रक्षाबंधन, जन्माष्टमी पर लिए गए 35 प्रतिशत से ज्यादा सैंपल निकले फेल

मिठाइयों में हो रही इंडस्ट्रियल कलर और आईसक्रीम में डिटर्जेट की मिलावट

Meerut। दिवाली के लिए मिठाइयों का बाजार सजने लगा है। आप भी अगर चमकती मिठाइयां, चॉकलेट आदि खरीदने का मन बना रहे हैं तो जरा सावधान हो जाएं। वजह रक्षाबंधन, जन्माष्टमी पर लिए गए मिठाइयों व अन्य खाद्य पदार्थो के सैंपल्स फेल आए हैं। ये खुलासा फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की सैंपल टेस्ट रिपो‌र्ट्स से हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक नमकीन, मिर्च, हल्दी, तेल, मिठाई, दूध, खोया, डेयरी प्रॉडक्ट्स सब मिलावटी है।

ये है रिपोर्ट

फूड डिपार्टमेंट ने जून से सितंबर 2019 तक की रिपोर्ट में करीब 120 सैंपल लिए थे। इनमें से 44 सैंपल्स फेल पाए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बंगाली मिठाइयों में इंडिस्ट्रीयल कलर की मिलावट पाई गई है। इनमें मेटानिल येलो, रोडियम-बी की मिलावट पाई गई है। जबकि आइसक्रीम, चॉकलेट में डिटर्जेट पाया गया है। वहीं डेयरी प्रॉडक्ट्स भी सब स्टैंडर्ड मिले हैं। इनमें फैट की मात्रा मानक से कम मिली है। नमकीन के सैंपल मिसब्रांड पाए गए हैं।

ये हैं आंकड़े

मार्च से मई 2019

122 सैंपल की जांच रिपोर्ट मिली

56 सैंपल फेल मिले

अप्रैल से सितंबर 2018

300 सैंपल लैब जांच के लिए भेजे गए

117 सैंपल फेल पाए गए हैं।

सेहत पर पड़ रहा असर

मिलावटी फूड आइटम सीधे सेहत पर असर कर रहे हैं। इनका असर पेट, लीवर, किडनी, हार्ट पर पड़ रहा है। इसके अलावा पेटदर्द, सिरदर्द, शरीर टूटना, बुखार आना जैसी समस्याएं भी मिलावट की वजह से बढ़ रही है। डॉक्टर्स के मुताबिक 5 साल के बच्चे भी अब ऐसी बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं।

ऐसे करें पहचान

जिला विज्ञान अधिकारी दीपक शर्मा कहते हैं कि मिलावट की पहचान घर में भी की जा सकती है।

दूध व डेयरी प्रॉडक्ट्स - टेस्टट्यूब में 5 मिली दूध ले। सोयाबीन और अरहर का आटा मिलाएं। पीले से लाल रंग हो जाए तो मिलावट है।

सिंथेटिक कलर- ट्रांसपेरेंट ग्लास लें, उसमें सैंपल डालें, अच्छी तरह से मिलाएं, अगर पानी में रंग आ जाए तो मिलावट है।

खोया- आयोडीन का घोल डालने पर रंग नीला हो जाएगा।

लाल मिर्च को पानी में डालें, ईट का पाउडर भारी होने की वजह तली में बैठ जाएगा। बुरादा होने पर तैरेगा ।

शहद में रूई की बत्ती डूबाकर जलाएं। न जले या आवाज के साथ जले तो मिलावट है।

आधा चम्मच घी में हाईड्रो क्लोरिक एसिड व चीनी मिलाएं। गर्म करें। अगर लाल रंग आए तो मिलावट है।

इंडस्ट्रियल कलर्स की वजह से बॉडी में कैंसर सेल्स डेवलप होने लगते हैं। किडनी और आंतों पर इसका असर बहुत तेजी से होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान मिलावटी खाने की वजह से होने वाले बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास पर असर हो सकता है।

डॉ। उमंग मित्थल, कैंसर एक्सपर्ट

इंड्रस्ट्रियल कलर लीवर, किडनी और पेट पर सीधे वार करता है। पेट दर्द, डायरिया, वोमेटिंग या स्किन में रिएक्शन इसके कॉमन साइड इफैक्ट्स हैं। लांग टर्म में कैंसर भी हो सकता है।

डॉ। तनुराज सिरोही, सीनियर फिजिशियन

यहां करें शिकायत

उपभोक्ता मिलावट होने पर एफएसडीए की हेल्पलाइन नंबर 1800 180 5533 पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा 9411471076 नंबर पर कॉल करके भी सूचना दी जा सकती है।

मिलावट को रोकने के लिए हर त्योहार पर अभियान चलाया जाता है। हम समय-समय पर मिलावटी पदार्थो से बचाव के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम भी चलाते हैं। लोगों से अपील है कि वह सतर्क रहें और देखभाल कर ही फूड आइटम्स खरीदें।

अर्चना धीरान, डीओ, फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट