हो रहा जलभराव, निगम नही कर पा रहा जल निकासी की व्यवस्था

सुभाषनगर की संकरी गलियां बरसात में रहती हैं जलमग्न

Meerut। साल दर साल शहर का विकास हो रहा है। हर साल नगर निगम, एमडीए, प्रशासन शहर के विकास की योजनाओं पर करोड़ों रुपया व्यय कर देते हैं, बावजूद इसके शहर की कुछ ऐसी समस्याएं हैं जो जस की तस हैं। ना तो समस्याओं को संबंधित विभाग दूर कर पा रहा है और ना ही उन समस्याओं का कुछ स्थाई समाधान निकल रहा है। इनमें से ही एक समस्या है मानसून आने पर शहर में जलभराव की। शहर में अधिकतर सभी वार्डो को कुछ तय स्थान हैं जहां हर बार तेज व हल्की बारिश में जलभराव होता ही है। नगर निगम हर बार दावा करता है कि इस बार जलभराव नही होगा, लेकिन ना तो जलभराव की समस्या दूर हो रही है और ना ही उस जगह पर जलभराव का स्थाई समाधान निकाला जा रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्सट ने शहर के कुछ ऐसे ही प्वाइंट पर रियलिटी चेक कर जलभराव के कारण और निगम की लापरवाही की जानकारी ली।

नाले बने सुभाषनगर के लिए नासूर

शहर के पुराने इलाकों में शामिल सुभाषनगर की बात करें तो हर साल सुभाषनगर की संकरी गलियां बरसात में जलमगन रहती हैं। स्थानीय लोगों को इसकी आदत पड़ चुकी है लोगों का कहना है कि सुभाष नगर के दो मेन नालों की सफाई ना हो पाने के कारण बरसात के बाद पानी गलियों से निकलने के बजाए घरों तक में भी जाता है। निगम हर साल इन नालों की सफाई का दावा करता है लेकिन एनएएस कालेज के बराबर वाले खुले नाले की सिल्ट निकालकर खानापूíत कर दी जाती है जबकि गुलमर्ग के सामने वाले अंडर ग्राउंड नाले की सफाई ना होने से आधे से अधिक वार्ड जलभराव की समस्या से जूझता है।

सफाई से महरूम नाला

स्थानीय लोगों की मानें तो गुलमर्ग सिनेमा के सामने सुभाषनगर के मेन नाले के अंडर ग्राउंड होने के कारण उसकी सफाई 32 साल से अधिक समय से नही हुई है। नाले का 500 मीटर के खुले हिस्से से सिल्ट निकालकर खानापूíत कर दी जाती है, लेकिन अंदर की सफाई नही होती है। ऐसे में हर साल जरा सी बारिश में सुभाष नगर की गलियों में जलभराव की समस्या बनी रहती है। खासतौर पर सुभाषनगर गली नंबर 1 व 2 में सबसे ज्यादा जलभराव की समस्या हर साल बनी रहती है। वहीं निगम का दावा है कि नाला हर साल नियमित रूप से साफ कराया जा रहा है, लेकिन तेज बारिश में कुछ समस्या बन जाती है।

13 लाख का नाला सफाई का टेंडर

निगम की मानें तो अब इस साल सुभाषनगर के नालों की सफाई के लिए निगम ने 13 लाख रुपए का टेंडर फाइनल कर दिया है लेकिन इस टेंडर के अनुसार काम कब शुरु होगा इसका जवाब खुद आला अधिकारियों के पास नही है। बरसात शुरु हो चुकी है और अभी तक केवल निरीक्षण का काम चल रहा है।

गलियों की साफ सफाई होती है, लेकिन नाले की सफाई पूरी तरह नहीं हो रही है। पूरे क्षेत्र का पानी नाले में जाता है लेकिन नाला ही सिल्ट से भरा रहता है। इसलिए बारिश में पानी ओवर फ्लो होकर गलियों में वापस आ जाता है।

नैनो

हमारे वार्ड में नाले के पानी के साथ आने वाली गंदगी बरसात के दिनो में साफ नहीं की जाती है। जिस कारण से नाले का पानी आगे बढ़ने के बजाए क्षेत्र मे भरता है। इस पानी की निकासी के लिए जरुरी है कि वार्ड के मेन नाले की सफाई एक बार पूरी तरह से की जाए।

सुनीता सिंह

नाला सिल्ट से भरा है इंदिरा चौक, बुढाना गेट तक के इलाकों का पानी इस नाले में आता है ऐसे में साफ सफाई ना होने से बरसात में गलियों का पानी नाले में बह नही पाता और गलियो में भी भरा रहता है। गंदगी और जलभराव के कारण गलियो का बुरा हाल रहता है।

निशा

सुभाषनगर के एक नाले की सफाई लगातार जारी है। उससे काफी हद तक क्षेत्र के जलभराव की समस्या दूर हो चुकी है। दूसरे नाले का टेंडर फाइनल हो चुका है लेकिन लॉक डाउन के कारण इस बार देरी हुई थी। जल्द दूसरा नाला भी साफ होगा।

डा गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

हमारे वार्ड के केवल एक नाले की सफाई हर साल हो जाती है क्योंकि वह ओपन है बाकि दूसरे नाले की 1987 के बाद से सफाई नही हुई है। इस नाले के कारण पूरा वार्ड जलभराव की समस्या से हर साल जूझता है इस नाले की सफाई के लिए मैने आत्मदाह का प्रयास तक किया था लेकिन निगम के आला अधिकारियों की तरफ से कोई काम नही हो रहा है।

पवन चौधरी, पार्षद वार्ड 29