नगर निगम बढ़ाएगा अपने आय के संसाधन

हाउस टैक्स और किराये वसूली में होगा सुधार

Meerut। सालभर वित्तीय संकट से जूझने के बाद साल के अंत में एक फिर निगम का कोष खाली हो चुका है। शहर में अधिकतर विकास कार्य अधर में हैं। ऐसे में भुगतान को लेकर ठेकेदारों और निगम के अधिकारियों के बीच कहासुनी बढ़ रही है। निगम अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए हर साल योजना तैयार करता है, लेकिन विकास कार्यो का खर्च अधिक होने के कारण योजना अधर में ही रूक जाती है। ऐसे में इस बार भी निगम अपने कई मदों में सुधार कर अगले वित्तीय वर्ष में आय बढ़ाने की कवायद में जुट गया है। इनमें सबसे संपत्ति की वसूली बढ़ाकर आय बढ़ाने को प्रमुखता से रखा गया है।

कूड़ा कलेक्शन से उम्मीद

नगर निगम की कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था साल 2018 में शुरु हुई थी लेकिन तभी से यह फ्री सेवा जारी है। लेकिन अब निगम अपनी इस सेवा पर शुल्क लगाकर आय बढ़ाना चाह रहा है। इसके तहत डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पर प्रति घर 50 रुपये प्रतिमाह, वार्षिक 600 रुपये यूजर चार्ज की वसूली होगी। इससे नगर निगम को हर साल कम से कम 13 करोड़ आय होने की उम्मीद है।

टैक्स से सुधरेगी स्थिति

नगर निगम ने इस साल जीआइएस प्रणाली से घरेलू व व्यवसायिक संपत्तियों की पहचान का काम शुरु किया है। इस प्रणाली के बाद हजारों की संख्या में नई सपंत्तियां निगम को मिलेंगी, जिनसे हाउस टैक्स निगम को नही प्राप्त होता है। ऐसे में 1 लाख तक नई संपत्तियों से निगम को टैक्स मिलने से निगम की आय में वृद्धि होगी। इसके बाद करीब 120 से 130 करोड़ के संपत्ति कर की डिमांड जनरेट हो सकेगी। जबकि इस साल तक निगम द्वारा 60 करोड़ तक संपत्ति कर डिमांड रहती है।

सर्किल रेट के अनुसार किराया

निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए दुकानों के किराये में वृद्धि की योजना बना रहा है। नगर निगम सीमा में करीब 973 दुकानें किराये पर चल रही हैं। इन दुकानों से हर साल करीब 50 लाख किराया निगम को मिलता है अब निगम ने इन दुकानों के किराये को सर्किल रेट के अनुसार लेने का प्रस्ताव पास किया है। यदि सर्किल रेट 50 फीसद भी किराया बढ़ाया जाता है तो यह किराया 2 करोड़ तक निगम को मिल सकता है।

खाद और बिजली से बढे़गी आय

नगर निगम ने इस साल दो कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाकर कूडे़ का निस्तारण शुरु कर दिया है। इसमें गांवड़ी और भूडबराल का प्लांट शामिल है वहीं तीसरा प्लांट लोहियानगर में अगले कुछ माह में शुरु होने जा रहा है। इन तीन कूड़ा निस्तारण प्लांट से प्रतिदिन 180 टन खाद का निर्माण किया जाएगा जो कि किसानों को बेची जाएगी। इसके लिए सरकार प्रति टन 1500 रुपये नगर निगम को देगी। यानि शहर के कूडे़ से निगम को हर साल 12 करोड़ की आय की उम्मीद है।

खाली जमीन से आय

वहीं, नगर निगम अपने बाजारों की छतों को व्यवसायिक उपयोग कर आय बढ़ाने की योजना पर भी काम कर रहा है। साथ ही साथ नगर निगम अपनी खाली जगहों को किराये पर देकर उनसे भी आय अर्जित करेगा। इन जगहों पर बारात घर, कॉम्पलेक्स आदि बनवाकर किराये पर दिया जाएगा।

फैक्ट-

194 करोड़ रुपये खर्च किए गए वेतन, पेंशन, आउटसोर्स, डीजल पर

57 करोड़ रुपये ही निगम ने कमाए इस खर्च के बदले

2.80 लाख की संपत्ति निगम के रिकार्ड में है दर्ज

60 करोड़ रुपये है हर साल संपत्ति कर वसूली का टारगेट

38 करोड़ रुपये हुई थी साल 2018 में हुए संपत्ति कर की वसूली

250 करोड़ है बकाया संपत्ति कर निगम के बकायेदारों पर

9 से 10 करोड़ आय है कि विज्ञापन के बदले निगम की

58 करोड़ रुपये की देनदारी है वित्तीय वर्ष 2018-19 में

निगम की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न बिंदुओं पर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इसमें हाउस टैक्स, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन फीस, दुकानों का किराया प्रमुख बिंदु हैं जिनसे इस वित्तीय वर्ष की आय में इजाफा होगा।

ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त