गगनदीप समेत केएलएफ से जुड़े दो आरोपियों को लेकर वापस पंजाब लौटी एनआईए

छह साल में पंद्रह हथियार तस्करों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है,

सभी आरोपी खालिस्तानी आतंकियों को मुहैया करा रहे थे हथियार

Meerut। केएलएफ (खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स) की जड़ें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार गहरी होती जा रही है। छह साल में पंद्रह हथियार तस्करों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है, जो केएलएफ को हथियार सप्लाई करते थे। इतना ही नहीं, बीते तीनों से एनआईए की टीम केएलएफ के मददगार गगनदीप को मेरठ जिले में लगातार दबिशें देकर केएलएफ को हथियार सप्लाई करने वाले नेटवर्क की जड़ें खंगालने में जुटा रही। मेरठ में एनआईए की जांच बहुत सी चीजें सामने आई हैं लेकिन उनकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी। हालांकि, सूत्रों की मानें तो केएलएफ को मेरठ से मिलने वाले अच्छे और सस्ते हथियार समेत किसी भी वारदात को अंजाम देने के लिए आसानी से उपलब्ध हो जाने वाली चोरी की गाडि़यां खासा लुभा रही हैं। वहीं सोमवार को एनआईए गगनदीप समेत तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर अपने साथ पंजाब ले गई।

सस्ते और गुड क्वालिटी हथियार

अभी तक तो चुनाव, लूट और डकैती समेत मर्डर के मामलों में हथियारों की तस्करी की बातें सामने आती थी लेकिन अब केएलएफ को हथियार सप्लाई करने की बात सामने आई है। सूत्रों के आधार पर एनआई की पूछताछ में सामने आया कि खालिस्तानी आतंकियों की मेरठ के हथियार सप्लायरों से अच्छी-खासी सेटिंग है। वहीं यहां से केएलएफ को सस्ते और अच्छी क्वालिटी के अवैध हथियार आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। गगनदीप ने भी एनआईए को बताया है कि किठौर में बनाए जा रहे पिस्टल की केएलएफ में बड़ी मांग है। कम कीमत में यह पिस्टल उपलब्ध हो रहे हैं। एनआई की जांच में ये भी सामने आया है कि किठौर और लिसाड़ी गेट में कुछ कारीगर ऐसे हैं, जो बिहार के मुंगेर की तर्ज पर हथियार बनाकर केएलएफ तक पहुंचा रहे हैं। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया सोमवार को किसी तरह का फोर्स एनआईए टीम ने नहीें मांगा और टीम वापस लौट गई। एनआईए टीम अपने गगनदीप के साथ किठौैर के कायस्थ बड्ढा निवासी आसिफ और हस्तिनापुर के दूधली निवासी मंगल को अपने साथ ले गई।

सप्लाई के लिए लोकल

सूत्रों की मानें तो एनआईए की जांच में ये जानकारी भी सामने आई है कि केएलएफ (खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स) मेरठ जिले के लोकल युवाओं को अवैध हथियार सप्लाई के लिए पैसे का लालच दे रही है। इसका बड़ा कारण ये हैं कि केएलएफ का कोई भी सदस्य हथियार सप्लाई करेगा तो वो आसानी से एनआईए और एसटीएफ की रडार पर आ सकता है।

नेटवर्क ध्वस्त करने की तैयारी

एनआईए ने सात जून 2020 को खालिस्तानी आतंकवादियों को हथियारों की आपूर्ति करने वाले जावेद को गिरफ्तार किया था। उसी की निशानदेही पर अब गगनदीप पकड़ा गया और गगनदीप की निशानदेही पर आसिफ औ्र मंगल दबोचे गए। एनआई की मानें तो ये सभी खालिस्तानी आतंकियों को हथियार मुहैया करा रहे थे। ऐसे में एनआईए जावेद और गगनदीप समेत पकड़े गए अन्य आरोपियों से पूछताछ के आधार पर मेरठ जिले में जड़ें जमा चुके केएलएफ को हथियार सप्लाई करने वाले पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी है।

चोरी की गाडि़यां उपलब्ध

सूत्रों की मानें तो एनआईए की जांच में चोरी की गाडि़यों के जरिए केएलएफ को मेरठ जिले से हथियार सप्लाई की जानकारी भी मिली है। दरअसल, खालिस्तानी आतंकियों के मददगारों को मेरठ के सोतीगंज से चोरी की गाडि़यां आसानी से उपलब्ध हो जाती है। हालांकि इसकी किसी पुलिस अधिकारी ने पुष्टि नहीं की है। हालांकि दो दिन पहले एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने सोतीगंज के दो ठेकेदारों को चिन्हित किया है। ये ठेकेदार क्राइम में इस्तेमाल की गई गाडि़यों की छतों को हटाकर, उन्हें एक्सीडेंटल दिखाकर सोतीगंज में कटान करा देते हैं।

रजिस्टर मेंटेन नहीं

सोतीगंज में कबाडि़यों द्वारा 15 साल पुराने या फुल डेमेज वाहन कटान को लेकर मेंटेन किए जाने वाले रजिस्टर का नियम पूरी तरह फेल हो रहा है। वहीं संबंधित थाना पुलिस द्वारा इसकी मॉनिटरिंग भी नहीं की जा रही है।

किराएदारों का वैरिफिकेशन

पूरे प्रदेश को दहलाने की साजिश नाकाम हुई है। वहीं मेरठ से चार रोहिंग्या समेत केएलएफ के मददगार एनआईए द्वारा लगातार गिरफ्तार किए जा रहे हैं। मगर मकान मालिकों द्वारा किराएदारों का वैरिफिकेशन प्रोसेस पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है। वहीं पुलिस भी इस मामले में कोई रुचि लेती नहीं दिख रही है क्योंकि किराएदारों से रिलेटेड कोई भी रजिस्टर संबंधित थाना प्रभारियों द्वारा मेंटेन नहीं किया जा रहा है।

इन दिनों हुई कार्रवाई

23 सिंतबर.2020

हथियार सप्लाई करने में पकड़े गए सदस्य जावेद के ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र में बंद पड़े दो मकानों की एनआइए ने तलाशी की थी।

7 जून 2020

एटीएस ने किठौर के राधना निवासी जावेद को पकड़कर पंजाब पुलिस को सौंपा था। जावेद के खिलाफ पंजाब में हथियार सप्लाई करने का मुकदमा दर्ज था।

9 जून 2020

खालिस्तानी आतंकियों को अवैध हथियार सप्लाई करने वाले जानी के टीकरी गांव निवासी आशीष की रुड़की से गिरफ्तारी की थी।

31 मई 2020

थापर नगर से तीरथ सिंह को यूपी एसटीएफ और पंजाब पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में थापरनगर के खालसा इंटर कॉलेज स्थित आवास से गिरफ्तार किया था।

24 नवंबर 2019

शामली में खालिस्तानी आतंकवादियों को हथियार व गोला बारूद सप्लाई करने के मामले में एटीएस ने बाबरी क्षेत्र निवासी एक युवक को गिरफ्तार कर हथियार बरामद किए थे।