले निकाला जा चुका है जल्द ही यह काम किसी कम्पनी को देकर मार्कशीट दे दी जाएगी।
डॉ। अश्वनी कुमार, परीक्षा नियंत्रक