हाईकोर्ट के आदेश के बाद एमडीए में मायूसी, तलाश रहे आवंटियों का रिकार्ड

शताब्दीनगर एक्सटेंशन की जमीन पर हुआ था आवंटन, अभी भी हैं किसान काबिज

Meerut। चलो अपना आशियाना न सही जीवन की पूंजी तो वापस मिलेगी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मेरठ के शताब्दीनगर एक्सटेंशन के आवंटियों के राहत मिली। हाईकोर्ट न अब मेरठ विकास प्राधिकरण को सभी आवंटियों की रकम 8 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद एक ओर जहां आवंटियों के चेहरों पर राहत नजर आ रही है वहीं प्राधिकरण 'टेंशन' है। फंड की कमी से जूझ रहे प्राधिकरण को मोटी रकम इन आवंटियों को लौटानी होगी।

जरा समझ लें

फिरोजाबाद निवासी राधेश्याम की मेरठ में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनाती हुई तो वे परिवार के साथ यहां आ गए। बेटे ने जिद की तो 2009 में मेरठ विकास प्राधिकरण की शताब्दीनगर एन्क्लेव योजना में राधेश्याम ने 162 वर्ग मीटर का प्लाट बुक करा लिया। प्लाट की कीमत 10.50 लाख रुपए थी, जो कर्ज लेकर अदा किए। दिल्ली में रहने वाले कृष्ण मोहन प्रसाद सिन्हा ने 162 वर्ग मीटर का प्लाट खरीदा, प्राधिकरण ने एक अन्य 108 वर्ग मीटर का प्लाट भी एमडीए ने सिन्हा को थमा दिया। जीवनभर की जमा पूंजी करीब 22 लाख रुपए प्राधिकरण को थमा दिए और प्राधिकरण ने भी औपचारिकता पूरी करते हुए 2014 में रजिस्ट्री कर दी। और प्लाट आज भी अपने कब्जे में नहीं है।

9 आवंटी गए कोर्ट

प्लाट पर कब्जा नहीं मिला तो राधेश्याम, केएमपी सिन्हा समेत 9 आवंटियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लंबी कानूनी लड़ाई के दौरान कोर्ट ने प्राधिकरण को आवंटियों के हितों को सुरक्षित रखने के आदेश दिए। वहीं पिछले दिनों आदेश का अनुपालन न होने पर प्राधिकरण अधिकारियों को इस केस में कंटेम्प्ट भी झेलना पड़ा था। गत दिनों कोर्ट ने जिला प्रशासन को एमडीए को किसानों से जमीन से कब्जा हटवाकर आवंटियों को उनके प्लाट्स पर कब्जा दिलाने के आदेश दिए थे। जिसके बाद प्राधिकरण ने कब्जा हटाने की कोशिश की जिसे किसानों के आंदोलन को नाकाम कर दिया। जिसके बाद शताब्दीनगर योजना के किसान भी हाईकोर्ट चले गए। हाल में हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने प्राधिकरण को आदेश दिए कि वे आंवटियों की जमा धनराशि को 8 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने के आदेश प्राधिकरण उपाध्यक्ष राजेश कुमार पाण्डेय को दिए।

यह आवंटी गए थे हाईकोर्ट

1-राधेश्याम

2-केएमपी सिन्हा

3-श्रीराम आधार शर्मा

4-रचना सागर

5-राजीव कुमार

6-डॉ। सुनीता प्रजापति

7-आनंद प्रकाश

8-रेनू सिंघल

9-मुकेश कुमार

खजाना खाली, सता रहा हाईकोर्ट का डर

गौरतलब है कि आवंटियों को 8 प्रतिशत ब्याज के साथ धनराशि वापसी के हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्राधिकरण 'टेंशन' में आ गया है। गौरतलब है कि प्राधिकरण का खजाना खाली है, प्राधिकरण के खजाने में महज कर्मचारियों को 3 माह का वेतन देने भर की रकम है। ऐसे में आवंटियों के खाते में करोड़ों रुपए की धनराशि की भुगतान प्राधिकरण कहां से करेगा? वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट ने 1 माह के अंदर सभी आवंटियों के भुगतान के आदेश दिए हैं। ऐसे में प्राधिकरण बकाएदारों से वसूली कर रहा है, वहीं कम्पाउंडिंग के मद में ज्यादा से ज्यादा धनराशि जुटाने के आदेश एमडीए उपाध्यक्ष ने अधीनस्थों को दिए हैं।

8 प्रतिशत ब्याज के साथ आवंटियों की धनराशि के भुगतान का आदेश माननीय हाईकोर्ट ने दिया है। नियत समयावधि में आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।

राजेश कुमार पाण्डेय, उपाध्यक्ष, एमडीए

जीवनभर की कमाई प्लाट को खरीदने में लगा दी। आशियाना न सही जीवनभर की जमा पूंजी ही वापस मिल जाए। प्राधिकरण को नियत समय में धनराशि को वापस करना चाहिए।

राधेश्याम, आवंटी, गंगानगर

जमा पूंजी को लगाकर एक प्लाट लिया था, मेरठ में। सालों से कोर्ट कचहरी के चक्कर काट रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश से अब राहत मिली है। पैसा वापस मिल जाएगा तो कहीं और भी मकान ले सकते हैं।

केएमपी सिन्हा, आवंटी, दिल्ली