अध्यक्ष के इतर मतदाता सूची पर चल रही कवायद को रक्षा मंत्रालय ने किया खारिज

सीईओ कैंट के दो जुलाई के ऑफिस ऑर्डर को बताया जा रहा विवाद की जड़

Meerut। कैंट बोर्ड में मतदाता सूची को लेकर चल रहे खेल पर रक्षा मंत्रालय के बैरियर के बाद संभावित चुनावों का भविष्य भी खतरे में नजर आ रहा है। जो हालात नजर आ रहे हैं, उनको देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ भी संभव है। आशंका है कि चुनाव के खिलाफ कोई भी हाईकोर्ट में जा सकता है। इतना नहीं इस मतदाता सूची पर कराए जाने वाले चुनाव अवैध तक घोषित हो सकते हैं। जिसके चलते मैंबर चुनाव जीतकर भी हार जाएंगे।

यहां से बिगड़ा मामला

इस सारे फसाद की जड़ सीईओ कैंट के उस आफिस आर्डर को बताया जा रहा है जो 2 जुलाई को जारी किया गया है तथा जिसमें 1 जुलाई से मतदाता सूची के नाम पर नयी एक्सरसाइज शुरू की गई है। इसको लेकर मंत्रालय में शिकायत की गई। तकनीकि आधार पर की गयी शिकायत का मंत्रालय ने तत्काल संज्ञान लेते हुए शुक्रवार की जारी आदेश में कहा है कि आपत्ति और दावे प्रस्तुत करने की तारीख बढ़ाए जाने का कोई आधार नहीं है। न ही कैंट बोर्ड एक्ट में इसका कोई प्रावधान है। नियम विरुद्ध कोई भी आदेश मंत्रालय खारिज करता है।

मंत्रालय के साफ निर्देश

इस पूरे मामले की बात की जाए तो कैंट बोर्ड अध्यक्ष के तौर पर ब्रिगेडियर अनमोल सूद ने 29 जून को मतदाता सूची तैयार होने की बात कही है। 30 जून को मतदाता सूची का स्टेटस मीडिया की मार्फत जारी कर दिया जाता है। नियमानुसार इसके बाद मतदाता सूची को कैंट बोर्ड के नोटिस पर चस्पा किया जाना था ताकि दावे व आपत्ति दाखिल की जा सकें। लेकिन ऐसा न कर सीईओ की ओर से 2 जुलाई को आफिस आर्डर निकाला जाता है। जो सारे फसाद की जड़ बताया जा रहा है। वहीं यह भी सुना जा रहा है कि जो कुछ चल रहा है उसके पीछे कुछ वार्ड में वोटों के जोड़ने घटाने का खेल चल रहा है। इसके अलावा मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि उपाध्यक्ष के तौर पर किसी का भी कार्यकाल नहीं बढ़ाया जा सकता। जिससे साफ है कि उपाध्यक्ष का चुनाव कराना अब जरूरी हो गया है।