एमए का कोर्स करने के बाद होगा पीएचडी में एडमिशन

Meerut । अगले साल से पीएचडी के लिए जरुरी एमफिल की डिग्री कोर्स को बंद कर दिया जाएगा, अब पीएचडी के लिए एमफिल की जरुरत नहीं होगी। ऐसा केंद्र सरकार द्वारा लागू नई शिक्षा नीति के तहत किया जाएगा। नई शिक्षा नीति को सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। इस नीति के तहत अब एमफिल बंद कर दिया जाएगा। इसकी जगह पर स्टूडेंट को मास्टर डिग्री या चार साल बैचलर डिग्री प्रोग्राम करने के बाद पीएचडी कर सकते हैं। इस फैसले के बाद सीसीएसयू में अगले साल से एमफिल बंद करने का विचार किया जा रहा है।

हजारों कर चुके है एमफिल

सीसीएसयू में हिंदी, साइंस, फिजिक्स, केमेस्ट्री, बॉटनी, जूलोजी, स्टेटिस्टिक्स समेत दर्जन विषयों में होती है। इन सब्जेक्ट में कई सीटें है, अब तक हजारों स्टूडेंट यहां से एमफिल कर चुके हैं।

एमफिल के थे फायदे

सीसीएसयू के भूगोल के प्रो। कंचन सिंह का मानना है कि एमफिल के बहुत फायदे है। एमफिल में पीएचडी के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है। फाइनल सेमेस्टर में लघु शोध प्रबंध भी तैयार होता है। एमफिल के बाद स्टूडेंट को पीएचडी में बहुत आसानी हो जाती है। क्योंकि उसे 80 प्रतिशत शोध की जानकारी होती है। वहीं एमए के बाद सीधे पीएचडी में एडमिशन लेने से स्टूडेंट शोध से अनभिज्ञ होते है। एमफिल किए स्टूडेंट को पीएचडी की थीसिस जमा करने में भी छूट मिलती है और 2017-18 की यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी एंट्रेस एग्जाम भी नही देना होता है।

एमए कोर्स में शामिल होगा शोध

संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ। सुधाकराचार्य त्रिपाठी की माने तो एमए के कोर्स में शोध प्रविधि को शामिल करना होगा, मेरे हिसाब से एमफिल का कोई फायदा नहीं होता है, क्योंकि लेक्चर बनने के लिए पीएचडी अनिवार्य है। छह महीने का कोर्स वर्क पीएचउी में भी होता है, ऐसे में एमफिल करना समय की बर्बादी है, इस साल तो प्रवेश प्रक्त्रिया शुरु हो चुकी है।

घबराएं नहीं स्टूडेंट्स

प्रोवीसी्र प्रो। वाई विमला के अनुसार किसी भी एमफिल के स्टूडेंट को डरने की जरूरत नहीं है। जो एमफिल कर रहे हैं वह जरूर एमफिल करें। पहले जो लोग पीएचडी नहीं कर सकते थे उनके लिए एमफिल की व्यवस्था लाई गई थी। उन्होंने कहा कि किसी भी एमफिल के स्टूडेंट को डरने की जरूरत नहीं है। जो एमफिल कर रहे हैं वह जरूर एमफिल करें। पहले जो लोग पीएचडी नहीं कर सकते थे उनके लिए एमफिल की व्यवस्था लाई गई थी। किसी एमफिल के स्टूडेंट को डरने की जररुत नहीं है। जो एमफिल कर रहे है या कर चुके है उनको डरने की जरुरत नहीं है, पहले जो लोग पीएचडी नहीं कर सकते थे उनके लिए एमफिल की व्यवस्था थी। इस सरकार में रिसर्च पर ज्यादा जोर है, इसलिए पीएचडी पर फोकस किया गया है। दुनिया में कई जगहों पर ग्रेजुएशन के बादभी स्टूडेंट को पीएचडी करने का विकल्प होता है, लेकिन एमफिल की वैल्यू बनी रहेगी किसी को भी डरने की जरुरत नही है

मैने हिंदी से एमफिल की है लास्ट इयर ही, अब क्या होगा मेरी एमफिल खराब जाएगी क्या, कुछ समझ नही आ रहा है, क्या होगा अब मेरा

आरती,

मुझे लगा कि मेरी एमफिल खराब गई लेकिन ऐसा पता लगा रहा है एमफिल वालों के लिए भी नियम होगा जल्द ही उसको साझा किया जाएगा।

पूजा