लक्ष्मी प्रकरण

- महिला थाना की इंस्पेक्टर आरोपों के घेरे में, गैंग को सौंप दी थी मासूम

- स्कूली बच्चों ने भीख मांग रही मासूम को महिला थाना को सौंपा था

MEERUT: मासूम बच्चियों से भीख मंगवाना और जब वे किशोरी हों तो उन्हें गलीज पेशे में धकेल देना। हमारे-आपके बीच एक ऐसी दुनिया के बाशिंदे भी हैं जिनके क्रियाकलापों से दरिंदगी शर्मा जाए। महिला थाना की इंस्पेक्टर नरगिस खान जैसे पुलिसकर्मियों की शरपरस्ती में चल रहे गिरोह देश की बच्चियों का खुलेआम सौदा कर रहे हैं। एक लक्ष्मी ही नहीं उसके साथ 13 मासूम थी जिन्हें मेरठ की सड़कों पर भीख मांगने के लिए उतारा गया था। मेरठ कैंट स्टेशन से गिरोह का संचालन हो रहा था। लक्ष्मी के पकड़ में आने के बाद मामले ने तूल पकड़ा और सारी कवायद पर महिला इंस्पेक्टर ने न सिर्फ पानी फेर दिया बल्कि बमुश्किल गिरोह के चंगुल से छूटी लक्ष्मी को दोबारा फंसवा दिया। शुक्रवार को चाइल्ड लाइन ने सर्किट हाउस में पहुंचकर महिला आयोग की सदस्य के सामने स्थिति साफ की।

काम करो, तो ही आओ

शुक्रवार को सर्किट हाउस में महिला आयोग की सदस्य गीता गुप्ता से चाइल्ड लाइन की प्रमुख अनीता राणा भिड़ गई। हुआ कुछ यूं कि लक्ष्मी प्रकरण में जिस तरह से मेरठ पुलिस-प्रशासन ने लिया वो वास्तव में ताज्जुब की बात है। राणा ने गुप्ता से कहा कि यदि वे कुछ काम करें तो यहां आएं। कहा कि, यदि कुछ करना न हो तो सिर्फ चेहरा दिखाने के लिए मत आएं, नहीं हो पा रहा है तो बताएं। सीएम अखिलेश यादव को संबोधित ज्ञापन सौंपने से पहले भी राणा ने तंज कसा कि यदि मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा सको तभी हामी भरना। आयोग की सदस्य ने प्रकरण की जांच और दोषी महिला इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।

जबाव दो कहां है लक्ष्मी?

दो अक्टूबर को देश गांधी जयन्ती मना रहा था, इस्माईल डिग्री कॉलेज की दो बहादुर छात्राओं ने कॉलेज के बाहर भीख मांग रही 'लक्ष्मी' को पकड़कर उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि वो भीख नहीं मांगती बल्कि उससे भीख मंगवाई जाती है। जो लोग उससे भीख मंगवाते हैं वे उसके माता-पिता नहीं हैं। उसके जैसी 13 और लड़कियां गिरोह के चंगुल में हैं। मासूम के सनसनीखेज खुलासे के बाद छात्राओं ने लक्ष्मी को महिला थाना पुलिस के हवाले कर दिया। यहां दिनभर चले घटनाक्रम के बाद तैनात इंस्पेक्टर नरगिस खान ने लक्ष्मी को उसी गिरोह के हवाले कर दिया जो उससे भीख मंगवाता था। प्रकरण ने तूल पकड़ा तो पुलिस समेत समाजसेवी संस्थाओं ने जमकर हाथ-पैर मारे किंतु हाथ कुछ न लगा। गिरोह का सरगना लक्ष्मी समेत 13 मासूमों को लेकर फरार हो गया। मेरठ पुलिस के माथे पर मासूम के साथ ज्यादती का कलंक लगा तो गिरोह से सांठगांठ की आरोपी महिला इंस्पेक्टर सत्ता में दखल के चलते साफ बच निकली। बता दें कि गिरोह लक्ष्मी को महोबा से पकड़कर लाया था।

एफआईआर दर्ज है

चाइल्ड लाइन की निदेशिका अनीता राणा ने बताया कि इस मामले को लेकर चाइल्ड लाइन संस्था की तरफ से थाना कंकरखेड़ा में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने इस प्रकरण को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। महिला आयोग की सदस्य गीता गुप्ता दो दिनों से शहर में हैं। अनीता राणा ने इस प्रकरण में पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सीएम को संबोधित एक मांग पत्र गीता गुप्ता को सौंपा है। उन्होंने अनीता राणा को आश्वासन दिया कि वे इस प्रकरण को सीएम के समक्ष रखेंगी और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने के लिए आग्रह करेंगी।

भड़क गई नरगिस खान

लक्ष्मी को गुनाहगारों को सौंपने के बाद से चर्चा में आई महिला थाना इंस्पेक्टर नरगिस खान भड़क गई। उन्होंने कहा कि लक्ष्मी को सौंप तो दिया है, अब क्या करना है? इस पर जब मीडिया ने पूछा कि किसे सौंप दिया? तो उन्होंने बेहद गैरजिम्मेदाराना जबाव देते हुए कहा कि 'गरीबों की क्या आईडी होती है, उसका क्या पहचान पत्र दिखाऊं मैं?' बता दें कि लक्ष्मी को गिरोह के हाथ सौंपने में दोषी पाए जाने पर एक ओर जहां कंकरखेड़ा थाने में नरगिस के खिलाफ मुकदमा हुआ तो वहीं एसएसपी दिनेश चंद्र दूबे ने भी प्रकरण पर जांच बैठा दी। किंतु जांच का नजीता आज तक नहीं आया। हालांकि एसएसपी के आदेश पर प्रकरण में महिला इंस्पेक्टर की भूमिका की फिर जांच की जा रही है।

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मेरा काम बस सूचना देना है

मेरठ: आई नेक्स्ट से वार्ता के दौरान महिला आयोग की सदस्य गीता गुप्ता ने बेहद गैरजिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि 'मेरा काम आदेश करना नहीं बल्कि, आयोग को बताना है। लक्ष्मी प्रकरण को समझ लिया है। अब आयोग को पूरे मामले की जानकारी दे दी जाएगी, सीएम साहब को बता दिया जाएगा। करना उन्हीं लोगों को है। यहां के लोग जाने कि क्या सच्चाई है? मैं तो यहां रहती नहीं हूं.' पूरे प्रकरण पर चाइल्ड लाइन की कवायद के बाद महिला आयोग की सदस्य का बयान 'धाक के तीन पात जैसा है.' महिला इंस्पेक्टर पर कार्रवाई के सवाल पर आयोग की सदस्य मुकर गई।