एडमिट होने में मरीज बरत रहे देरी, मेडिकल कॉलेज की रिव्यू रिपोर्ट में खुलासा

<एडमिट होने में मरीज बरत रहे देरी, मेडिकल कॉलेज की रिव्यू रिपोर्ट में खुलासा

Meerut.Meerut। कोविड-क्9 से होने वाली मौतों में मरीजों की लापरवाही बड़ा सबब बन रही हैं। एडमिट होने और जांच में देरी की वजह से गंभीर मरीज वायरस से संक्रमित हो अपनी जान गवां दे रहे हैं। ये खुलासा मेडिकल कॉलेज के लेवल-फ् अस्पताल में नवंबर की डेथ रिव्यू रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर में एडमिट हुए ब्फ् मरीजों की मौत का कारण एडमिट होने में देरी रही है। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के अनुसार मरीज बीमारी के प्रति गंभीर नहीं हो रहे हैं। समस्या बढ़ने पर वह इलाज के लिए भागते हैं तब तक हालात काफी बिगड़ चुके होते हैं।

ये है रिपोर्ट एनालिसिस

मेडिकल कॉलेज में नवंबर महीने में ब्फ् मरीजों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हुई। इसमें क्0 मरीज ऐसे थे, जो लक्षण आने के पांच दिन या इससे ज्यादा पीरियड में एडिमट हुए। जबकि क्म् मरीजों ने तीन से चार दिन टेस्ट करवाने और एडमिट होने में लगाए। इतना ही नहीं, क्7 मरीजों ने दो दिन तक लक्षणों को इग्नोर किया। इसके बाद उन्होंने टेस्ट करवाया और एडमिट हुए। ये सभी मरीज गंभीर दूसरी बीमारियों से भी जूझहे थे।

मंडल में सबसे आगे मेरठ

कोरोना वायरस से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी जिले में भयावाह स्थिति में पहुंच चुका है। अब तक मेरठ में फ्भ्क् मरीजों की मौत हो चुकी है। मंडल के छह जिलों में होने वाली मौतों का ये सबसे बड़ा आंकड़ा है। वहीं मेडिकल कॉलेज के एल-फ् अस्पताल का हाल भी बेहाल है। यहां मेरठ समेत दूसरे जिलों में एडिमट मरीजों की रिकॉर्ड तोड़ मौत हो रही है। शासन को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार हर दिन औसतन एक से चार मौत यहां हो रही हैं। बढ़ते मौतों के आंकड़ों को रोकने के लिए जहां शासन ने कड़े निर्देश जारी किए हैं, वहीं डॉक्टर्स की टीम भी डेथ ऑडिट करने में जुटी हुई है।

ये है स्थिति

ख्0 अप्रैल तक - भ्

ख्क् अप्रैल से ख्0 मई तक - ख्ख्

ख्क् मई से ख्0 जून तक - ब्ख्

ख्क् जून से ख्0 जुलाई तक - ख्0

ख्क् जुलाई से ख्0 अगस्त तक - फ्0

ख्क् अगस्त से ख्0 सितंबर तक - क्08

ख्क् सितंबर से ख्0 अक्टूबर तक - 7ख्

ख्क् अक्टूबर से ख्ख् नवंबर तक - भ्ख्

अब तक कुल मतें - फ्भ्क्

क्रिटिकल हालात बन रहे वजह

कोरोना वायरस संक्रमण के साथ ही मरीजों में दूसरी गंभीर बीमारियां भी मौत की मुख्य वजह है। डॉक्टर्स का कहना है कि वायरस की वजह से शरीर में मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर होता है। वहीं हार्ट व ब्रेन स्ट्रोक की वजह से भी मरीजों की जान जा रही है। इसके अलावा फेफड़ों की धमनियां ब्लॉक होने की वजह से मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है। हाइपरटेंशन और बीपी होने की वजह से मरीज का ऑक्सीजन लेवल बहुत कम हो जाता है। बॉडी में ऑक्सीजन लेवल मेंटेन नहीं हो पा रहा है और मरीज की मौत हो जा रही है। इसके अलावा मरीजों में शुगर और किडनी की बीमारी भी मौत की वजह बन रही है।

दूसरी बीमारियों के साथ ही मरीज का कोरोना संक्रमण को लेकर लापरवाही बरतना मौतों की बड़ी वजह बन रहा है। मरीजों में संक्रमण की पहचान देर से हो रही है। एडमिट होने और सपोर्टिव इलाज में देर होने की वजह से मरीज स्टेबल नहीं हो पाता है। गंभीर मरीजों को तत्काल लेवल-फ् अस्पताल में एडिमट करने का प्रयास करना होगा।

डॉ। ज्ञानेंद्र सिंह, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज