मेरठ को मिली डायबिटिज रेटिनोथेरेपी यूनिट

वेस्ट यूपी में आंखों के मरीजों के लिए बड़ी सौगात, स्टूडेंट्स को भी होगा फायदा

Meerut । यूपी सरकार की ओर से जारी 2021-22 वित्तीय वर्ष के बजट में मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए प्रपोज्ड डायबिटिज रेटिनोथेरेपी यूनिट को मंजूरी मिल गई है। पिछले साल के बजट में इसका प्रपोजल भेजा गया था। मेडिकल कॉलेज के पूर्व डॉ। आरसी गुप्ता ने हैदराबाद में आयोजित एक सेमिनार में शिरकत करने के दौरान ये प्रपोजल शासन को दिया गया था। इस यूनिट के तैयार होने के बाद वेस्ट यूपी में डायबिटिज रेटिनोथेरेपी के जरिए आंखों का इलाज बेहद सुलभ और आसान हो जाएगा। ये यूनिट वेस्ट यूपी की एकमात्र सरकारी यूनिट होगी।

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मिलेगा एडवांस इलाज

एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के आई डिपार्टमेंट में एडवांस डायबिटिज रेटिनोथेरेपी यूनिट तैयार की जाएगी। जहां मरीजों को एडवांस टेक्नोलॉजी के जरिए बेहतर इलाज दिया जा सकेगा। अभी तक यहां सुविधाओं और उपकरणों के साथ आंख के सामान्य मरीजों का ही उपचार हो पा रहा है। गंभीर मरीजों को मजबूरन हायर सेंटर रेफर कर पड़ता है। इस यूनिट के खुलने के बाद हाईटेक इलाज के रास्ते खुल जाएंगे.

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होगा निशुल्क उपचार

डायबिटिज के चलते आंखों के प्रभावित मरीजों को इस यूनिट में निशुल्क इलाज उपलब्ध होगा। अभी तक प्राइवेट अस्पतालों में ही महंगी दरों पर मरीजों को इलाज करवाना पड़ रहा है। वहीं रिसर्च कर रहे स्टूडेंट्स को भी इसका सीधा फायदा होगा.

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ये है डायबिटिज रेटिनोथेरेपी

डायबिटीज का असर सबसे अधिक असर आंख, किडनी पर होता है। वहीं काफी मरीजों में डायबिटिज का सीधा असर आंखों पर भी पड़ता है और कई बार मरीजों में अंधता की समस्या तक हो जाती है। इसके ट्रीटमेंट के लिए डायबिटिज रेटिनोथेरेपी का प्रयोग किया जाता है। इस थेरेपी के एडवांस इलाज के बाद अंधता व कम नजर वाले मरीजों को इलाज की बेहतर सुविधाएं मुहैया हो सकेगी।

ैक्ट फाइल

जिले में हर दिन 8 से 10 मरीज मधुमेह की वजह से अंधता या नजर कमजोर होने की शिकायत लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचते हैं। अभी तक इसके लिए एडवांस इलाज की सुविधा नहीं है।

- वेस्ट यूपी के मरीजों को इससे बड़ी राहत मिलेगी।

- टाइप-1 डायबिटीज में अंधता का खतरा सबसे अधिक रहता है।

- 25 प्रतिशत डायबिटीज के मरीजों में नजर संबंधी दिक्कत आती है।

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इनका है कहना

मरीजों के लिए ये बड़ी राहत की खबर हैं। अभी तक डायबिटीज की वजह से आंख की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए खास व्यवस्था नहीं थी। यूनिट खुलने के बाद बड़ी संख्या में मरीजों को राहत दी जा सकेगी।

डॉ। ज्ञानेंद्र कुमार, प्रिंसिपल, एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज