प्राइवेट डॉक्टर्स, केमिस्ट, लैब में तलाशे जाएंगे मरीज, 25 जनवरी तक चलेगा अभियान

26 दिसंबर 2020 से 1 जनवरी तक पहला और 2 जनवरी से 12 जनवरी 2021 तक चला दूसरा चरण

दो चरणों में 910 लोगों की हुई स्क्रीनिंग, जांच में 101 मरीज टीबी से ग्रस्त पाए गए

Meerut। कोविड-19 के दौर में टीबी अभियान को बड़ा झटका लगा था। इसके मद्दनेजर करीब 10 महीने बाद शुरू हुए एक्टिव फाइंडिंग केस के तहत 15 दिनों में ही 101 टीबी के मरीज सामने आ गए हैं। जिले में टीबी हारेगा, देश जीतेगा अभियान के पहले और दूसरे चरण के दौरान ये मरीज पाए गए हैं। वहीं आज से तीसरा चरण शुरू होगा और 25 जनवरी तक चलेगा।

ली जाएगी सूचना

जिला टीबी अधिकारी डॉ। एमएस फौजदार ने बताया कि तीसरे चरण के तहत प्राइवेट डॉक्टर्स, लैब, ड्रगिस्ट, केमिस्ट, अस्पताल, पैथोलॉजी, एक्सरे सेंटर्स जाकर टीमें टीबी के मरीज ढूंढेंगी। कार्ययोजना के तहत जिले के सभी प्राइवेट मेडिकल सेक्टर्स को इसमें शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दौरान या बाद में किसी भी टीबी के मरीज ने जांच करवाई होगी या सस्पेक्टेड होगा तो उसका डाटा विभाग अपने पास स्टोर करेगा। इसके बाद विभाग द्वारा मरीज तक पहुंचकर उसकी जांच करवाई जाएगी। अगर मरीज में टीबी मिलती है तब उसको सरकारी इलाज दिया जाएगा। उन्होंने ये भी बताया कि प्राइवेट सेक्टर में टीबी का इलाज करा रहे मरीजों की निक्षय पोर्टल पर रियल टाइम बेसिस पर एंट्री करके जिले के प्राइवेट नोटिफिकेशन को भी बढ़ाया जाएगा। राज्य स्तर पर आब्जर्वर भी इस अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। तीसरे चरण के लिए 15 टीमों का गठन किया गया है। जिसमें टीम का सुपरविजन जिला कार्यक्रम समन्वयक नेहा सक्सेना, जिला पीपीएम कोíडनेटर शबाना बेगम, जिला एसटीएस अजय सक्सेना, जिला एसटीएलएस दीपक कुमार यादव के द्वारा किया जाएगा। एक टीम में दो सदस्य रहेंगे, जिसमें एक एनटीईपी व एक एनजीओ जीत का सदस्य होगा।

मरीजों का तत्काल इलाज

डॉ। एमएस फौजदार ने बताया टीबी हारेगा, देश जीतेगा अभियान का पहला चरण 26 दिसंबर 2020 से एक जनवरी तक चला था और दूसरा चरण 2 जनवरी से 12 जनवरी तक पूरा हुआ। इस दौरान अनाथालय, नारी निकेतन, जिला कारागार, वृद्धाश्रम, मदरसों व रेन बसेरों में मरीज ढूंढे गए थे। इस दौरान 910 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। जिसमें से जांच के बाद 101 मरीज टीबी ग्रस्त पाए गए, जिनका तत्काल इलाज शुरू कर दिया गया है।

केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2025 तक देश को पूरी तरह से टीबी मुक्त करने की योजना तैयार की गई है। इसी के तहत टीबी के एक्टिव मरीज ढूंढ़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। आज से तीसरे चरण का अभियान शुरू होगा।

डॉ। एमएस फौजदार, डीटीओ, मेरठ