मेेरठ, ब्यूरो। बरसात के कारण पहाड़ी टमाटरों का आयात कम होने की वजह से मैदानी इलाकों में टमाटर के दाम रिकार्ड तोड़ रहे हैं। हालात यह हैं कि जुलाई में 20 से 40 रुपए प्रति किलो तक बिकने वाला टमाटर इस बार 80 रुपए तक पहुंच गया है। शहर की कालोनियों में 80 रुपए प्रति किलो तक टमाटर बिक रहा है जबकि मंडी में 60 रुपए प्रति किलो का रेट है।

रेट कंट्रोल करने में जुटी मंडी समिति
बरसात के बाद एक दम से आई सप्लाई मे कमी ने टमाटर का रेट उछाल दिया था लेकिन मंडी समिति के प्रयासों के चलते अब टमाटर का दाम कम होने लगा है। इसे चलते मंडी में आढतियों को टमाटर की स्टोरेज ना करने और रेट कंट्रोल में रखने के आदेश देकर टमाटर का रेट कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

पहाड़ों से आयात कम
मंडी एक्सपर्ट की मानें तो मैदानी इलाकों में टमाटर की पैदावार कम होने के कारण मैदानी इलाकों के शहरों में टमाटर की सप्लाई में कमी आई है। बरसात के कारण हिमाचल प्रदेश के मनाली, कुल्लू आदि जगहों से आने वाला टमाटर खराब होने कारण मंडी में काफी कम हो गया है। इसके कारण इस बार अधिक किल्लत हो रही है।

टमाटर का गणित-
1500 से 1600 रुपए चल रहा है। नवीन मंडी में टमाटर की क्रेट का भाव

25 से 27 किलो तक होता है टमाटर एक क्रेज में

- 60 रुपए प्रति किलो थोक में टमाटर का दाम

- 70 से 80 रुपए प्रति किलो कॉलोनियों में फुटकर का दाम

- 800 रुपए प्रति कुंतल रहा सितंबर में टमाटर का दाम


टमाटर के आयात में बारिश के कारण कमी आ गई। बरसात से टमाटर की फसल को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में अब नई फसल के साथ दिसंबर माह तक टमाटर के दाम में कमी आना संभव नही है।
- भूषण शर्मा, अध्यक्ष नवीन मंडी सब्जी समिति

मंडी में जमाखोरी पर रोक लगाया हुआ है और नियमित रुप से सप्लाई बनाकर व्यवस्था बनाई जा रही है। इससे टमाटर का रेट फिलहाल स्थिर बना हुआ है। जल्द दाम में ओर अधिक कमी आएगी।
- नरेंद्र सिंह, मंडी समिति अध्यक्ष