नगर निगम 45 डेयरियों पर लगाया था तीन करोड़ 55 लाख 40 हजार रुपये जुर्माना

तहसील के माध्यम से होनी थी जुर्माने की रिकवरी, अधर में अटकी पड़ी है प्रक्रिया

Meerut। नालों में गोबर बहाकर शहर के नालों को जाम करने वाले डेयरी संचालकों पर नगर निगम लगाम कसने में नाकाम साबित हो रहा है। साल 2020 में नगर निगम ने पूरे दल-बल और जोर-शोर से अभियान चलाते हुए 45 के करीब डेयरियों पर साढे तीन करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया था। मगर वक्त के साथ ही निगम का अभियान और जोश दोनों ठंडे पड़ गए। जिसके चलते आज करीब एक साल बाद भी निगम को जुर्माने की रकम में से एक रुपया भी वसूल नहीं हो पाया है। जुर्माना तो दूर शहर से जिन डेयरियों को बाहर निकाला गया था, उनमें से भी अधिकतर वापस शहर में आ चुकी हैं। जुर्माना न देने पर तहसील के माध्यम से रिकवरी की जानी थी लेकिन पूरी प्रक्रिया अधर में अटकी हुई है।

एक साल बीता

दरअसल, नगर निगम का कहना था कि डेयरी संचालक नालों में गोबर बहा रहे हैं। इससे भूगर्भ जल प्रदूषित हो रहा है। संक्रामक रोग फैलने का खतरा है। इसलिए चार जनवरी 2019 के हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में 24 फरवरी 2020 को डेयरी संचालकों को नोटिस दिया गया था। इसमें तीन दिन में डेयरी शहर से बाहर ले जाने का आदेश था लेकिन आदेश का पालन न होने पर इसके बाद नगरीय ठोस प्रबंधन स्वच्छता उपविधि 2018 के अनुसार समन शुल्क आरोपित करने की कार्रवाई की गई। डेयरी संचालक नोटिस तिथि से 18 जून तक उसी स्थिति में मिले थे। तब नगर निगम ने अभियान चलाते हुए स्वच्छता उपविधि 2018 में प्रतिदिन के हिसाब से निर्धारित जुर्माने की राशि डेयरी संचालकों पर आरोपित करते हुए 3.5 करोड़ का जुर्माना लगाया था। मगर निगम एक साल बीत जाने के बावजूद एक रुपया तक वसूल नहीं कर पाया है। हालांकि नवंबर माह में इसके लिए अभियान चलाया गया था लेकिन उसके बाद भी किसी डेयरी संचालक ने जुर्माना नहीं दिया।

डेयरियों को नोटिस

गत वर्ष जून 2020 में तत्कालीन नगरायुक्त अरविंद चौरसिया ने डेयरियों के खिलाफ अभियान चलाते हुए शहर में 800 डेयरी संचालक चिन्हित किए थे। इनमें से 230 डेयरी संचालकों ने लिखित मे दे दिया था कि वे डेयरी शहर से बाहर ले जा चुके हैं। और उनका सत्यापन भी नगर निगम द्वारा कराया गया था। इस दौरान बाकि 525 करीब डेयरी संचालकों पर भी जुर्माना आरोपित किया गया था। इसमें मकबरा घोसियान के 28 और माधवपुरम के 17 डेयरी संचालकों को तीन करोड़ 55 लाख 40 हजार रुपये जुर्माने का नोटिस जारी किया गया था।

यह था जुर्माने का आधार

स्वच्छता उपविधि के तहत लगाया गया था जुर्माना

डेयरी पर 5 पशु पाए जाने पर प्रतिदिन 1000 रुपये जुर्माना

डेयरी पर 6 से 25 पशु पाए जाने पर प्रतिदिन 5000 रुपये जुर्माना

डेयरी पर 25 से अधिक पशु पाए जाने पर प्रतिदिन 10000 रुपये जुर्माना

स्वच्छता उपविधि 2018 में प्रतिदिन के हिसाब से निर्धारित जुर्माने की राशि डेयरी संचालकों पर आरोपित करते हुए 3.5 करोड़ का जुर्माना लगाया था। मगर कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन के चलते डेयरी संचालकों से जुर्माना वसूली का काम प्रभावित हो गया था। अब दोबारा इस मामले की जानकारी ली गई है।

ब्रजपाल सिंह, सहायक नगर आयुक्त