नगर निगम कराएगा सेप्टिक टैंक के लिए सर्वे

Meerut। भूजल प्रदूषण को कम करने के लिए नगर विकास विभाग जल्द ही शहरी क्षेत्रों के घरों में बने सेप्टिक टैंक को चिह्नित कराने के लिए सर्वे कराएगा। इसके बाद ऐसे लोगों से सेप्टिक टैंक सफाई चार्ज की वसूली की जाएगी और जो सेप्टिक टैंक नही बनाएंगे, उनसे जुर्माना तक वसूला जाएगा। दरअसल सेप्टिक टैंक न होने के कारण भूजल प्रदूषित होने का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में इस योजना पर निगम अब अधिक गंभीरता से अपनाएगा।

नीति पर अमल

दरअसल केंद्र सरकार द्वारा द प्रोहिबिशन ऑफ एंप्लायमेंट एज मैन्युअल स्कैवेंजर्स एंड देयर रिहेबिलिटेशन एक्ट-2013 छह दिसंबर 2013 से देशभर में लागू है। इसके प्रावधानों के अनुसार घर के शौचालय की गंदगी नाला-नाली में बहाना अपराध है। इसे सामाजिक बुराई भी मानते हुए गत वर्ष कैबिनेट द्वारा सेप्टिक टैंक सफाई की नीति को मंजूरी दी थी। इसके तहत घरों या प्रतिष्ठानों में सेप्टिक टैंक बनवाना अनिवार्य किया गया था और प्रत्येक पांच साल पर टैंक सफाई कराने का नियम बनाया गया था। लेकिन इसके बाद भी शहर में अभी तक घरों में सेप्टिक टैंक नही बना है। और जहां जहां सेप्टिक टैंक बने हुए हैं वहां नियमित रूप से इनकी सफाई नहीं हो रही है। इससे डायरेक्ट गंदा पानी जमीन में जाकर भूजल को प्रदूषित कर रहा है। ऐसे में सेप्टिक टैंक बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है।

साफ नहीं हो रहे टैंक

शहरी क्षेत्रों का दायरा काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। ऐसे में पुराने शहर में अनियोजित रूप से बसी कालोनियों में सीवर लाइन की व्यवस्था न होने की वजह से लोगों ने घरों में काफी हद तक सेप्टिक टैंक बनवा रखे हैं, लेकिन इनकी नियमत पांच साल में सफाई नही हो रही है। अधिकतर मकान मालिक ओवर फ्लो होने की स्थिति में ही इसकी सफाई कराते हैं। इससे भू-जल भी प्रदूषित होता है। ऐसे में नगर निगम शहरों में सेप्टिक टैंक को चिह्नति करने के लिए अभियान चलाकर सेप्टिक टैंक की सफाई पर नजर रखेगा और जुर्माना वसूलेगा।

गलत बन रहे टैंक

घरों में सेप्टिक टैंक बनाने वालों को तकनीकी जानकारी भी नहीं है। इसके चलते भू-जल के साथ वायु प्रदूषण का खतरा बना रहता है। लोग जानकारी के अभाव में घरों के अंदर सेप्टिक टैंक बना देते हैं, इससे शौचालय के नीचे सड़क, नालियों पर इसका गंदा पानी बहाया जाता है। सही तरीके से इसका रख-रखाव न होने से मल कीचड़ छलकने व दुर्गंध से लोगों के स्वास्थ्य का खतरा बना रहता है। इसीलिए नगर निगम अब नगर विकास विभाग द्वारा बनाई गई सफाई की नीति को अप्लाई करेगा।

निगम ने दी थी तहरीर

ऐसे ही एक मामले में निगम ने सक्रियता दिखाते हुए गत माह शौचालय की गंदगी सीधे नाली में बहाने के मामले में नगर आयुक्त ने भवन स्वामी के खिलाफ थाने में तहरीर दी थी। दरअसल वार्ड सात अंतर्गत सोफीपुर में एक व्यक्ति अपने मकान के शौचालय को सीधे नाली में जोड़कर गंदगी फैला रहा था। उसने सेप्टिक टैंक नहीं बनाया था। इसकी शिकायत पर नगर ने नोटिस देकर 21 दिन में सेप्टिक टैंक बनवाने का निर्देश दिया था।

सेप्टिक टैंक हर घर में होना और टैंक की हर पांच साल में सफाई अनिवार्य है। साथ ही शौचालय की गंदगी सीधा नाला-नाली में बहाना अपराध है। ऐसे मामले सामने आने पर संबंधित भवन स्वामी से जुर्माना भी लिया जाएगा और उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी