मेरठ ब्यूरो। टीबी के प्रति लगातार बढ़ती जागरुकता और स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतरी के चलते जनपद में एक तरफ जहां टीबी के मरीजों की संख्या में कमी आ रही है वहीं टीबी के मरीजों को शासन स्तर से पोषण राशि में भी इजाफा हो रहा है। इसी का नतीजा है कि एक साल में 9 हजार से अधिक टीबी के मरीजों को सवा 2 करोड़ रुपए पोषण राशि का लाभ मिल चुका है। वहीं 13 हजार नए टीबी के मरीज इस साल खोजे जा चुके हैं। जिनका इलाज शुरु किया जा चुका है।

87 प्रतिशत मरीज हुए टीबी मुक्त

गौरतलब है कि यदि किसी व्यक्ति में टीबी यानि क्षय रोग की पुष्टि हो जाती है तो मरीज को 500 रुपए पोषण राशि दी जाती है। यह राशि निक्षय योजना के तहत मिलती है। इस योजना के तहत 2022 तक अब 9053 लोगों को 2.14 करोड रुपए उनके बैंक खाता में भेजे जा चुके हैं। वहीं वर्ष 2022 में 13023 टीबी मरीज खोजे गए और 87 प्रतिशत मरीज टीबी से पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं 2023 में अब तक 8209 मरीजों को उपचार दिया जा रहा हैं। इससे अलग 2023 मार्च में 3087 मरीज खोजे गये है। जिसमें में 1887 सरकारी और 1202 निजी अस्पतालो में खोजे गये है। जबकि 255 निक्षय मित्रों ने 2023 में 414 मरीजों को गोद लिया है।

हर माह मनाया जा रहा निक्षय दिवस

क्षय रोग के नोडल अधिकारी डा गुलशन राय ने बताया कि इसके मद्देनजर अब हर माह की 15 तारीख को आयुष्मान भारत हैल्थ एवं वेलसनेस सैटंर पर एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जा रहा है। इन दिवस पर तत्काल जांच और तत्काल इलाज शुरू करने की व्यवस्था है। इससे लोगों को काफी फायदा हो रहा है। गौरतलब है कि वर्तमान में मेडिकल कालेज, जिला चिकित्सालय, जिला क्षय रोग केन्द,्र सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द,्र प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों समेत 42 स्थानों पर टीबी की जांच की सुविधा उपलब्ध है। ड्रग्स रजिसटेंसट टीबी की जांच के लिए अत्याधुिनक 4 टू्र नॉट मशीन, चार सीबी नॉट मशीन और मेडिकल कालेज में सीडीएसटी लैब की सुविधा उपलब्ध है। नोडल अधिकारी ने जनपदवासियों से सक्षम लोगों और संस्थाओं से टीबी मरीजों को गोद लेने की अपील की है।