बद्दो के पंजाब और हरियाणा में छिपे होने की संभावना

भेष बदलने में एक्सपर्ट होने की वजह से बच रहा बद्दो

Meerut। ढाई लाख का इनामी बदन सिंह बद्दो पुलिस के लिए चुनौती बना है। हालांकि, पुलिस बद्दो की आलीशान कोठी की कुर्की और ध्वस्तीकरण कर चुकी है। मगर बद्दो अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। ऐसे में पुलिस बद्दो के संभावित ठिकाने पर नजर रखे है। साथ ही इनपुट भी टटोल रही है। एसटीएफ के सीओ बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि बदन सिंह बद्दो भाषा और भेष बदलने में माहिर है। मुकुट महल से भागने के बाद भी उसने भेष बदला था, जिसकी वजह से वह कहीं छिपा है। हर सूचना पर संबंधित जगह दबिश भी दी जा रही है।

देश में ही रहने के इनपुट

सूत्रों के मुताबिक पुलिस के पास इनपुट हैं कि बदन सिंह बद्दो ऑस्ट्रेलिया या किसी अन्य कंट्री में नहीं बल्कि देश में ही छिपा है। गौरतलब है कि फरार होने के बाद जब बद्दो के पासपोर्ट की जांच की गई तो उस पर कोई एंट्री नहीं मिली थी। ऐसे में माना जा सकता है कि बद्दो देश में ही छिपा है।

पंजाब में संभावनाएं

सूत्रों के मुताबिक बदन सिंह बद्दो का बचपन पंजाब में बीता है। उसने एक दौर में पंजाब और हरियाणा ट्रक भी चलाया है। शराब माफिया बनने के बाद से उसका पंजाब और हरियाणा के कई बड़े गैंग्स से मजबूत कनेक्शन भी है। ऐसे में पुलिस को अंदेशा है कि पंजाब या हरियाणा में किसी पुराने कनेक्शन के यहां पनाह लिए है।

कहीं गुमराह तो नहीं कर रहा

पुलिस ये भी मान रही है कि विदेशों की लोकेशन से अपनी फेसबुक से पोस्ट कराकर बद्दो को पुलिस को चकमा दे रहा है। पुलिस और एसटीएफ हरियाणा और पंजाब में बद्दो के पुराने कनेक्शंस की तलाश में जुटे हैं।

भेष और भाषा बदलने में माहिर

दरअसल, पुलिस के मुताबिक करीब पौने दो साल पहले जब बदन सिंह बद्दो होटल मुकुट महल से भागा था। यहां से गाड़ी से फरार होने के बाद वो सबसे पहले साकेत में अपनी एक महिला मित्र के पास पहुंचा था, जो ब्यूटीशियन थी। यहां पर बद्दो अपनी दाढ़ी-मूंछ साफ कराने के साथ पूरा ड्रेसअप चेंज किया था। जिसकी वजह से वह पुलिस को चकमा देकर फरार होने में कामयाब हो गया था।

भेष बदलकर रह रहा है

जिन लोगों ने बद्दो को फरार कराने में पूरी मदद की थी, वह भी एक बार को भेष बदल चुके बद्दो को पहचान नहीं पा रहे थे। पुलिस मानती है कि आज भी वेश-भूषा बदल बद्दो पंजाब या हरियाणा में कहीं छिपा हुआ है। हिंदी और फ्लूयंट इंग्लिश के अलावा पंजाबी बोलने और दिखने में माहिर बद्दो आसानी से पंजाब और हरियाण के लोगों के बीच किसी नए नाम के साथ घुल-मिल गया होगा।

रेड कॉर्नर नोटिस नहीं

बद्दो के फरार होने के करीब डेढ़ साल बाद हरकत में आई मेरठ पुलिस ने रेड कॉर्नर नोटिस की सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए गृह विभाग उप्र और सीबीआई के जरिए इंटरपोल को बद्दो की फाइल भेजी थी। यह फाइल पहुंचने के अधिकतम 15 दिन में नोटिस जारी हो जाता है। बद्दो का रेड कॉर्नर नोटिस जारी नहीं होने की वजह जानी गई तो चौंकाने वाली बात सामने आई। इंटरपोल को यह बताना होता है कि अभियुक्त किस देश से भगौड़ा घोषित है। उसके बाद पासपोर्ट के आधार पर ही इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी करता है। मगर बद्दो के पासपोर्ट में फरार होने के बाद से कोई एंट्री नहीं है। उसका पासपोर्ट साल-2011 में बरेली स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से बना था। जिसके बाद ये साफ हो गया कि अब रेड कॉर्नर नोटिस जारी नहीं हो पाएगा। मेरठ पुलिस के अधिकारियों को मौखिक तौर पर यह बात बताई गई थी।

तीसरे दिन भी तोड़ी कोठी

्रबद्दो की कोठी का शनिवार को एमडीए की टीम पांच फीसद हिस्सा ही तोड़ पाई। यानी तीन दिन में 75 फीसद हिस्सा टूट पाया है। कोठी के बाकी हिस्से पर हथौड़े से तोड़ने के निशान बनाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि एमडीए की टीम बाकी हिस्से को ज्यों का त्यों छोड़ने जा रही है। जिस तरह सिर्फ आठ मजदूर लगाए गए हैं, उससे साफ है कि कोठी का 25 फीसद हिस्सा एक सप्ताह तक भी नहीं टूट पाएगा। कोठी के चारों तरफ मलबा पड़ा हुआ है। इस मलबे को उठाने से सभी विभागों ने हाथ खींच लिए हैं।