मेरठ ब्यूरो। सीसीएसयू अब परीक्षाओं पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन का यूज करेगा। दरअसल, एग्जाम में सीसीटीसी कैमरा व साउंड रिकार्ड के बाद अब यूनिवर्सिटी ने यह पहल की है। यूनिवर्सिटी ने उड़ाका दलों के लिए इसी वर्ष मेटल डिटेक्टर खरीदे हैं। यूनिवर्सिटी ने ड्रोन कैमरे से परीक्षा केंद्रों पर निगरानी करने की तैयारी कर ली है। इसका ट्रायल शुक्रवार को यूनिवर्सिटी परिसर में बने काशीराम शोधपीठ परीक्षा केंद्र में चल रहे एलएलबी द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा में हुआ है।

वीसी ने भी देखा

परीक्षा कक्ष की भी ड्रोन कैमरे से निगरानी की गई। वीसी प्रो। संगीता शुक्ला ने स्वयं भी ड्रोन कैमरा संचालित कर इससे निगरानी किए जाने के फायदे देखे। शुरुआती तीन-चार निरीक्षणों में यूनिवर्सिटी किराए के ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल करेगा। इसके बाद जरूरत के अनुरूप ड्रोन कैमरे खरीदे जाएंगे।

औचक निरीक्षण होगा

सीसीएसयू की ओर से परीक्षा केंद्रों पर औचक निरीक्षण के लिए उड़ाका दल गठित किए जाते हैं। अब ड्रोन कैमरा रहने से यदि किसी परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे बंद किए गए या उनके साथ किसी भी तरह की छेडख़ानी कर सीसीएसयू के कंट्रोल की निगरानी को बाधित किया गया तो उन केंद्रों पर ड्रोन कैमरे की मदद से औचक निरीक्षण किया जाएगा। उड़ाका दल के सदस्य मुख्य द्वार से निरीक्षण के लिए पहुंचेंगे। वहीं ड्रोन कैमरे के जरिए ऊपर और केंद्र के भीतर कमरों तक औचक निरीक्षण करेंगे। इससे कॉलेज में परीक्षा के दौरान की जा रही किसी भी गड़बड़ी को भी पकड़ा जा सकेगा।

तकनीकी को बढ़ावा देने पर जोर

दरअसल, यूनिवर्सिटी की ओर से परीक्षा के सुचारु संचालन और निगरानी के लिए तकनीकी के इस्तेमाल को बढ़ाया जा रहा है। परीक्षा नियंत्रक डॉ। अश्विनी शर्मा के अनुसार तकनीकी को बढ़ाने के क्रम में ही पहले मेटल डिटेक्टर और अब ड्रोन के इस्तेमाल की बारीकियां देखी जा रही है। यूनिवर्सिटी में हुए ट्रायल को पूरी टीम ने परखा और सही बताया। अब परीक्षा केंद्रों पर ट्रायल निरीक्षण के बाद सीसीएसयू अपना ड्रोन लेने पर विचार करेगा।