सिकमी किराएदारी का मामला, निगम से किराए पर दुकान लेकर उठा रखी हैं आगे किराए पर

सात दिन में मांगा जवाब, जवाब न मिलने पर निगम करेगा दुकान का आवंटन निरस्त

Meerut। नगर निगम की दुकानों को किराए पर लेकर मूल आंवटियों ने बड़ी संख्या में दुकाने किराए पर उठा दी हैं, जो नियम विरूद्ध है। इस मामले में निगम ने 383 मूल आवंटियों को नोटिस जारी किया है। उनसे दूसरे व्यक्ति को किराए पर दुकान उठाने का जवाब सात दिन के भीतर मांगा गया है। जवाब न मिलने पर ऐसे मूल आवंटियों का किराए पर दुकान का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा।

आवंटन होगा निरस्त

प्रभारी किराया व सहायक नगर आयुक्त प्रथम ब्रजपाल सिंह ने बताया कि नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि यदि नोटिस प्राप्त होने की तिथि से सात दिन के भीतर समुचित जवाब नहीं दिया गया तो यह माना जाएगा कि मूल आवंटी को दुकान की आवश्यकता नहीं है। आवंटन को निरस्त करते हुए दुकान को सिकमी किराएदार से खाली कराकर पुन: आवंटन की प्रक्रिया की जाएगी।

सिकमी किराएदार काबिज

नगर निगम की शहर में कुल 973 दुकानें हैं। जो घंटाघर पालिका बाजार, शारदा रोड पर सरदार पटेल इंटर कॉलेज के पास, भगत सिंह मार्केट, मेट्रो प्लाजा के सामने, तेजगढ़ी चौराहे के समीप सहित विभिन्न स्थानों पर मौजूद हैं। नगर निगम ने गत दिनों दुकानों के ऐसे किराएदारों का सर्वे कराया, जिन्होंने नगर निगम से किराए पर दुकानों का आवंटन तो कराया। मगर खुद दुकान चलाने की बजाए दूसरे व्यक्ति ( सिकमी किरायेदार) को दुकान किराए पर उठा दी। सर्वें में लगभग 383 मूल आवंटियों की दुकानें ऐसी पाई गई, जिनमें सिकमी किराएदार काबिज हैं।

शर्तो के विरुद्ध

नगर निगम ने इन दुकानों के मूल आवंटियों को नोटिस दिया है। जारी नोटिस में कहा गया है कि दुकान पर स्वयं कार्य न करके अन्य किसी व्यक्ति को किराए पर दिया जाना, संयुक्त किरायेदारी पर रखना नगर निगम अधिनियम व आवंटन की अनुबंध की शर्तों के विरूद्ध है। मालूम हो कि सालों से निगम की दुकानों पर सिकमी किराएदार काबिज हैं। दुकान का किराया भी कहीं 200 रुपये तो कहीं 300 रुपये है।