10 सालों में बने कुछ फ्लाई ओवर्स, हाईराइज बिल्डिंग्स और कॉलोनियां

अब लगेगा इन्फ्रास्ट्रक्चर को पंख, हाईस्पीड कनेक्टिविटी के साथ मेरठ में एक्सप्रेस-वेस

Meerut। पिछले 10 सालों में मेरठ में इन्फ्रास्ट्रक्चर के नाम पर कुछ फ्लाईओवर्स, हाईराइज बिल्डिंग और कॉलोनियों का विकास हुआ है। दो-तीन बड़े शॉपिंग मॉल भी बने जिसमें से एक बंद भी हो गया। मिलीजुली खुशी के साथ अब एक बड़ी खुशी यह है कि मेरठ के इन्फ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट को अब पंख लगने वाले हैं। विगत 10 सालों के डेवलपमेंट को आने वाली 5 सालों के डेवलमेंट के साथ कम्पेयर करें तो यह कई गुना अधिक होगा।

बने फ्लाईओवर्स

मेरठ गत 10 वर्षो में मेरठ में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए कुछ फ्लाईओवर्स का निर्माण हुआ है। जिसमें दिल्ली रोड पर मेवला फ्लाईओवर प्रमुख है। दिल्ली रोड पर लगने वाले जाम को कम करने के लिए यह फ्लाईओवर वरदान साबित हुआ है। मेरठ-खुर्जा रेलवे लाइन पर बने इस फ्लाईओवर के निर्माण से पहले दिल्ली रोड पर वाहनों की लंबी कतार लगती थी। मेरठ से दिल्ली का रास्ता इस फ्लाईओवर ने काफी आसान कर दिया। फ्लाईओवर का निर्माण 2011 के आसपास हुआ है। बागपत रोड पर मेरठ-बागपत के बीच की दूरी को कम करने के लिए बागपत फ्लाईओवर का निर्माण 2010 में हुआ। वहीं रोहटा रोड पर फ्लाईओवर का निर्माण 2016 में पूर्ण हुआ। इन तीन बड़े फ्लाईओवर (रेलवे ओवर ब्रिज) के बनने से मेरठ में लगने वाले जाम से निजात मिली है, वहीं शहर से आसपास के क्षेत्रों का आवागमन सुगम हुआ है। बाया बागपत, हरियाणा-पंजाब जाने वाले लगने वाले वाहनों को नेशनल हाइवे 58 पर जाम से निजात दिलाने के लिए फ्लाईओवर गत 10 वर्षो के दौरान ही बना है।

बने शॉपिंग मॉल्स

किसी भी शहर के लिए डेवलपमेंट के माइल स्टोन में शॉपिंग मॉल्स भी शामिल हैं। मेरठ में 2010 के बाद जागरण चौक पर शॉप्रिक्स मॉल, शास्त्रीनगर रोड स्थित पीवीएस मॉल, एनएच-58 बाईपास पर मिलांज मॉल, दिल्ली रोड पर ईरा मॉल, जीजी मॉल आदि का निर्माण हुआ। इनमें से ईरा मॉल बंद हो गया जबकि जीजी मॉल का नाम बदलकर कॉर्निवाल सिनेमा हो गया है।

चौड़ा हुआ बिजली बंबा बाईपास

मेरठ में मिनी इनर रिंग रोड के नाम से मशहूर बिजली बंबा बाईपास का चौड़ीकरण भी इस अवधि के दौरान भी हुआ है। बिजली बंबा बाईपास पर जुर्रानपुर के समीप रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण भी किया गया, हालांकि अभी तक यह संचालित नहीं हो सका है। बिजली बंबा बाईपास के चौड़ीकरण के साथ-साथ स्ट्रीट लाइट भी 2012 के आसपास लगाई गई हैं।

एमडीए की बिल्डिंग

मेरठ विकास प्राधिकरण की नवीन बिल्डिंग का निर्माण भी इसी अवधि के दौरान हुआ है। पूर्व में यह बिल्डिंग पुरानी थी जिसे कांच आदि लगाकर नया किया गया।

ये हुआ डेवलपमेंट

किला रोड से मवाना रोड से जोड़कर इनर रिंग रोड का आंशिक निर्माण किया गया।

मेरठ विकास प्राधिकरण ने सर्वाधिक 268 ग्रुप हाउसिंग के लेआउट पास किए।

मेरठ में 33/11 केवीए क्षमता के 35 सबस्टेशन्स का निर्माण।

इन योजनाओं से मिलेगी 'उड़ान'

आरआरटीएस

दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) से मेरठ से न सिर्फ दिल्ली बल्कि राजस्थान, हरियाणा और पंजाब से बेहतर स्मार्ट और रैपिड कनेक्टिविटी डेवलप होगी। 2025 तक यह महत्वाकांक्षी परियोजना पूर्ण हो जाएगी।

डीएमई से मिलेगी रफ्तार

96 किमी लंबे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के बनने से मेरठ से दिल्ली की दूरी कम हो जाएगी। दावा है कि मेरठ से 45 मिनट में आप दिल्ली बार्डर क्रॉस कर लेंगे। यह प्रोजेक्ट मई 2020 तक पूर्ण हो जाएगा। जबकि गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य जल्द शुरू करने का दावा प्रदेश की सरकार कर रही है।

रोड कनेक्टिविटी

बुलंदशहर-मेरठ के बीच एनएच-235 के चौड़ीकरण का कार्य पूर्ण हो रहा है। गढ़-मेरठ-बागपत रोड का चौड़ीकरण प्रस्तावित है, इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू हो रही है। मेरठ-नजीबाबाद रोड के चौड़ीकरण कार्य चल रहा है।

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर मेरठ से होकर गुजर रहा है। इससे मेरठ में विकास और कारोबार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

एयर कनेक्टिविटी

मेरठ को देश के विभिन्न हिस्सों से जोड़ने के लिए एयर कनेक्टिविटी शुरू होने जा रही है। केंद्र एवं राज्य सरकार के स्तर से इस दिशा में कार्यवाही जारी है।

न्यू ट्रांसपोर्ट नगर

मेरठ से भारी वाहनों का जमावड़ा हटाने के लिए पांचली खुर्द में न्यू ट्रांसपोर्ट नगर की प्लानिंग मेरठ विकास प्राधिकरण कर रहा है।

मेरठ में पिछली दस सालों में बड़ा विकास हुआ है। इन्फ्रास्ट्रक्चर भी डेवलप हुआ है। किंतु आने वाले 5 साल बेहद महत्वपूर्ण हैं, इन वर्षो में मेरठ के विकास को पंख लगेंगे। रोड कनेक्टिविटी, एयर कनेक्टिविटी, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर योजनाएं, ये सब मेरठ के विकास के लिए माइल स्टोन साबित होने वाली हैं।

कमल ठाकुर, महामंत्री रेडम (रीयल एस्टेट डेवलपमेंट एसो.)