मेरठ (ब्यूरो)। केजी सुरेश ने कहा कि फिल्म या तो अच्छी है या फिर अच्छी नहीं है। हर निर्माता का उद्देश्य फिल्म को अच्छा बनाने का ही होता है। आजकल मोबाइल के माध्यम से भी फिल्में बनाई जा सकती है। लेकिन इसके लिए अध्ययनशीलता बनाए रखें। अगर क्रिएटिविटी नहीं है, रचनात्मकता नहीं है तो फिल्म बनाने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि इतिहास को पढऩा जरूरी है वर्तमान की फिल्मों में इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है।

अच्छे विषय पर बनें फिल्में
वहीं, विशिष्ट अतिथि एमआईटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन धर्मेंद्र भारद्वाज ने कहाकि समाज में सकारात्मक संदेश देने के लिए अच्छे विषयों पर फिल्म बननी चाहिए और इस प्रकार के प्लेटफॉर्म पर इनको प्रोत्साहन मिलना चाहिए।

जीवन की महत्ता दिखाई
दस मिनट की लघु फिल्म प्रतियोगिता में फस्र्ट प्राइज महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी ने जीता। जहां के स्टूडेंटस ने ऑक्सीजन शीर्षक की फिल्म दिखाई थी। दस मिनट की इस लघु फिल्म में दिखाया गया कि बीते दो सालों में कोविडकाल में किस तरह से सबकुछ नष्ट हो गया और परिस्थितियां बहुत ही भयानक बन गई। जीवन का क्या महत्व है। कैसे जीवन को बचाने के लिए त्राहि-त्राहि मच गई थी। वहीं सेकेंड प्राइज सीसीएसयू मेरठ पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के स्टूडेंट्स को दिया गया। उनकी फिल्म का शीर्षक विभाजन की विभीषिका जिसमें दिखाया गया किस तरह से बंटवारे के समय में हालात हो गए थे, कैसे बंटवारा हुआ और स्थितियां बनती गई। वहीं सांत्वना पुरस्कार मेरठ सीसीएसयू को ही दिया गया, लगन देश सेवा की इस फिल्म में देशसेवा व क्रांतिकारियों व देशप्रेम के बारे में दिखाया गया।

एसआरडी रहा फस्र्ट
पांच मिनट की लघु फिल्मों की श्रेणी में फस्र्ट प्राइज एसआरडी मीडिया की फिल्म आंदोलन में दिया गया। वहीं सेकेंड प्राइज मेरठ की सीसीएसयू पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के स्टूडेंट्स को मोबाइल के मारे है हम फिल्म के लिए दिया गया। सांत्वना पुरस्कार आईआईएमटी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को दा फस्र्ट डे को दिया गया।

ये रहे मौजूद
कार्यक्रम की अध्यक्षता वीसी प्रो। एनके तनेजा ने की। निर्णायक की भूमिका में नीता गुप्ता, सुमंत डोगरा व डॉ। दिशा दिनेश रही। मौके पर सीसीएसयू मासकॉम के निदेशक प्रो। प्रशांत कुमार ने सभी का स्वागत किया। व मेरठ के चलचित्र सोसाइटी के अजय मित्तल ने सभी का स्वागत किया। कार्य परिषद के सदस्य डॉ। दर्शन लाल अरोडा, श्याम बिहार, सुरेंद्र कुमार, प्रो। नवीन चंद्र लोहानी, डॉ.मनोज कुमार श्रीवास्तव, डॉ। अशोक कुमार, लव कुमार, अमरीश पाठक, बीनम यादव, मितेन्द्र कुमार गुप्ता, च्योति वर्मा, उपेश दीक्षित, राकेश कुमार, राजीव, नाजर आदि मौजूद रहे।