-अब कमिश्नर के पाले में सुरजकुंड पार्क

-एमडीए ने निगम के पाले में डाली मेंटीनेंस की जिम्मेदारी

-दो विभागों की गैर जिम्मेदारी से नहीं सुधर पा रही सूरजकुंड पार्क की सूरत

Meerut। विजयदशमी के दिन सूरजकुंड पार्क में हुई तोड़फोड़ के बाद मेंटीनेंस को लेकर एमडीए और नगर निगम के बाद अब विवाद कमिश्नर की कोर्ट में पहुंच गया। एमडीए ने जहां मेंटीनेंस के लिए नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया, वहीं नगर निगम ने पार्क को टेकओवर न होने की बात कहकर कमिश्नर के पाले में गेंद डाल दी है।

क्या है मामला

दरअसल, एमडीए द्वारा सूरजकुंड का सौन्दर्यीकरण कराया गया था। सौन्दर्यीकरण कार्य में एमडीए ने 250 लाख रुपए का बजट खर्च किया था। गौरतलब है कि दशहरे के दिन सूरजकुंड पार्क में रावण का पुतला दहन किया गया। पुतला दहन देखने पहुंचे लोगों ने उत्पात मचाते हुए न केवल जमकर तोड़फोड़ की, बल्कि पूरे पार्क की सुंदरता को पलीता लगा दिया।

मेंटीनेंस पर रार

सूरजकुंड पार्क में हुई तोड़फोड़ के बाद इसके मेंटीनेंस को लेकर नगर निगम और एमडीए ने नई रार छिड़ गई है। एमडीए ने पार्क के मेंटीनेंस के लिए नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया है। जबकि नगर निगम अब पार्क को टेकओवर न होने की बात कहकर मेंटीनेंस की जिम्मेदारी एमडीए की बताई है, जबकि एमडीए के अलावा कमिश्नर मेरठ को मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है। मेंटीनेंस को लेकर उलझे दोनों विभागों के बीच में पार्क की मरम्मत का कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा।

इस संबंध में नगर निगम की चीफ इंजीनियर से बात की है। मेंटीनेंस की जिम्मेदारी नगर निगम की है। एमडीए का कार्य केवल डेवलपमेंट का था।

-शबीह हैदर, चीफ इंजीनियर एमडीए

सूरजकुंड पार्क अभी टेकओवर नहीं हुआ है। एमडीए से इस संबंध में वार्ता हो चुकी है। ऐसे में बेहतर होगा कि कमिश्नर हस्तक्षेप कर जिम्मेदारी तय करें।

-कुलभूषण वाष्र्णेय, चीफ इंजीनियर एमडीए

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सूरजकुंड पार्क में दशहरे पर पुतला दहन की अनुमति को लेकर नगर निगम से जवाब मांगा जाएगा। यदि मेला बिना अनुमति के लगा है तो कार्रवाई की जाएगी।

-मुकेश चन्द्र, एडीएम सिटी मेरठ