-शासन के निर्देश पर निजी ब्लड बैंकों में दो दिन से चल रही छापेमारी

-शहर की छह ब्लड बैंकों पर मारा छापा, स्थिति संतोषजनक

Meerut : मेरठ में छापेमारी के दौरान निजी ब्लड बैंक में प्रोफेशनल ब्लड डोनर नहीं मिला। दो दिन के इस अभियान में शहर की छह निजी ब्लड बैंक पर औषधि सुरक्षा विभाग द्वारा छापेमारी की गई। छापेमारी टीम में मेरठ के अलावा बुलंदशहर के एक अन्य ड्रग इंस्पेक्टर शामिल थे।

लखनऊ ने दिए थे आदेश

लखनऊ की कोहली ब्लड बैंक में पैसे देकर बच्चों का खून खींचने की घटना प्रकाश में आने के बाद शासन चेता और प्रमुख सचिव चिकित्सा हेमंत राव ने आनन-फानन में सूबे के सभी जनपदों को निजी ब्लड बैंकों में छापेमारी के आदेश दे दिए। गुरुवार तक चलने वाले इस अभियान में खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम को ब्लड बैंकों में प्रोफेशनल ब्लड डोनर की पहचान करनी थी। इसी क्रम में मेरठ में मंगलवार और बुधवार दो दिन छापेमारी अभियान चलाया गया।

नहीं मिला प्रोफेशनल डोनर

टीम को लीड कर रहे बुलंदशहर के डीआई डॉ। नरेश मोहन दीपक ने बताया कि मेरठ की सभी निजी ब्लड बैंकों में औचक छापा मारा। छापेमारी के दौरान डोनर की पहचान की गई और फोन पर उससे बात की गई। इस दौरान ब्लड बैंक का स्टॉफ बाहर खड़ा रहा। छापेमारी गोपनीय तरीके से की गई।

इस तरह जांची प्रमाणिकता

मेरठ के डीआई लवकुश प्रसाद ने बताया कि ब्लड बैंक में जाकर रैन्डमली पांच ब्लड के पैकेट लिए, डोनर का रिकार्ड चेक किया और फोन पर वार्ता की। उन्होंने कहा कि लोकप्रिय अस्पताल में डोनर का फोन नंबर सही नहीं था, बाकी हर जगह स्थिति संतोषजनक थी।

इन बैंकों पर मारा छापा

टीम ने मंगलवार को लोकप्रिय अस्पताल, आनंद अस्पताल, केएमसी में छापा मारकर ब्लड बैंक में प्रोफेशनल डोनर की जांच की तो वहीं बुधवार को संजीवनी ब्लड बैंक, सुशीला जसवंत राय अस्पताल एवं एक अन्य ब्लड बैंक पर छापा मारा। शहर की तीन सरकारी ब्लड बैंक प्यारे लाल जिला चिकित्सालय, मिलिट्री हॉस्पीटल और मेडिकल कॉलेज स्थित ब्लड बैंक में छापेमारी नहीं की गई।

इनके जज्बे को सलाम

जांच के दौरान संजीवनी ब्लड बैंक में तीन डोनर ऐसे नजर आए, जिन्होंने कई बार ब्लड डोनेट किया। टीम ने बीटेक छात्र महुल सिंघल, बीसीए छात्र अभिषेक मित्तल और होटल मैनेजमेंट के छात्र यतीन पाल से जब फोन पर बात ही तो उन्होंने बताया कि उनके प्रयास से किसी की जान बच जाती है, बे इस लिए ब्लड डोनेट करते हैं।